कब्ज दूर करने की आयुर्वेदिक औषधि के बारे में जानने से पहले जान ले की कब्ज क्या होती है ?
कब्ज जिसे इंग्लिश में Constipation भी कहते है, सब रोगों का मूल है | दूसरे शब्दों में यह भी कहा जा सकता है की कब्ज ही सभी बिमारिओ की जड़ है, इसलिए पेट को हमेशा साफ रखना चाहिए | पेट में शुष्क मल का जमा होना ही कब्ज है। यदि कब्ज का शीघ्र ही उपचार नहीं किया जाये तो शरीर में अनेक विकार उत्पन्न हो जाते हैं। कब्जियत का मतलब ही प्रतिदिन पेट साफ न होने से है। एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन में दो बार यानी सुबह और शाम को तो मल त्याग के लिये जाना ही चाहिये। दो बार नहीं तो कम से कम एक बार तो जाना आवश्यक है। रोज कम से कम सुबह मल त्याग न कर पाना अस्वस्थता या कब्ज के रोग की निशानी है।
आगे बताई गई कब्ज दूर करने की आयुर्वेदिक औषधि के कुछ ही दिनों के सेवन से पुरानी से पुरानी कब्ज दूर हो जाती है | तक़रीबन १५ दिन तक लगातार लेने से पेट बिलकुल शुद्ध और टॉक्सिन्स फ्री हो जाता है |
कब्ज दूर करने की आयुर्वेदिक औषधि बनाने का तरीक़ा :-
छोटी (काली) हरड़ १०० ग्राम देसी घी मैं भून ले | जब हरड़ फूल जाये और धुँआ सा निकलने लगे तब उसे घी से अलग कर ले | उसके बाद ५० ग्राम सोफ (बड़ी) लेकर देसी घी मैं भून ले | और ५० ग्राम सोफ ले कर उसे भुनी हुई सोफ मैं मिला ले | अब पहले भुनी हुई हरड़ को कूटकर मोटा (दरदरा ) चूर्ण बना ले और फिर सोफ को भी इसी तरह कूट ले | इस दरदरे चूर्ण मैं २०० ग्राम देसी घी ( पाचन शक्ति के अनुसार) और ४०० ग्राम बुरा या मिश्री मिलाकर किसी कांच के बर्तन मैं सावधनीपूर्वक रख ले | बस दवा तैयार है |
कब्ज दूर करने की आयुर्वेदिक औषधि के सेवन की विधि :-
इस चूर्ण मैं से १० ग्राम ( २ चम्मच) की मात्रा से नित्य सुबह और शाम गरम दूध के साथ ले और दो घण्टे आगे पीछे कुछ न खाये |
कब्ज दूर करने की आयुर्वेदिक औषधि के फायदे :-
१) इसके कुछ ही दिनों के सेवन से पुरानी से पुरानी कब्ज दूर हो जाती है | तक़रीबन १५ दिन तक लगातार लेने से पेट बिलकुल साफ हो जाता है |
२) गैस और आँव मिटती है तथा पेट के कीड़े नष्ट होते है |
३) यह कब्ज को दूर करता है |
४) यह शरीर मैं गैस का नाश करता है |
५) यह बलवीर्य वर्धक रसायन है |
६) यह ह्रदय बलवर्धक है |
७) इससे आँखों की रौशनी बढ़ती है |
८) इसे सभी मौसमो (ऋतुओ ) मैं लिया जा सकता है |