सर्दियों में हार्ट अटैक से बचाव का तरीका (Heart Attack in Winter) – सर्दियों में हार्ट अटैक अत्यधिक बढ़ जाते है इसके पीछे का कारण जानकर आप भी अपना और अपनों का इस समस्या से बचाव कर सकते है।
सर्दियों में हार्ट अटैक
सर्दी का मौसम शुरू होते ही लोगों की ह्रदयगति रुकने (हार्ट अटैक) की दुर्घटनाए अत्यधिक होती पाई गई हैं | इसका कारण ठण्ड तो है ही लेकिन उससे भी अधिक शरीर में होने वाली पानी की कमी है क्योंकि प्यास तो हमे सर्दियों में भी लगती है मगर सर्दी के कारण या तो हम अपनी प्यास को इग्नोर कर देते है, उस पर ध्यान नहीं देते या सोचते है की चाय, दूध, कॉफी, सुप आदि से हमारी प्यास बुझ जाती है | शरीर में पानी की कमी के कारण रक्त गाढ़ा हो जाता है, ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और रक्त वाहिकाएं संकुचित होने लगती है। ये सभी हार्ट अटैक का कारण बनते है।
इस लेख में आगे हम जानकारी देने जा रहे है सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा? और यह जानने के लिए आपको पानी के pH लेवल को भी जानना होगा और साथ ही जानिए सर्दियों में हार्ट अटैक से बचाव का तरीका और सर्दियों में ठंडा पानी पीने से क्या होता है? #HeartAttack, सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा?
सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा?
सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं। ठंड का मौसम रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर सकता है, जिससे ब्लड प्रेशर में वृद्धि होती है और हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है। इसके अलावा, ठंड का मौसम शरीर में अधिक कोलेस्ट्रॉल पैदा कर सकता है, जिससे धमनियों में ब्लॉकेज पैदा हो सकती है। सर्दियों में शरीर में पानी की कमी होना भी एक आम बात है जो हार्ट की बीमारियों का कारण बन सकती है, क्योंकि ठंडे तापमान के कारण लोग शरीर की आवश्यकता से कम पानी पीते हैं, और इससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा भी बढ़ सकता है।
पानी का pH लेवल भी है एक फैक्टर
सर्दियों में अधिकतर लोग पानी कम मात्रा में पीते है। वे सोचते है की चाय, दूध, कॉफी, सुप आदि से हमारी प्यास बुझ जाती है मगर ऐसा नहीं होता क्योंकि सभी तरल पदार्थो का pH लेवल अलग-2 होता है | पीने वाले पानी का pH लेवल 7 है, वही ब्लैक टी का pH लेवल 6.37 और कॉफी का pH लेवल 5.35 होता है | सामान्य तौर पर, 7 से कम पीएच वाले पानी को अम्लीय यानि Acidic माना जाता है |
यूनिवर्सिटी औफ मेरीलैंड मैडिकल सैंटर ने शोध में पाया है कि पानी के बाद चाय विश्व भर में सब से ज्यादा पसंद किया जाने वाला तरल पदार्थ है परंतु यह पानी का विकल्प नहीं है इसलिए पानी का काम तो पानी ही कर सकता है | प्यास को अनदेखा करने से सर्दियों में शरीर का खून गाढ़ा हो जाता है | शरीर के अलग-2 हिस्सों तक खून को पहुंचाने के लिए दिल को अधिक कार्य करना पड़ता है | खून के अधिक गाढ़ा होने के कारण सर्दी के महीनों में 45 वर्ष से ऊपर के लोगों की ह्रदयगति रुकने की दुर्घटनाए यानि Heart Failure या heart attack अत्यधिक होती पाई गई हैं |
शरीर के लिए क्या है बेहतर ठंडा पानी या गरम पानी ?
सर्दियों में हार्ट अटैक से बचाव का तरीका
सर्दियों में हार्ट अटैक से बचाव का तरीका बहुत ही सरल और आसान है | हार्ट अटैक से बचने का सर्वोत्तम उपाय यह है की सर्दियों के मौसम में हर इंसान मुख्य रूप से 45 वर्ष आयु से अधिक के व्यक्तिओ को रोजाना कम से कम 2-3 लिटर गुनगुना पानी ( न की ठंडा पानी क्योंकि सर्दियों में ठंडा पानी पीने से नुकसान होता है ) जरूर पीना चाहिए |
सर्दी के मौसम में ठंडा पानी पीने से क्या होता है?
- सर्दी के मौसम में ठंडा पानी पीने से हमारे बॉडी के मांसपेशिया सिकुड़ जाती है जिससे शरीर में जगह-2 दर्द शुरू हो जाते है ।
- सर्दी के मौसम में पानी की कमी से किडनी (गुरदे) में पथरी, मांसपेशियों में अकड़न और कब्जियत की आशंका रहती है |
- सर्दियों में हम गर्म चीजों का अधिक सेवन करते है | ऐसे में शरीर में पानी की कमी होने पर पेशाब में जलन, घबराहट, Acidity आदि होने का खतरा बढ़ जाता है |
- पानी हमारे शरीर की सभी प्रक्रियाओं के लिए अति महत्त्वपूर्ण है | शरीर में पानी की आपूर्ति में महज 2 प्रतिशत की कमी होने से डिहाइड्रेशन के संकेत शुरू हो सकते हैं |