डेंगू बुखार के लक्षण व उपचार (Dengue Bukhar Ke Lakshan Aur Upchar) – डेंगू बुख़ार (Dengue Fiver in Hindi) एक प्रकार का संक्रमण है जो मच्छरों द्वारा फैलाया जाता है। मच्छर, डेंगू वायरस को फैलाने का जरिया बनते है। इतना ही नहीं , वे व्यक्ति जो कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके है, उनके लिए डेंगू वायरस और भी अधिक खतरनाक है। ऐसे समय में डेंगू बुखार (डेंगू फीवर हिंदी) होने पर, इसके लक्षणों ( Dengue Symptoms in Hindi ) को पहचानकर सही समय पर इसका इलाज होने से इस बीमारी को भयावक होने से रोका जा सकता है। इस लेख में डेंगू बुखार के लक्षण व उपचार की जानकारी दे रहे है ताकि इसके लक्षणों को पहचानकर समय रहते इसका उपचार किया जा सके।
डेंगू के लक्षण व उपचार | Dengue Ke Lakshan Aur Upchar
डेंगू बुखार के कुछ लक्षण जैसे तेज बुखार के साथ सिर दर्द, मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, जी मिचलाना, ग्रंथियों में सूजन, त्वचा पर लाल चकत्ते होना आदि है। इन लक्षणों के दिखने पर मरीज के उपचार के लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे, रोगी को अधिक मात्रा में पानी पिलाये, नारियल पानी पिलाये, पपीते के पत्तो के रस पिलाये, ORS का घोल थोड़ी-२ देर बाद थोड़ी-२ मात्रा में देना तुरंत शुरू कर दे। साथ ही डेंगू में परहेज का पालन भी शुरू कर दे।
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डेंगू बुखार क्या होता है ?
डेंगू बुख़ार, बुखार का खतरनाक रूप हैं जिसका समय पर इलाज न मिलने से रोगी को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ सकता है। इस बुखार को “हड्डीतोड़ बुख़ार” के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसमें रोगी को इतना अधिक दर्द होता है जैसे की उसकी हड्डियां टूट गयी हों।
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डेंगू किस कारण होता है ?
डेंगू एक संक्रामक रोग है जो डेंगू वायरस के शरीर में प्रवेश करने के कारण होता है। यह वायरस चार प्रकार का होता है जिसे DEN-1, DEN-2, DEN-3, DEN-4 के नाम से भी जाना जाता है। DEN-1 और DEN-3 के मुकाबले DEN-2 और DEN-4 कम खतरनाक होते है।
डेंगू फैलता कैसे है ?
मलेरिया बुखार की तरह ही डेंगू बुखार भी मच्छरों एक काटने से ही फैलता है लेकिन कोई आम मच्छर नहीं , डेंगू बुखार सिर्फ मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से ही फैलता है, जो एक ऐसा मच्छर है जो अधिकतर दिन में ही काटता है। भारत में यह रोग बरसात के मौसम में या उसके बाद , जब मच्छरों का प्रकोप बहुत अधिक होता है, के समय में ही फैलता है।
होता यह है की डेंगू के रोगी के ब्लड में डेंगू वायरस काफी मात्रा में मौजूद होते है। जब कोई मादा एडीज मच्छर डेंगू के रोगी को काटता है और ब्लड चूसता है तो वह वायरस भी मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के शरीर में चला जाता है और वहां पर जिन्दा रहता है, और विकसित होता है। यही मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो डेंगू वायरस उस स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में चला जाता है। जिसका प्रभाव कुछ दिनों के अंदर ही दिखाई देने लग जाता है।
डेंगू वायरस के शरीर में प्रवेश करने के कितने दिन में डेंगू बुखार के लक्षण ( Dengue Symptoms in Hindi ) दिखाई देने लगते है ?
डेंगू वायरस से संक्रमित एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने के 3-5 दिन के बाद डेंगू बुखार के लक्षण दिखाई देने शुरू हो जाते है। कई व्यक्तिओ में यह समय 3-10 दिन का भी हो सकता है।
डेंगू बुखार कितने तरह का होता है ?
