हल्दी के फायदे

हल्दी के फायदे (Haldi Ke Fayde) – प्रत्येक व्यंजन में पीला रंग लाने वाली हल्दी को आयुर्वेदिक चिकित्सा में औषधि के रूप में उच्च स्थान प्राप्त है। आधुनिक चिकित्सा विज्ञानं ने भी हल्दी को एक प्रभावशाली औषधि माना है। हल्दी हमारे स्वास्थ्य को अनेको ऐसे अनेको फायदे प्रदान करती है जो आपको महंगी से महंगी दवा खा कर भी नहीं मिलेंगे।

हल्दी के फायदे | Haldi Ke Fayde

गर्म तासीर वाली हल्दी में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण इस चोट, घावों में फायदेमंद, एंटी-इंफ्लामेन्ट्री गुण शरीर में सूजन के कारण पैदा होने वाले गठिया और अन्य रोगो में फायदेमंद बनाते है। हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और अन्य पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करके शरीर को इंफेक्शन, सर्दी-जुकाम आदि रोगो से दूर रखने में बेहद फायदेमंद साबित होते है।

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हल्दी | Haldi In Hindi

हल्दी, अदरक परिवार का एक पौधा है जो मूल रूप से दक्षिण पूर्व एशिया का निवासी है और इसकी अधिकतर खेती इसी क्षेत्र में होती है। इस पौधे की जड़ (जिसे हल्दी के रूप में जाना जाता है) को पाक मसाले और पारंपरिक औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है।

ऐतिहासिक रूप से, हल्दी का उपयोग आयुर्वेद और अन्य पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणालियों के साथ-साथ पूर्वी एशियाई चिकित्सा प्रणालियों जैसे पारंपरिक चीनी चिकित्सा में किया जाता था। भारत में, यह पारंपरिक रूप से त्वचा, प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करने, श्वास सम्बन्धी समस्याओं, जोड़ों और पाचन तंत्र के विकारों को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता था।

आज भी, हल्दी को गठिया, पाचन सम्बन्धी विकारो, श्वसन संक्रमण, प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करने, एलर्जी, यकृत रोग, अवसाद, और कई अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं में सुधार करने उपयोगी माना जाता है और इस्तेमाल किया जाता है।

हल्दी एक आम मसाला है जो भारतीय रसोई में पकवानो में पीला रंग देने के लिए और उन्हें इसके गुणों से भरपूर करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। करक्यूमिन हल्दी का एक प्रमुख घटक है, और हल्दी के फायदों के लिए करक्यूमिनोइड्स (करक्यूमिन और उससे संबंधित पदार्थ) को ही जिम्मेदार माना जाता है। करक्यूमिन हल्दी को उसका पीला रंग देता है।

हल्दी की तासीर | Haldi ki Taseer Garam ya Thandi

हल्दी की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका इस्तेमाल सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है, लेकिन गर्म तासीर की होने के कारण अधिक मात्रा में सेवन करने से दस्त, पाचन में दिक्कत जैसी अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। नकसीर और बवासीर जैसे रक्तस्राव की समस्याएं होने पर भी गर्म तासीर वाली हल्दी के सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए।

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हल्दी के गुण और फायदे | Haldi Ke Fayde

1. हल्दी का एंटी-इंफ्लामेन्ट्री गुण इसे अनेक रोगो में फायदेमंद बनाता है

हल्दी में पाया जाने वाला एंटी-इंफ्लामेन्ट्री गुण इसे गठिया जैसे रोगो को दूर करने की एक प्रभावशाली औषधि बनाते है। जोड़ों में सूजन के कारण पैदा होने वाली समस्याओं को गठिया रोग के नाम से जाना जाता है। गठिया जैसे रोगो को दूर करने क लिए हल्दी का उपयोग सदियों पहले से ही आयुर्वेदिक चिकित्सा और पूर्वी एशियाई चिकित्सा में किया जाता है।

हल्दी न केवल मौजूदा सूजन को कम करती है बल्कि आपके शरीर को उन रसायनों के उत्पादन करने से रोक सकती है जो सूजन का कारण बनते हैं। हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन, अतिरिक्त या पुरानी सूजन को कम करने के लिए, सूजन के लिए जिम्मेदार कारणों पर कार्य करता है। प्रारंभिक शोध से संकेत मिलता है कि करक्यूमिन में पेट की बीमारियों, गठिया और अग्नाशयशोथ जैसी सूजन की स्थिति को दूर करने की क्षमता हैं।

