चिरायता पीने के फायदे

चिरायता पीने के फायदे और नुकसान (Chirata Peene Ke Fayde Aur Nuksan In Hindi) – चिराता एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो अनेको स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं में लाभ पहुंचाने के लिए जानी जाती है लेकिन इसके फायदों को जानने के साथ-२ इसके नुकसानो के बारे में भी जान कर ही इसका उपयोग करना बेहतर होगा, तो आइये जानते है चिराता के फायदे और नुकसान।

चिरायता पीने के फायदे और नुकसान | Chirata Peene Ke Fayde Aur Nuksan In Hindi

स्वर्टिया चिरायता, जिसे चिराता के नाम से भी जाना जाता है, एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसका पानी या काढ़ा बनाकर खून साफ़ करने, और बुखार, मलेरिया, मधुमेह, यकृत विकारों जैसी विभिन्न समस्याओं के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। यह बुखार के कारणों को जड़ से खत्म करने के लिए भी जाना जाता है और खून साफ़ करने के बेहतरीन आयुर्वेदिक औषधि है लेकिन इसका उपयोग सावधानी से करना चाहिए। इसके गलत उपयोग से नुकसान भी हो सकते है।

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चिराता के फायदे और नुकसान की और अधिक जानकारी के लिए इस लेख को पूरा पढ़े।

Table of Contents

चिरायता या चिराता क्या है | Chirata Kya Hai

चिरायता आयुर्वेदा की एक प्रसिद्ध जड़ी बूटी है जो व्यापक रूप से हिमालय में, कश्मीर से भूटान के बीच के क्षेत्रों में पाई जाती है। स्वर्टिया चिरायता एक वार्षिक, सीधा पौधा है जिसकी ऊंचाई लगभग 0.5 से 1.5 मीटर होती है। इसमें एक लंबा सीधा तना होता है जो छाल से ढका होता है। इसकी पत्तियाँ लम्बी व नुकीली होती हैं और इनमें कोई डंठल नहीं होता। स्वर्टिया चिरायता में सफेद से लेकर गुलाबी बालों जैसे नुकीले कई छोटे गहरे पीले-फूल होते हैं।

इसकी पत्तियाँ, तना और छाल बहुत कडवी होती और आयुर्वेदा के अनुसार ज्वर-नाशक तथा रक्तशोधक होती है। साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट, हेपेटोप्रोटेक्टिव, एंटीफंगल,  हाइपोग्लाइसेमिक, पाचक, और पित्तशामक गुण भी मौजूद होते हैं जो इसे अनेको रोगो में काफी फायदेमंद बनाते है।

चिरायता पीने के फायदे और नुकसान
चिरायता पीने के फायदे और नुकसान

चिरायता की तासीर कैसी होती है | Chirata ki Tasir

चिरायता की तासीर (Chirayta ki taseer) गर्म होती है। यह काफी कड़वा और तीखा होता है। इसके तीखेपन के कारण यह कफ व पित्त शामक तथा उष्ण वीर्य होने से वातशामक होता है।

चिराता का पौषणिक मूल्य | Nutritional Value of Chirata in Hindi

चिराता में कई यौगिक होते हैं जो इसके औषधीय महत्व में योगदान करते हैं। यौगिकों में ज़ैंथोन, अल्कलॉइड और ग्लाइकोसाइड शामिल हैं। उनमें ओपेलिक एसिड, चिराटिन, स्टेरिक एसिड, ओलिक एसिड और पामिटिक एसिड भी होते हैं। स्वेरटेनोन, अमरोजेनिन और चिराटोल चिराता में मौजूद अन्य महत्वपूर्ण घटक हैं।

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चिरायता में मौजूद गुणकारी तत्व

चिरायता, जो एक प्रकार की जड़ी-बूटी है, विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में उपयोग किया जाता है। इसमें कई गुणकारी तत्व होते हैं जो स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं:

  1. एंटीऑक्सीडेंट: चिरायता में एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होता है, जो शरीर को बुरे प्रभावों से बचाने में सहायता करता है और रोग प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत करने में सहायक होता है।
  2. इम्यूनिटी बूस्टर: यह जड़ी-बूटी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और विभिन्न संक्रमणों से लड़ने में मदद करती है।
  3. एंटी-इंफ्लेमेटरी: चिरायता में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जिससे शारीरिक दर्द और सूजन में आराम मिलता है।
  4. एंटी-वायरल: इसमें वायरल संक्रमण से लड़ने में मदद करने वाले एंटी-वायरल गुण होते हैं, जो वायरस की फैलाव और प्रवेश को रोकते हैं।
  5. एंटी-बैक्टीरियल: चिरायता में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो विभिन्न बैक्टीरियल संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं और इन्हें रोकते हैं।