डेंगू बुखार (Dengue Fever in Hindi) 3 तरह का होता है।
- क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार
- डेंगू रक्तस्रावी बुखार (DHF)
- डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS)
क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार साधारण बुखार जितनी ही खतरनाक होता है। यह जानलेवा नहीं होता और 3-10 दिन के अंदर यह ठीक हो जाता है लेकिन यदि डेंगू रक्तस्रावी बुखार (DHF) और डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) के लक्षणों को पहचानकर, उनका तुरंत उपचार प्रारम्भ न किया जाये तो यह जानलेवा भी सिद्ध हो सकते है।
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डेंगू बुखार के लक्षण व उपचार | Dengue Bukhar Ke Lakshan Aur Upchar
ऊपर दी गई जानकारी के आधार पर यह भी कहा जा सकता है की डेंगू बुखार के लक्षण और उपचार की जानकारी ही डेंगू के रोगी की जान बचा सकती है। समय रहते डेंगू के लक्षण ( Dengue Symptoms in Hindi ) को पहचानकर, आप सही से जान पायंगे की रोगी की स्तिथि क्या है? क्या डेंगू का उपचार घर पर ही किया जा सकता है ? या उसे अस्पताल में भर्ती करवाने की आवश्यकता है ?
आइये जानते है डेंगू के सभी प्रकार के लक्षण, उपचार और सावधानियों के बारे में।
डेंगू बुखार के लक्षण | Dengue ke Lakshan
अब तक आप समझ चुके होंगे की डेंगू बुखार के लक्षणों को पहचानना इतना आवश्यक क्यों है। आइये जानते है साधारण डेंगू बुखार और DHF और DSS के लक्षणों के बारे में :-
साधारण डेंगू बुखार के लक्षण
- ठण्ड लगने के साथ अचानक तेज बुखार (102 या 104)
- सर दर्द, मासपेशियो में दर्द और जोड़ो में दर्द
- आँखों के पिछले भाग में दर्द होना जो आँखों को दबाने या हिलाने से और भी बढ़ जाता हो
- अत्यधिक कमजोरी और भूख में कमी
- जी मचलाना और मुँह का स्वाद खराब होना
- चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल और गुलाबी दानो की तरह के रेशे होना
- ब्लड में प्लेटलेट्स की मात्रा में कमी
यह बुखार साधारण ही होता है और अधिकतर 5-7 दिन तक रहता है
डेंगू रक्तस्रावी बुखार (DHF)
अगर साधारण डेंगू बुखार के लक्षणों के साथ-२ आगे बताये गए लक्षणों में से एक भी लक्षण भी नजर आये तो समझना चाहिए की DHF हो गया है और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। साथ ही यदि किसी व्यक्ति को पहले डेंगू बुखार हो चूका हो तो उसको डेंगू रक्तस्रावी बुखार (DHF) होने की संभावनाएं अधिक होती हैं। आइये जाने डेंगू रक्तस्रावी बुखार (DHF) के लक्षण :-
डेंगू रक्तस्रावी बुखार (DHF) के लक्षण
- नाक से खून आना |
- मसूड़ों से खून आना |
- पॉटी या उलटी में खून आना |
- स्किन पर गहरे काले या नीले रंग के छोटे या बड़े चकते पड़ जाना।
- ब्लड में प्लेटलेट्स की मात्रा में काफी अधिक कमी आना |
- डेंगू (DHF) से प्रभावित कई लोगो में कब्ज और मूत्र संक्रमण (Constipation in Dengue) के लक्षण भी देखे गए है।
डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS)
इस प्रकार का डेंगू बुखार तो और भी ज्यादा खतरनाक होता है। इसमें साधारण बुखार और DHF डेंगू बुखार के सारे लक्षण तो नजर आते ही है साथ ही शॉक के कुछ खतरनाक लक्षण भी दिखाई देने लगते है। जैसे :-
डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) के लक्षण
- बेचैनी और तेज बुखार के साथ-२ मरीज को अपना शरीर ठंडा होता हुआ महसूस होता है।
- मरीज धीरे-२ अपना होश खोने लगता है।
- मरीज का ब्लड प्रेशर कम होने लगता है और नाड़ी भी तेज चलती हुई और कमजोर महसूस होती है।
कुछ अन्य लक्षण
डेंगू से प्रभावित कई लोगों को पीठ के निचले हिस्से में दर्द (Back Pain in Dengue) की शिकायत होती है। गर्दन और कमर के लिम्फ नोड्स सूज सकते हैं।
डेंगू का उपचार | Dengue ka Upchar
सिर्फ साधारण डेंगू बुखार के लक्षणों के दिखाई देने पर रोगी का इलाज घर पर ही किया जा सकता है। बुखार को उतारने के लिए पेरासिटामोल टेबलेट्स डॉक्टर की सलाह पर दी जा सकती है।