2. शरीर की पाचन क्रिया को मजबूती प्रदान करती है हल्दी

हल्दी में अनेको ऐसे गुण मौजूद होते है जो शरीर की पाचन क्रिया को मजबूती प्रदान करते है और पाचन से जुडी समस्याओं को दूर करने में सहायक होते है और इसी कारण से तक़रीबन हर व्यंजन को तैयार करते समय उसमे हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है। हल्दी अपने एंटी-इंफ्लामेन्ट्री गुणों के कारण गैस, सूजन और सूजन के कारण होने वाले आंत्र रोग जैसे पाचन विकारों को दूर करने और उनसे बचाव करने के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है।

3. कैंसर से बचाव करने में सहायक है हल्दी

कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि हल्दी में कैंसर विरोधी गुण होते हैं, विशेष रूप से स्तन, आंत्र, पेट और त्वचा के कैंसर कोशिकाओं को बनने से रोकने में सहायक होते है। कई अध्ययनों के अनुसार हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नामक तत्व कैंसर का कारण बनाने वाली कोशिकाओं या Tumor को बनाने से रोकने में सहायक होती है लेकिन अगर आपको कैंसर हो गया है तो सिर्फ हल्दी के सेवन से इसका उपचार संभव नहीं है।

4. रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है हल्दी

हल्दी में अत्यधिक सक्रिय तत्व करक्यूमिन, शरीर में रक्त शर्करा के स्तर पर नियंत्रण बनाये रखने में मददगार होता है। यह संभावित रूप से टाइप 2 मधुमेह के इलाज या रोकथाम में मदद कर सकता है।

डायबिटीज के एक अन्य रूप यानि प्रीडायबिटीज को मधुमेह में विकसित होने से रोकने में मदद करने में उपयोगी हो सकती है हल्दी। स्वस्थ बीएमआई (20-25) बनाए रखना, सप्ताह के अधिकांश दिनों में 30 मिनट मध्यम व्यायाम और कार्बोहाइड्रेट से परहेज करना मधुमेह को रोकने में मदद करने के आजमाए हुए तरीके हैं।

5. हृदय स्वास्थ्य में सुधार करती है हल्दी

हल्दी को शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर के स्तर में सुधार करने में भी फायदेमंद पाया गया है, ये वे दो खतरनाक समस्याएं है अक्सर एकसाथ शरीर पर अटैक करती है। कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को कम करके, हल्दी में समग्र हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने और हृदय रोग या यहां तक ​​कि दिल के दौरे के जोखिम को कम करने की क्षमता होती है।

ब्लड प्रेशर की दवाएं लेने वालों को इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए क्योकि ब्लड प्रेशर की दवा के साथ इसके सेवन से रक्तस्राव की समस्या पैदा हो सकती है।

6. फ्री रेडिकल्स से बचाव में सहायक हल्दी

एक अध्ययन से पता चलता है कि हल्दी में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं जो आपके शरीर को मुक्त कणों से बेअसर करके उनकी रक्षा कर सकता है। एक अन्य अध्ययन से पता चलता है कि हल्दी के एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव अन्य एंटीऑक्सीडेंट की क्रिया को भी उत्तेजित कर सकते हैं।

7. शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़कर वायरस से सुरक्षा प्रदान करती है हल्दी

कम मात्रा में सेवन करने पर भी हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन में शरीर की एंटीबॉडी प्रतिक्रियाओं को बढ़ाने की क्षमता होती है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोषाक क्षमता बढ़ती है और शरीर में रोग पैदा करने वाले किसी भी वायरस को बढ़ने से रोकने में सहायता मिलती है।

प्रारंभिक शोध से संकेत मिलता है कि करक्यूमिन अपने एंटी-इंफ्लामेन्ट्री गुणों के कारण, COVID-19 के कुछ लक्षणों को कम करने में भी मदद कर सकता है।

