बच्चों के रोने का कारण और उनको संभालने के उपाय

बच्चों के रोने का कारण और उनको संभालने के उपाय

नवजात शिशु में फरिश्तों के समान होते हैं | शहद से भी मीठी किलकारियां, रुई से भी मुलायम गोल मटोल शरीर, खिलते फूलों से भी प्यारा चेहरा | इन के खुश होने पर पूरा घर खुशियों से भर उठता है और कोई भी नहीं चाहता कि यह बच्चे रोए | आइये आपको बच्चों के रोने का कारण और उनको चुप कराने के कुछ तरीकों के बारे में बताते हैं |

बच्चे रोने के कारण

1) बच्चों के रोने पर अक्सर माता-पिता चिंतित हो जाते हैं | जब बच्चा रो रहा हो तो सबसे पहले उसकी नैपी चेक करें | कई बार नैपी भी गीली होने पर बच्चे असहज महसूस होने पर रोना शुरु कर देते हैं | बच्चे रोने के कारण में से एक महत्वपूर्ण कारण यह भी होता है। 

2) कई बार जब बच्चा सोते हुए रोने लगे तो चेक करें कि कहीं बेड पर कोई चीज तो नहीं रखी जो उसको चुभ रही हो | कई बार बेडशीट के बेतरतीब होने पर भी बेबी रोना शुरु कर देते हैं इसलिए उसके बिछावन को अच्छी तरीके से बिछाय |

3) बच्चे अगर कम कपड़े में हो या कपड़ों से लदे हों तो ठंड या गर्मी महसूस होने पर कई बार असहजता के कारण रोना शुरु कर देते हैं | मौसम को देखते हुए उनके कपड़ों को कम या ज्यादा करें |

4) बेबी जब रो रहा हो तो उसे अपने कंधे से लगा ले | उससे बातें करें या गुनगुना कर कुछ सुनाएं | कई बार असुरक्षा की भावना के कारण बच्चे रोना शुरु कर देते हैं लेकिन अपनी मां का स्पर्श पाते ही वे सामान्य हो जाते हैं |

5) बेबी को सोने के लिए छोड़कर कमरे से बाहर निकलने से पहले उसके बेड पर कुछ सॉफ्ट टॉयज रख दे ताकि नींद खुलने पर खुद को अकेला पाकर वह घबरा कर रोने ना लगे |

6) भूख लगने पर भी बच्चे रोते हैं इसलिए जब बच्चा रोए तो उसे सबसे पहले खाने को कुछ दे |

7) बच्चे को पोटी करने में तकलीफ हो रही हो तो कब्ज हो सकती है | ऐसे में बच्चे को पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाएं | उसकी डाइट में सब्जी और फलों को शामिल करें | बच्चे को बार बार पोट्टी आ रही हो तो चिकित्सक के पास जाने से पहले उसे जीवन रक्षक घोल पिलाये वरना उसके शरीर में पानी की कमी हो जाएगी |

कुछ लोगों की यह धारणा है कि दांत निकलने के दौरान बच्चे का पेट खराब हो जाता है जबकि ऐसा नहीं है | आमतौर पर इस समय बच्चे अपनी उंगलियों को बार-बार मुंह में डालते हैं और इधर उधर की चीजों को भी उठा कर मुंह में रख लेते हैं | इससे संक्रमण होने से पेट खराब हो सकता है | फीड कराने वाली मां बच्चे को अपना फीड देती रहे तो और चिकित्सक से संपर्क करें |

8) कई बार बच्चे कान में संक्रमण होने पर जोर जोर से रोना शुरू कर देते हैं और हाथों से कान को खींचने लगते हैं | पेरासिटामोल सिरप से बेबी को रिलीफ मिलेगा लेकिन कान के संक्रमण को ठीक करने के लिए चिकित्सक से मिले |

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