आयुर्वेदा और शास्त्रों के अनुसार दूध पृथ्वीलोक का अमृत है। यह एक सम्पूर्ण आहार है। वहीँ बवासीर बहुत ही भयानक और कष्टप्रद रोग है जिससे बचने के लिए आपको कब्ज और पेट में गैस जैसे रोगो से बचने की अत्यंत आवश्यकता होती है। दूध का एक ही अवगुण है की यह गैस बनता है। ऐसी स्तिथि में यह पूछना की बवासीर में दूध पीना चाहिए या नहीं , बिलकुल तर्क संगत है।
क्या बवासीर में दूध पीना चाहिए, इस सवाल के जवाब में आपको बहुत से लोग अलग-२ बातें कहते हुए मिल जायँगे, जिन्होंने शायद इस बात को कभी भी जानने की कोशिश ही नहीं की। मैं आपको बता दू की मुझे भी बवासीर की परेशानी हो चुकी है और इसका इलाज मैंने दूध और दूध से बने प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से घर पर ही किया था, वो भी बिना किसी दवाई का इस्तेमाल किये हुए, इसलिए मेरा अनुभव तो यही कहता है की हां, बवासीर में दूध पीना चाहिए बल्कि दूध, दही, छांछ, देसी घी आदि का इस्तेमाल करना चाहिए।
बवासीर में दूध पीना चाहिए या नहीं ?
मैंने आपको ऊपर बता ही दिया की मेरे एक्सपीरियंस के हिसाब से बवासीर के रोगी के लिए दूध फायदेमंद होता है लेकिन दूध शरीर में गैस का कारण बनता है। तो बवासीर के रोगी के लिए दूध कैसे तैयार किया जाये की वह शरीर में गैस ना बनाये ?

पहली बात की बवासीर के रोगी के लिए ठन्डे दूध के मुकाबले गर्म दूध ज्यादा फायदेमंद होता है।
दूसरी बात की दूध तैयार करते समय या गर्म करते समय उसमे छोटी हरी इलाइची, लौंग, पीपली, सौंफ आदि थोड़ी मात्रा में जरूर डाले ताकि दूध पचने में हल्का हो जाये और शरीर में गैस ना बनाये।
बवासीर में दूध कैसे पिए
बवासीर में आराम पाने के लिए आपको दूध को अकेले नहीं पीना, क्योकि अकेले पीने पर यह पेट में गैस का कारण बन सकता है। दूध में आप दो चीजों को मिलाकर दो अलग-२ तरह से बवासीर का उपचार कर सकते है। आइये जानते है इनके बारे में :-
दूध और शुद्ध देसी घी दे बवसीर में राहत
बवासीर की समस्या का सबसे बड़ा कारण होता है कब्ज। जिसको दूर करने के लिए रात को सोने से पहले एक गिलास गरमा गर्म दूध में एक चम्मच शुद्ध देसी घी मिलाकर पीने से सुबह पखाना खुलकर आता है, टट्टी टाइट नहीं आती जिससे शौच के समय जोर नहीं लगाना पड़ता।
कब्ज दूर करने का यह बहुत ही पुराना आयुर्वेदिक नुस्खा है जो बवासीर के सबसे बड़े कारण, कब्ज, को ही खत्म कर देता है। जब मैंने बवासीर में दूध पीना चाहिए या नहीं टॉपिक की जानकारी नेट पर सर्च करनी शुरू की तो मैं यह जानकर हैरान रह गया की कोई भी इतनी उपयोगी जानकारी को शेयर ही नहीं कर रहा। जो एक ने शेयर किया वही सभी शेयर कर रहे है यहां तक की बड़े-२ न्यूज़ वेबसाइट भी।
चलो वो जाने उनके काम, मुझे तो जो जानकारी है वो मैं सब के साथ शेयर कर रहा हु। यह जानकारी तक़रीबन एक दशक पहले मुझे किसी ने दी थी जिससे मेरी बवासीर ठीक हुई, वो ही में आपके साथ शेयर कर रहा हु।
दूध और नींबू से बवासीर का इलाज
यह जानना जरुरी है की बवासीर में कैसे करे निम्बू दूध का उपयोग क्योकि दूध में निम्बू डालते ही दूध फट जाता है। फटा हुआ दूध बवासीर में किसी भी प्रकार से फायदेमंद नहीं होता इसलिए दूध में निम्बू डालते ही उसके फटने से पहले आपको दूध को गटागट पी जाना है।
इसके लिए आप एक निम्बू का रस निकलकर रख ले। एक गिलास दूध ले, चाहे वह ठंडा हो या हल्का गर्म, उसमे निम्बू का रस डालकर, दूध के फटने से पहले फटाफट पी ले। दूध अगर गाये का हो तो बढ़िया है, अगर भैंस का हो तो भी चलेगा।
यह दूध आपको सुबह खाली पेट, लगातार 5 दिनों तक इसका सेवन करने से कब्ज में तो फायदा मिलता ही है साथ ही बवासीर की समस्या भी ठीक होती है । अगर 5 दिनों तक बवासीर पूरी तरह से ठीक न हो तो आप इसे 15 दिन या फिर 1 Month तक भी ले सकते है।

बवासीर से बचाव के लिए
- तले, चटपटे और मसालेदार पकवानो का सेवन नहीं करना चाहिए।
- शरीर में गैस पैदा करने वाली सब्जियों और दालों जैसे राजमाँ , सफ़ेद छोले, काली माँ की दाल, आलू, अरबी, बैंगन आदि से परहेज करना चाहिए।
- बवासीर के रोगी को कब्ज से बचना चाहिए।
- बवासीर के रोगी को ज्यादा वजन नहीं उठाना चाहिए।
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