कच्ची हल्दी को मिलाकर तैयार किया गया हल्दी वाला दूध शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती प्रदान करने का सबसे बढ़िया घरेलु उपाय है जो बच्चो से लेकर बुजुर्गो तक, सभी के लिए काफी फायदेमंद होता है।

Haldi Ke Fayde

8. अल्जाइमर रोग को रोकने में मदद कर सकती है हल्दी

हल्दी अल्जाइमर (भूलने की बीमारी) को रोकने में मदद कर सकती है या इसके बढ़ने की गति को धीमा करने में मदद कर सकती है। भारत में, जहां लगभग हर व्यंजन में हल्दी का इस्तेमाल होता है, अल्जाइमर रोग होने की दर अपेक्षाकृत कम है। इसके अलावा, हल्दी अल्जाइमर के इलाज में एक न्यूरोप्रोटेक्टिव के रूप में कार्य कर सकती है।

9. गठिया के लक्षणों को कम करती है हल्दी

हल्दी के एंटी-इंफ्लामेन्ट्री गुणों को संधिशोथ, जोड़ों के दर्द और पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस में मदद करने के लिए भी फायदेमंद पाया गया है। यह ऑस्टिओआर्थरिटिस और रूमेटाइड गठिया, दोनों प्रकार के गठिया में फायदेमंद होती है। गठिया में हल्दी के सेवन से जोड़ो में होने वाले दर्द और सूजन, दोनों में रहत मिलती है।

10. डिप्रेशन में मददगार होती है हल्दी

कुछ जानवरों के अध्ययन से पता चलता है कि करीक्यूमिन सेरोटोनिन और डोपामाइन को बढ़ा सकता है – दो मस्तिष्क रसायन जिन्हे इंसानी दिमाग भी बनाता है और जो आपके मूड को प्रभावित करते हैं। यह तनाव में भी आपके मूड को बेहतर बनाये रखने में सहायक होते है।

11. लीवर के कार्य में सहायता करती है हल्दी

“हल्दी का उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से करने से लीवर की कार्यप्रणाली में सुधार हो सकता है, शरीर से विषाक्त पदार्थो को निकलने की प्रक्रिया में सुधार हो सकता है और यकृत संबंधी विकार कम हो सकते हैं” डॉ. लैम कहते हैं। “करक्यूमिन को आयरन ओवरडोज, सिरोसिस, इथेनॉल और कार्बन टेट्राक्लोराइड से लीवर को होने वाले नुकसान को सीमित करने में भी प्रभावी माना जाता है।” इस क्षेत्र में अनुसंधान बढ़ रहा है, लेकिन हल्दी लीवर एंजाइमों के स्तर को कम करने में सक्षम हो सकती है, जो लीवर की क्षति का कारण बनते है।

12. वजन घटाने में फायदेमंद है हल्दी

2018 के एक अध्ययन में, करक्यूमिन के सेवन से बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई), वजन, कमर की परिधि और लेप्टिन के स्तर में काफी कमी आई। शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि करक्यूमिन को मेटाबोलिक सिंड्रोम पर नियंत्रण पाने के लिए इस्तेमाल करना काफी फायदेमंद हो सकता है, जो 2017 में दुनिया भर में लगभग 20% लोगों को प्रभावित करने का अनुमान था।

13. त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करती है हल्दी

“शरीर की त्वचा के लिए हल्दी काफी फायदेमंद होती है। यह त्वचा की कई समस्याओं जैसे कि एक्जिमा, अल्सर, सोरायसिस और घावों में सुधार करने में सहायक होती है” डॉ। कैबेका कहते हैं। इसके एंटीऑक्सिडेंट, रोगाणुरोधी और एंटी-इंफ्लामेन्ट्री गुण इसे एक लोकप्रिय स्किनकेयर घरेलु औषधि बनाते हैं, जो अक्सर चमकदार या त्वचा की टोन में सुधार करने में इस्तेमाल होती है।

14. स्तंभन दोष के इलाज में मददगार होती है हल्दी

पुरुषों के लिए हल्दी के लाभों में स्तंभन दोष के इलाज में मदद करने की क्षमता शामिल है। चूंकि हल्दी एक मजबूत एंटी-इंफ्लामेन्ट्री है, यह सूजन के कारण होने वाले स्तंभन दोष की सहायता कर सकती है, डॉ पॉल कहते हैं।