ये तत्व चिरायता को एक प्रमुख आयुर्वेदिक उपचार और स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के इलाज में उपयोगी बनाते हैं।

चिराता के गुण | Chirata ke Gun

चिराता का उपयोग अलग-२ लोगो के द्वारा अलग-2 तरीकों से किया जाता रहा है। विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों को ठीक करने के लिए चिराता का उपयोग आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध चिकित्सा में किया जाता है।

  • इसमें लिवर को सुरक्षा देने वाले गुण होते हैं।
  • यह सामान्य रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकता है और मधुमेह के इलाज में प्रभावी है।
  • इसमें रक्त साफ़ करने के गुण भी मौजूद होते है। यह रक्त की अशुद्धियों को दूर करके रक्त को शुद्ध करने के गुणों से भरपूर होता है।
  • इसमें ज्वर नाशक गुण भी मौजूद होते है।
  • यह अस्थमा और सांस की तकलीफ के इलाज में मददगार हो सकता है।
  • इसमें घाव भरने के गुण होते है।
  • इसमें एनीमिया के लिए लाभकारी गुण होते है।
  • इसमें प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले गुण होते है।
  • इसमें रक्तचाप को नियंत्रित करने वाले गुण होते है।
  • यह भूख बढ़ाने में सक्षम होते है।

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चिराता का उपयोग कैसे करें | Chirata Ka Upyog

चिराता का उपयोग 4 तरीको से किया जाता है:-

  1. चिरायता काढ़ा के रूप में,
  2. चिरायता को भिगोकर, इसका पानी के रूप में
  3. चिराता चूर्ण के रूप में,
  4. चिराता की गोलियाँ या कैप्सूल के रूप में

चिराता का सेवन करने से पूर्व आप अपने चिकित्सक से जरूर परामर्श करे की कौन सा तरीका आपके लिए सही रहेगा। इसके अलावा, हम आपको सलाह देते हैं कि आप किसी चिकित्सक या आयुर्वेदिक चिकित्सक से बात किए बिना चिराता से बने किसी भी हर्बल पेय के साथ अपनी वर्तमान दवाओं को न बदलें या बंद न करें।

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चिराता के फायदे | Chirata Ke Fayde in Hindi

चिराता उच्च क्षमता वाला एक पौधा और आयुर्वेदिक औषधि है जो कई बीमारियों के उपचार में सहायक होता है।

1. खून साफ़ करने के लिए चिराता के फायदे

चिरायता एक रक्त शोधक की तरह कार्य करता है। इसकी पत्तियाँ और छाल बहुत कडवी होती और ज्वर-नाशक तथा रक्तशोधक मानी जाती है। चिराता को लगातार कुछ दिनों तक पीने से रक्त में मौजूद अशुद्धियाँ धीरे-२ दूर हो जाती है और रक्त शुद्ध हो जाता है जिससे त्वचा से जुडी अनेको समस्याएं पिम्पल्स, फोड़े-फुंसी आदि समस्याएं दूर हो जाती है।

2. पाचन के लिए चिराता के फायदे

चिराता पाचन तंत्र से संबंधित विभिन्न समस्याओं जैसे गैस्ट्राइटिस, अपच (पेट खराब होना), पेट में गैस का जमा होना, सूजन, और पेट दर्द में मददगार हो सकता है। इसमें रेचक गुण भी होते हैं और कब्ज की समस्या को दूर करने में सहायक होते हैं। यह डायरिया के इलाज में भी कारगर है। हालांकि, उपलब्ध अध्ययन चिराता के इन प्रभावों को जानने के लिए और अधिक मानव अध्ययन की आवश्यकता है।

3. बुखार के लिए चिराता के फायदे

चिराता बुखार में शरीर के तापमान को कम करने में मदद कर सकता है। बुखार के लिए चिराता के प्रभाव की तुलना पेरासिटामोल से की जा सकती है। इतना ही नहीं चिरायता पीने से न सिर्फ बुखार ठीक होता है बल्कि बुखार (ज्वर) उत्पन्न करने वाले मूल कारणों का निवारण भी होता है यानि यह बुखार के मूल कारणों को ढूंढकर, उन्हें भी सही करने की क्षमता रखती है।

4. त्वचा के लिए चिराता पीने के फायदे

चिराता के पौधे का पेस्ट बनाया जा सकता है और इस पेस्ट का उपयोग एक्जिमा और मुँहासे जैसे त्वचा रोगों के इलाज के लिए किया जा सकता है। चिराता से प्राप्त काढ़ा पीने से त्वचा के चकत्तों को ठीक करने में मदद मिलती है। जलन, सूखापन और खुजली वाली त्वचा के लिए चिराता भी प्रभावी हो सकता है क्योकि चिराता पीने से खून में मौजूद अशुद्धियाँ दूर होती है जो त्वचा के रोगो का प्रमुख कारण होती है।