खून में प्लेटलेट्स की मात्रा को बढ़ाने के कुछ घरेलु उपचार भी मौजूद है जिनका इस्तेमाल डेंगू को बढ़ने से रोकने और ठीक करने के लिए, चिकित्सक की सलाह से किया जा सकता है। आइये जानते है डेंगू के घरेलु उपचार :-
- पपीते के पत्तो के रस के सेवन से खून में प्लेटलेट्स की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है।
- नीम के पत्तो के रस का सेवन करने से खून में प्लेटलेट्स की मात्रा और सफ़ेद रक्त कोशिकाओं की वृद्धि करने और इम्युनिटी पावर को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।
- नारियल पानी में शरीर केलिए जरूरी पोषक तत्व जैसे मिनरल्स और एलेक्ट्रोलाइट्स मौजूद होते है जो किसी भी तरह के बुखार में फायदा पहुंचाते है।
- गिलोय के तने का काढ़ा डेंगू बुखार के लक्षणों को दूर करने में फायदेमंद होता है।
- तुलसी पूजनीय होने के साथ-२ शरीर की रोगो से रक्षा भी करती है। 8-10 तुलसी की पत्तिओ का काढ़ा बनाकर, उसमे थोड़ी सी काली मिर्च का चूर्ण छिड़ककर सेवन करना डेंगू में फायदेमंद होता है।
- मेथी के पत्ते बुखार और शरीर में दर्दो में आराम पहुंचाते है तथा डेंगू बुखार के लक्षणों को दूर करने का सबसे अच्छा घरेलू उपचार है।
- डेंगू बुखार के कारण खून में प्लेटलेट्स (Platelets) की संख्या में काफी कमी आ जाती है। जौ घास में रक्त कोशिकाओं के उत्पादन की क्रिया को सही करके, खून में प्लेटलेट्स (Platelets) की संख्या में वृद्धि करने की क्षमता होती है इसलिए जौ घास से काढ़ा पीना डेंगू में काफी फायदेमंद होता है।
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डेंगू बुखार में सावधानिया
- डेंगू बुखार के रोगी को हल्का, पचने में आसान और पौष्टिक भोजन पूरी मात्रा में दे क्योकि बुखार से लड़ने के लिए रोगी को ताकत की आवश्यकता होती है जो उसे पौष्टिक भोजन के सेवन से ही मिलेगी।
- डेंगू के मरीज को अधिक मात्रा में पानी और अन्य तरल पदार्थ पीने चाहिए।
- डेंगू बुखार के रोगी को हल्का, पचने में आसान और पौष्टिक भोजन पूरी मात्रा में दे क्योकि बुखार से लड़ने के लिए रोगी को ताकत की आवश्यकता होती है जो उसे पौष्टिक भोजन के सेवन से ही मिलेगी।
- बुखार उतारने के लिए डिस्प्रिन या एस्प्रिन बिलकुल न दे उसके स्थान पर पेरासिटामोल ही दे।
- डेंगू के मरीज को पूरा आराम करना चाहिए।
- डेंगू से प्रभावित रोगी के लिए कुछ सूखे मेवों (Dry Fruits for Dengue Fever) का सेवन करना भी फायदेमंद होता है। डेंगू फीवर में किशमिश बादाम और अखरोट का सेवन किया जा सकता है लेकिन काजू मूंगफली और पीनट्स का सेवन नहीं करना चाहिए।
डेंगू बुखार का पहला संकेत क्या है?
ठण्ड लगने के साथ अचानक तेज बुखार (102 या 104), सर दर्द, मासपेशियो में दर्द और जोड़ो में दर्द, आँखों के पिछले भाग में दर्द होना जो आँखों को दबाने या हिलाने से और भी बढ़ जाता हो, अत्यधिक कमजोरी और भूख में कमी, जी मचलाना और मुँह का स्वाद खराब होना, चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल और गुलाबी दानो की तरह के रेशे होना, ब्लड में प्लेटलेट्स की मात्रा में कमी आदि डेंगू बुखार के शुरुआती लक्षण है।
डेंगू का बुखार कितने दिन में ठीक होता है?
साधारण (क्लासिकल) डेंगू बुखार सहीसे उपचार करने पर लगभग 5-7 दिन में ठीक हो जाता हैं।
डेंगू में कौन सी दवाई लेनी चाहिए?
सिर्फ साधारण डेंगू बुखार के लक्षणों के दिखाई देने पर रोगी का इलाज घर पर ही किया जा सकता है। बुखार को उतारने के लिए पेरासिटामोल टेबलेट्स डॉक्टर की सलाह पर दी जा सकती है।
ध्यान दे की यदि रोगी में डेंगू रक्तस्रावी बुखार (DHF) या डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) का एक भी लक्षण नजर आये तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे, क्योकि इन दोनों तरह का डेंगू काफी खतरनाक होता है जिसमे जान जाने का खतरा भी पैदा हो जाता है। ऐसे में सिर्फ घरेलु उपचार के भरोसे न रहे, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे। समय पर डॉक्टरी उपचार मिलने पर इनका सम्पूर्ण उपचार संभव है।
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