स्वस्थ शरीर के लिए आवश्यक भोजन, जल व वायु :-
प्रकृति की सारी संरचनाओं में शरीर की रचना एक बड़ा कठिन, जटिल किंतु बहुत सुंदर विषय है | यह एक बड़ा भारी कल है जिस को चलाने वाली एक शक्ति इसमें रहती है | साधारणतया हम कहते हैं कि यह मेरा शरीर है | इसमें इस बात का आभास होता है कि मैं कोई और है और शरीर कुछ और |
इस कल को चलने के लिए आवश्यक है संतुलित भोजन, जल व वायु और इस कल द्वारा होने वाले कार्यों के लिए इसे चाहिए बुद्धि का विकास, बल और अवसर |
जो कुछ भी हम खाते हैं हम उसको भोजन कहते हैं | एक साधारण भ्रम जो जनता में वर्षों से फैला हुआ है कि शरीर को स्वस्थ व बलिष्ठ बनाने के लिए मूल्यवान भोजन की आवश्यकता होती है, इस विचार में कदापि भी सत्यता नहीं है | भोजन के ज्ञान से निर्धन से निर्धन मनुष्य उसको पोषक तथा बलवर्धक बना सकता है और भोजन की अज्ञानता से धनवान से धनवान मनुष्य उसको विष के समान बना सकता है | सत्यता इस बात पर है कि उचित समय पर, उचित परिमाण में, उचित रूप में निश्चित होकर खाया हुआ भोजन सदा ही लाभदायक रहता है |
यदि निराहार रहकर मनुष्य 20 दिन तक जीवित रह सकता है तो निर्जल व निराहार रहकर केवल 5 दिन तक | कुछ भी हो जल शरीर का एक अति आवश्यक अवयव है | पानी शरीर के भार का 66 प्रतिशत होता है | पानी के बिना जीवित रहना दुर्लभ है | सादा शीतल जल ही शरीर के लिए सदा लाभदायक होता है | बर्फ मिला पानी हानिकारक होता है | दिन भर में मनुष्य को लगभग 3 किलो जल अवश्य इस कल में डालना चाहिए, जिस की मात्रा सर्दी गर्मी में कम या ज्यादा की जा सकती है |
निराहार व निर्जल रहकर तो फिर भी 5 दिन जीवित रहा जा सकता है परंतु वायु के बिना तो एक पल भी जीवित रहना दुर्लभ है | इसी कारण शरीर के लिए वायु अति आवश्यक है | जो मनुष्य बंद कोठियों में और सकरी गलियों में रहते हैं वे सदैव किसी न किसी रोग से ग्रस्त रहते हैं | प्रतिदिन दो चार बार शुद्ध वायु में आकर 2-4 लंबी-गहरी श्वास लेने से बहुत से रोगों के होने की संभावना समाप्त हो जाती है |
यह वह वस्तुए है जो इस शरीर रूपी कल के चलते रहने के लिए आवश्यक है | जिनकी सहायता से यह चलती हुई कल महान से महान कार्य कर सकती है |
Our YouTube Channel is -> A & N Health Care in Hindi
https://www.youtube.com/channel/UCeLxNLa5_FnnMlpqZVIgnQA/videos
Join Our Facebook Group :- Ayurveda & Natural Health Care in Hindi —-
https://www.facebook.com/groups/1605667679726823/
Join our Google + Community :- Ayurveda and Natural Health Care —
जो कुछ भी हम खाते हैं हम उसको भोजन कहते हैं | एक साधारण भ्रम जो जनता में वर्षों से फैला हुआ है कि शरीर को स्वस्थ व बलिष्ठ बनाने के लिए मूल्यवान भोजन की आवश्यकता होती है, इस विचार में कदापि भी सत्यता नहीं है | भोजन के ज्ञान से निर्धन से निर्धन मनुष्य उसको पोषक तथा बलवर्धक बना सकता है और भोजन की अज्ञानता से धनवान से धनवान मनुष्य उसको विष के समान बना सकता है | सत्यता इस बात पर है कि उचित समय पर, उचित परिमाण में, उचित रूप में निश्चित होकर खाया हुआ भोजन सदा ही लाभदायक रहता है |
यदि निराहार रहकर मनुष्य 20 दिन तक जीवित रह सकता है तो निर्जल व निराहार रहकर केवल 5 दिन तक | कुछ भी हो जल शरीर का एक अति आवश्यक अवयव है | पानी शरीर के भार का 66 प्रतिशत होता है | पानी के बिना जीवित रहना दुर्लभ है | सादा शीतल जल ही शरीर के लिए सदा लाभदायक होता है | बर्फ मिला पानी हानिकारक होता है | दिन भर में मनुष्य को लगभग 3 किलो जल अवश्य इस कल में डालना चाहिए, जिस की मात्रा सर्दी गर्मी में कम या ज्यादा की जा सकती है |
निराहार व निर्जल रहकर तो फिर भी 5 दिन जीवित रहा जा सकता है परंतु वायु के बिना तो एक पल भी जीवित रहना दुर्लभ है | इसी कारण शरीर के लिए वायु अति आवश्यक है | जो मनुष्य बंद कोठियों में और सकरी गलियों में रहते हैं वे सदैव किसी न किसी रोग से ग्रस्त रहते हैं | प्रतिदिन दो चार बार शुद्ध वायु में आकर 2-4 लंबी-गहरी श्वास लेने से बहुत से रोगों के होने की संभावना समाप्त हो जाती है |
यह वह वस्तुए है जो इस शरीर रूपी कल के चलते रहने के लिए आवश्यक है | जिनकी सहायता से यह चलती हुई कल महान से महान कार्य कर सकती है |
Our YouTube Channel is -> A & N Health Care in Hindi
https://www.youtube.com/channel/UCeLxNLa5_FnnMlpqZVIgnQA/videos
Join Our Facebook Group :- Ayurveda & Natural Health Care in Hindi —-
https://www.facebook.com/groups/1605667679726823/
Join our Google + Community :- Ayurveda and Natural Health Care —
https://plus.google.com/u/0/communities/118013016219723222428