5. कृमि नाशक चिराता

चिराता में परजीवी-रोधी गुण हो सकते हैं जो कृमि (परजीवी कीड़े) और अन्य परजीवियों को खत्म करने में मदद कर सकते हैं। यह पौधा राउंडवॉर्म, फ्लूक और टैपवार्म को खत्म करने में मदद कर सकता है। चिराता कृमि संक्रमण जैसे दस्त और यकृत रोगों से जुड़े लक्षणों से भी छुटकारा दिला सकता है।

6. केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System) पर चिराता के फायदे

चिराता स्वर्टियामार्टिन नामक एक मेटाबोलाइट का उत्पादन करता है जिसका उपयोग केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर तीव्र तनाव और चिंता के उपचार में किया जाता है। यह ऐंठन में भी कारगर है। यह इन स्थितियों के लिए चिराता काफी फायदेमंद सिद्ध हुआ है।

7. मधुमेह के लिए चिराता के फायदे

चिराता शरीर में इंसुलिन के रिलीज करने वाले सेल्स को उत्तेजित करके और मांसपेशियों की कोशिकाओं द्वारा ग्लूकोज के इस्तेमाल करने की क्षमता को बढ़ाकर रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में प्रभावी है। हाइपोग्लाइसेमिक होने के कारण चिराता में ब्लड शुगर का स्तर घटाने वाले असाधारण गुण मौजूद होते हैं जिससे मधुमेह के स्तर पर नियंत्रण पाने में सहायता मिलती है।

8. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक चिरायता

चिराता में मौजूद एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण, शरीर की रोगो से लड़ने की क्षमता को कई गुना बढ़ा देते यही साथ ही इसके रक्त शोधक गुण भी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते है।

9. मोटापा घटाने में सहायक चिरायता

चिरायता के सेवन से शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज होता है, जिस कारण शरीर में फैट बर्निंग की प्रक्रिया को तेजी मिलती है और शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा फैट कम होने से मोटापा कम करने में भी सहायता मिलती है।

चिराता के नुकसान । Chirata Ke Nuksan in Hindi

चिराता के साथ बरती जाने वाली सावधानियाँ और चेतावनियाँ :-

  • गर्भावस्था और स्तनपान- गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली महिलाएं इसका सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से जरूर सलाह ले ले।
  • आंतों का अल्सर- आंतों का अल्सर होने पर चिराता से बचना चाहिए क्योंकि इससे स्थिति और खराब हो सकती है।
  • मधुमेह- कुछ लोगों में चिराता के कारण रक्त शर्करा का स्तर कम हो सकता है। उपाय के रूप में चिराता का उपयोग करते समय अपने रक्त शर्करा के स्तर की निगरानी करना आवश्यक है।
  • सर्जरी- सर्जरी से कम से कम दो सप्ताह पहले चिराता को लेना बंद करना आवश्यक है। ऐसा इसलिए है क्योंकि शल्य प्रक्रिया के दौरान और बाद में चिराता रक्त शर्करा नियंत्रण में बाधा उत्पन्न कर सकता है।

कभी भी किसी भी जड़ी-बूटी का उपयोग करके स्वयं औषधि न लें और उचित सलाह के लिए डॉक्टर से परामर्श लें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब


चिरायता कौन कौन सी बीमारी में काम आता है?

चिराता, एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो पारंपरिक रूप से खून साफ़ करने, और बुखार, मलेरिया, मधुमेह, यकृत विकारों जैसी विभिन्न समस्याओं के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। 


खाली पेट चिरायता पीने से क्या होता है?

खाली पेट चिराता पिने से खून साफ़ करने में मदद मिलती है, और बुखार, मलेरिया, मधुमेह, जैसे रोगो में लाभ मिलता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है और रक्त की खराबी के कारन पैदा होने वाले रोग दूर होते है।


चिरायता कैसे पिया जाता है?

चिरायता को रात को एक गिलास पानी में भिगोकर रख दे और सुबह इस पानी को छानकर, खाली पेट पी ले। या आप चाहे तो इसका काढ़ा बनाकर भी इसका सेवन कर सकते है।


चिराता कब पीना चाहिए?

चिराता को आप सुबह खाली पेट पी सकते है। बुखार होने की स्तिथि में अधिक से अधिक २ बार यानि सुबह और शाम को इसका सेवन कर सकते है।

Disclaimer

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