आलसी आदमी और भगवान की लीला || hindi kahani 8 || kahaniya || बच्चों की कहानियां

आलसी आदमी और भगवान की लीला

एक बार, एक गांव में बहुत आलसी आदमी रहता था जो हमेशा अपना पेट भरने के आसान तरीके खोजता था। एक दिन वह खाने के चक्कर में इधर उधर घूम रहा था तो उसने फल का बगीचा देखा। फलों को देखते ही उसके दिमाग में फलों को चुराने की बात आयी |

उसने चारों ओर देखा | उसे फलों की रखवाली करते हुए कोई भी नजर नहीं आया, वह फटाफट से बगीचे के अंदर घुसा और एक पेड़ पर चढ़ना शुरू किया | वही थोड़ी दूर पर एक किसान पेड़ो की रखवाली कर रहा था | उस किसान ने उसे देखा और उसे पकड़ने के लिए उसकी तरफ चिल्लाते हुए आया |

तभी उस आलसी आदमी ने एक लाठी के साथ किसान को अपनी तरफ आते देखा | उसे देख कर वह डर गया और जल्दी से पेड़ से उतरकर पास के जंगल की ओर भाग गया और किसान से छुपने के लिए जंगल के अंदर चला गया।

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कुछ समय बाद जब उसे लगा कि अब उसे किसान नहीं ढूढ़ रहा तो वह जंगल से जाने लगा | वहां से गुजरते समय उसने अद्भुत दृश्य देखा। एक लोमड़ी जिसके केवल दो पैर थे और इसके बावजूद भी वह खुशी से दो पैरो पर रेंग रही थी |

उसे देख कर अलसी आदमी हैरान रह गया और सोचने लगा की ऐसी हालत में यह लोमड़ी कैसे जिंदा रह सकती है ? यह लोमड़ी तो भाग भी नहीं सकती, वह कैसे खुद को खिलाने के लिए भोजन कहाँ से लाती है और अन्य जंगली जानवरों के खतरे से कैसे कैसे बचती है ?

तभी अचानक, उसने देखा कि एक शेर अपने मुंह में मांस के टुकड़े लिए लोमड़ी की ओर आ रहा है। शेर को देख कर सभी जानवर भाग गए और आलसी आदमी खुद को बचाने के लिए पेड़ पर चढ़ गया लेकिन, लोमड़ी वहीं रह गई, क्योंकि उसके पास सिर्फ दो पैर ही थे और वह भाग या चल नहीं सकती थी ।

लेकिन इसके बाद जो कुछ हुआ उसने उस आलसी आदमी को हैरान कर दिया। शेर ने मांस का एक टुकड़ा जो उसके मुंह में था वह लोमड़ी को दे दिया और वहां से चला गया !

आलसी आदमी भगवान का यह खेल देखकर बहुत हैरान और खुश हुआ | उसने सोचा कि भगवान जो पुरे ब्रह्माण्ड का निर्माता हैं, उन्होंने जो भी बनाया उसकी देखभाल करने के लिए, उसका सही से संचालन करने के लिए हमेशा एक योजना निर्धारित की जाती है।

उसे लगा कि भगवान ने उसके लिए भी कुछ योजना जरूर बनाई होगी। यही सोच कर उसने उस जगह को छोड़ दिया और कहीं दूर किसी एकांत स्थान पर बैठकर उस का इंतजार करने लगा जो भगवान की योजना के अनुसार उसे खाना खिलाने और उसकी देखभाल करने के लिए आएगा ।

जैसे-जैसे समय बीतने लगा, वह इधर उधर देखता रहा, अपने भोजन की प्रतीक्षा करता रहा। और इसी तरह वह 2 दिन तक इंतजार करता रहा की कोई आये और उसे खाना खिलाये! अंत में, जब वह भूख को सहन नहीं कर सका और वह उस स्थान को छोड़ कर भोजन की तलाश में निकल पड़ा |

उसे रास्ते में एक ऋषि मिले। उसने सब कुछ ऋषि को बताया। ऋषि ने पहले उसे कुछ भोजन और पानी दिया। भोजन करने के बाद, आलसी व्यक्ति ने ऋषि से पूछा, “हे बुद्धिमान, भगवान ने उस अपंग लोमड़ी पर अपनी दया दिखाई, लेकिन भगवान मेरे लिए इतना क्रूर क्यों था?”

ऋषि ने मुस्कराते हुए कहा, ” यह सच है कि भगवान की योजना सभी के लिए होती है। पर तुम समझे नहीं की तुम्हारे लिए भगवान की क्या योजना है और तुमने उसकी बात को गलत तरीके से लिया। देखो, वह यह नहीं चाहता कि तुम लोमड़ी की तरह रहो । वह चाहता है कि तुम शेर की तरह रहो मतलब दुसरो से सहायता लेने की बजाए, तुम दुसरो की सहायता करो ”।

यह सुनकर उस आलसी आदमी को समझ आया की भगवान ने उसको 2 हाथ, 2 पैर और पूरा स्वस्थ शरीर दिया है जिसका लाभ उठा कर वह अपनी ही नहीं दुसरो की भी मदद कर सकता है |

यह समझ आने के बाद आलसी आदमी ने अपना आलास त्याग दिया और मेहनत करते हुए और जरुरतमंदो की मदद करते हुए अपना जीवन बिताने लगा |


नैतिक: अक्सर हम भगवान के संकेतों को गलत समझते हैं। ईश्वर ने सभी को अपने अपने हिस्से की ताकत और क्षमता दी है। हमेशा चीजों को सकारात्मक (Positive ) तरीके से देखना सीखें और खुद को मजबूत बनाये ताकि जरूरतमंद लोगों की मदद की जा सके। आसान विकल्प के लिए मत जाओ एक सही विकल्प का चुनाव करो |

स्वामी विवेकानंद के जीवन का प्रसंग …..OSHO

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