हल्दी के नुकसान | Haldi Ke Nuksan

  • हल्दी की तासीर गर्म होती है इसलिए जिन लोगो को गर्म तासीर वाली वस्तुए माफिक नहीं आती, उन्हें इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए ।
  • हल्दी में खून काे पतला करने का गुण होता है इसलिए अगर कोई सर्जरी करवाने जा रहे है या खून गाढ़ा करने की दवा ले रहे है तो इसके सेवन से बचे।
  • हल्दी के नियमित सेवन से पीलिया और पित्ताशय की पथरी की समस्या वाले लोगो को समस्या हो सकती है इसलिए वे इसके सेवन से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करे।
  • हल्दी खून के थक्के के बनने की प्रक्रिया को धीमा करती है, इसलिए जिन्हे रक्त स्त्राव का खतरा हो, वो हल्दी का सेवन न करें।
  • गर्भवती महिला को हल्दी का सेवन संभलकर करना चाहिए, गर्म तासीर वाली हल्दी ज्यादा मात्रा में खाने से गर्भपात का खतरा हो सकता है।
  • हल्दी के अधिक सेवन से दस्त, पाचन में दिक्कत जैसी अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
https://youtu.be/nHy3ih5TJeY

हल्दी खाने से क्या लाभ होता है?

गर्म तासीर वाली हल्दी में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण इस चोट, घावों में फायदेमंद, एंटी-इंफ्लामेन्ट्री गुण शरीर में सूजन के कारण पैदा होने वाले गठिया और अन्य रोगो में फायदेमंद बनाते है। हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और अन्य पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करके शरीर को इंफेक्शन, सर्दी-जुकाम आदि रोगो से दूर रखने में बेहद फायदेमंद साबित होते है।

1 दिन में कितना हल्दी खाना चाहिए?

कई हेल्थ रिपोर्ट्स के अनुसार एक दिन में एक व्यक्ति को लगभग 500 मिलीग्राम से लेकर 2000 मिलीग्राम हल्दी का सेवन कर सकता है, लेकिन इससे अधिक मात्रा में हल्दी का सेवन लगातार लम्बे समय तक करने से शरीर को उसके नुकसान झेलने पड़ सकते है।

ताजी या सूखी हल्दी बेहतर है?

हल्दी को सूखने की प्रक्रिया के दौरान उसमे मौजूद कई पोषक तत्व कम हो जाते है इसलिए बेहतर होगा की आप कच्ची हल्दी यानि ताजी हल्दी का उपयोग करे क्योकि कच्ची हल्दी में मौजूद पोषक तत्व शरीर द्वारा अधिक आसानी से अवशोषित हो जाते है।

रोज हल्दी खाने से क्या होता है?

रोज हल्दी खाने से हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और अन्य पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करके शरीर को इंफेक्शन, सर्दी-जुकाम आदि रोगो से दूर रखने में सहायक होते है और आप इन रोगो से बचे रहते है।

हल्दी में कौन से औषधीय गुण होते हैं?

हल्दी में अनेको औषधीय गुण मौजूद होते है जो इसे अनेक रोगो में फायदेमंद बनाते है जैसे हल्दी में अत्यधिक सक्रिय तत्व करक्यूमिन और हल्दी में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण इस चोट, घावों में फायदेमंद, एंटी-इंफ्लामेन्ट्री गुण शरीर में सूजन के कारण पैदा होने वाले गठिया और अन्य रोगो में फायदेमंद बनाते है, हल्दी में कैंसर विरोधी गुण भी मौजूद होते हैं।

क्या हल्दी खून पतला करती है?

जी हाँ, हल्दी में खून काे पतला करने का गुण मौजूद होते है।

दूध में हल्दी डालकर पीने से क्या होता है?

हल्दी वाला दूध शरीर की बहुत सी समस्याओं को दूर करने वाली एक चमत्कारी औषधि माना जाता है जो सामान्य जुकाम से लेकर मोटापा, केंसर जैसी कई खतरनाक बीमारियों में भी फायदेमंद होता है।

Disclaimer

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References:-

https://www.singlecare.com/blog/turmeric-benefits/

https://www.nccih.nih.gov/health/turmeric

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