99% लोगो को नहीं है भिंडी की यह जानकारी

भिंडी का सभी सब्जियों (Vegetables) में महत्वपूर्ण स्थान है | भिंडी (Okra) गर्मियों और वर्षा ऋतु की एक पौष्टिक सब्जी है जो देर से हजम (Digest) होती है और जिसे हर आदमी शौक से खाता है |

भिंडी खाने के फायदे भी बहुत है | इसमें शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व (Nutrients) भरपूर मात्रा में पाए जाते है | इतना ही नहीं बहुत से लोग इसे कच्ची भी खाना पसंद करते हैं | आइये जानते है भिंडी के बारे में :-

भिंडी खाने के फायदे | Bhindi Khane ke Fayde

भिंडी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद मानी जाती है। भिंडी में विटामिन्स, मिनरल, फ्लोएट और कैल्शियम सहित कई खनिज तत्व और विटामिन्स मौजूद होते है जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक होते है। भिंडी को अपने भोजन में शामिल कर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाया जा सकता है। हम इस लेख में आपको भिंडी के विषय में कुछ जानकारी और भिंडी खाने के फायदों की जानकारी दे रहे है :-

भिंडी (Okra) के नाम

इसे संस्कृत और हिंदी में भिंडी, बंगला में स्वनाम ख्यात पलशाक, मराठी में भेड़े, बड़े गुजराती में भोंडा, फारसी में वामिया और अंग्रेजी में Ladyfinger या okra in Hindi भी कहते हैं |

भिंडी में मौजूद पोषक तत्व

भिंडी में कैल्शियम, चूना और Iron काफी तादाद में पाए जाते हैं | जो पुट्ठों और हड्डियों को मजबूत करते हैं | इसके अलावा इसमें विटामिन ‘A’, विटामिन ‘C’, फास्फोरस, पोटेशियम, Iodine आदि तत्व भी काफी मात्रा में मौजूद होते हैं |

यह एक ऐसी सब्जी है जो अपने लाभकारी गुणों (Beneficial Qualities) के कारण सब्जियों की शहजादी कहलाती है | इसकी तासीर ठंडी होती है | यह (Okra) एक बलवर्धक, शुक्रवर्धक और खांसी (Cough) में लाभप्रद होने के साथ-२ अग्निवर्धक सब्जी है |

साथ ही यह एक ऐसी लेसदार (Gelatinous), देर से हजम (Late digest) होने वाली सब्जी है जो बदहजमी की शिकायत रखने वाले कमजोर मैदे वाले लोगों के पेट में बदबूदार गैस (Stinking gas) उत्पन्न करने का कारण भी बनती है |

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भिंडी पकाने से पहले जाने यह बातें

भिंडी को पकाने (Cook) से पहले खूब अच्छी तरह से धो लेना चाहिए, क्योंकि इसकी रोंएदार परत (Rider Layer) पर अक्सर छोटे-2 कीटाणु (Insect) चिपके रहते हैं जो हमें दिखाई नहीं देते | इस (Okra) को पकाने से पूर्व इसके दोनों सिरों (End) को काट लेना अति आवश्यक होता है |

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भिंडी कैसे खाई जाती है ?

हमारे देश में यह अलग-२ तरीके से बनाई जाती है | साबुत भिंडी मसाला भर कर बनाई जाती है जो कि बहुत स्वादिष्ट होती है | इसके टुकड़े काटकर, प्याज लहसुन के साथ खाते हैं, तो कुछ लोग कच्ची भिंडी पर नींबू (Lemon) का रस और मसाले (Spices) लगा कर खाते हैं |

भिंडी खाने के फायदे | Bhindi Ke Fayde

पेशाब के मरीजों के लिए यह एक बेहतरीन दवा है और कब्ज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है | मर्दों के लिए इसमें कई कीमती और ताकतवर चीज है | आइये जानते है भिंडी खाने के फायदे और विभिन्न रोगो में इसका प्रयोग कैसे करे :-

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भिंडी का विभिन्न रोगों में प्रयोग (Uses) इस प्रकार है:-

  1. पेचिश (Dysentery) – भिंडी की सब्जी का सेवन करने से पेचिश (Dysentery) में फायदा होता है |
  2. आंतों की जलन (Intestinal irritation) – भिंडी खाने से आंतों की जलन (Intestinal irritation) और खराश दूर हो जाती है |
  3. धातु (वीर्य) का जाना – गाय के दूध का दही जमा कर उसकी छांछ बना ले, फिर प्रातः भिंडी के दो-तीन फूल पीसकर, ताजा छाछ में मिलाकर प्रयोग करने से धातु का जाना बंद हो जाता है और रोगी में नई शक्ति (Power) का संचार होता है |
  4. दुर्बलता (Weakness) – दुर्बलता को दूर करने में भिंडी खाने के फायदे बहुत है | प्रतिदिन इसे खाने से दुर्बल शरीर में जान आ जाती है तथा मरदानी शक्ति का विकास होता है | इससे कमजोर व्यक्ति का शरीर पुष्ट (Strong) और मोटा होने लगता है |
  5. धातु विकार (वीर्य विकार)- भिंडी की जड़ को दूध में औटाकर, छानकर उसमें घी और खांड मिलाकर पीने से लाभ होता है |
  6. प्रमेह (Diabetes) – 2-3 भिंडी के कच्चे फलों में, इससे आधी मात्रा में मिश्री मिलाकर पीस लें और इस मिश्रण को दूध के साथ सेवन करें | कुछ सप्ताह तक नियमित रूप से यह सेवन करने से प्रमेह रोग (Diabetes) में लाभ होता है |
  7. काम शक्ति में वृद्धि – भिंडी की जड़ एक तोला सुखाकर पीस लें | इसे दूध (Milk) के साथ सेवन करने से व्यक्ति की काम शक्ति में वृद्धि होती है |
  8. सुजाक रोग– भिंडी की जड़ (Root) उखाड़ कर उसे छाया में सुखा लें | उसकी ताजी जड़ ले | इसकी जड़ (Root) लेकर उसमें एक तोला मिश्री व 8 काली मिर्च (Black Pepper) और 4 इलाइची (Cardamom) मिलाकर घोंट लें | इस मिश्रण को ले | 1 सप्ताह तक इसका सेवन करने से सुजाक रोग ठीक होने लगता है |
  9. बलवीर वीर्यवृद्धि – प्रतिदिन प्रातः 15-20 कोमल भिंडी खाने से बल-वीर्य की वृद्धि होती है |
  10. प्रदर, पित्तज प्रमेह – कच्ची भिंडी की जड़ (Root) का चूर्ण (Powder) 5 ग्राम ताजे पानी के साथ खाने से प्रदर तथा पित्तज प्रमेह ठीक हो जाता है |
  11. लू लगना – गर्मियों में लू लग जाने से कमजोरी (Weakness) महसूस होने पर, कच्ची भिंडी चबाकर खाने से लाभ होता है |
  12. पेशाब में जलन (Dysuria)– नियमित रूप से इसका सेवन करने से पेशाब में जलन (Dysuria) की शिकायत दूर होती है तथा पेशाब साफ और खुलकर आने लगता है |
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