नवरात्री में क्या खाएं क्यां न खाएं? | Navratri Vrat Mein Kya Khaye Kya Nahi

नवरात्री में क्या खाएं क्यां न खाएं? | Navratri Vrat Mein Kya Khaye Kya Nahi

नवरात्रि व्रत सिर्फ आपके स्वास्थ्य के लिए ही नहीं बल्कि आध्यात्मिकता के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। नवरात्रि का व्रत पूर्ण रूप से और सही तरीके से पूर्ण करने के रास्ते में आपके कुछ सवाल हो सकते है जिनमे से कुछ के जवाब हम आपको यहां पर दे रहें है ताकि इसका अधिकतम लाभ उठा सकें।

Table of Contents

क्या हम नवरात्रि व्रत में सूखे मेवे खा सकते हैं? | Navratri Vrat Mein Sukhe Meve Kha Skte Hai Ya Nahin

हाँ, नवरात्रि व्रत में सूखे मेवे खाना सुरक्षित और फायदेमंद होता है। सूखे मेवे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जैसे कि प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, और खनिज।

इतना ही नहीं नवरात्रि व्रत में सूखे मेवों का सेवन करने से कई फायदे होते हैं। सूखे मेवों में प्राकृतिक शर्करा होता है जो ऊर्जा का स्तर बढ़ाता है और आपको दिन भर ऊर्जावान रखता है। इसके साथ ही, सूखे मेवों में फाइबर होता है जो पाचन क्रिया को सुधारता है और भूख को नियंत्रित करता है।

इससे आपको व्रत के दौरान कम भूख महसूस होती है। विटामिन और खनिज भरपूर मात्रा में होने से सूखे मेवे रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और आपको स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

लेकिन नवरात्रि व्रत में सूखे मेवे का सेवन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें:

  • तासीर: सूखे मेवों की तासीर गर्म होती है इसलिए अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से शरीर में गर्मी बढ़ सकती है इसलिए इनका सेवन सिमित मात्रा में ही करना चाहिए।
  • मात्रा: सूखे मेवे में कैलोरी और वसा की मात्रा अधिक होती है। इसलिए, इन्हें कम मात्रा में खाना चाहिए।
  • समय: सूखे मेवे को सुबह या शाम के नाश्ते में खाना बेहतर होता है।
  • पानी: सूखे मेवे खाने के बाद खूब पानी पीना चाहिए ताकि वे शरीर में अच्छी तरह से पच सकें और उनके गर्म प्रभाव को कम करने में सहायता मिलें।
  • एलर्जी: यदि आपको किसी भी प्रकार की एलर्जी है, तो सूखे मेवे खाने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।

नवरात्रि व्रत में खाये जा सकने वाले सूखे मेवे:

  • बादाम
  • अखरोट
  • किशमिश
  • खजूर
  • अंजीर
  • मूंगफली
  • पिस्ता
  • काजू

नवरात्री में मैगी खाना चाहिए या नहीं? | Navratri Me Maggie Khana Chahiye Ya Nahi?

वैसे तो इस सवाल का जवाब नहीं है और इसके कुछ कारण आगे बताये गएँ है।

लेकिन फिर भी नवरात्रि में मैगी खाना या न खाना यह आपकी व्यक्तिगत पसंद और आप किस प्रकार का व्रत रख रहे हैं, इस पर निर्भर करता है।

आइये जानते है नवरात्रि में मैगी न खाने के कुछ कारण हैं:

  1. सात्विक भोजन: नवरात्रि के दौरान सात्विक भोजन का सेवन करने पर ज़ोर दिया जाता है। जबकि मैगी में मैदा, मसाले और कुछ मामलों में अंडे और प्याज-लहसुन भी होता है, जो की तामसिक भोजन माने जाते हैं। तामसिक भोजन को अत्यधिक इंद्रिय सुख और उत्तेजना से जोड़ा जाता है, जो नवरात्रि के व्रत और उपासना के उद्देश्य के विपरीत है। इसके अलावा पूजा-पाठ करने और भगवान को भोग लगाने के लिए लोग सात्विक भोजन ही बनाते और धार्मिक व्रत के दौरान इसी सात्विक भोजन का सेवन करते हैं
  2. धार्मिक मान्यताएं: कुछ हिंदू मान्यताओं के अनुसार, मैगी में इस्तेमाल होने वाली कुछ सामग्री, जैसे कि मैदा और तेज मसाले, रजोगुण और तामसिक गुणों से जुड़ी होती हैं। नवरात्रि के मूल उद्देश्यों में, शरीर में सात्विक गुणों को बढ़ावा देना और रजोगुण और तामसिक गुणों को कम करना होता है।
  3. स्वास्थ्य कारण: मैगी को बनाने में मैदा और प्रोसेस्ड सामग्री का उपयोग होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। नवरात्रि व्रत के दौरान, शरीर को स्वस्थ और शुद्ध रखने पर जोर दिया जाता है। वहीँ मैगी का सेवन पाचन संबंधी समस्याएं, एलर्जी, और वजन बढ़ने जैसी समस्याएं पैदा हो सकती जो नवरात्री के व्रत के उद्देश्यों को पूरा करने में बाधक बनता है।
  4. व्रत का उद्देश्य: नवरात्रि व्रत का उद्देश्य केवल भोजन से परहेज के कारण शरीर को शुद्ध करना ही नहीं, बल्कि आत्म-संयम, एकाग्रता, और आध्यात्मिकता का अभ्यास करना भी है। मैगी का स्वादिष्ट और उत्तेजक स्वभाव और स्वाद व्रत के उद्देश्य से भटकने का कारण बन सकता है।
  5. उपवास: यदि आप नवरात्रि में उपवास रख रहे हैं, तो मैगी का सेवन उपवास तोड़ने के समान होगा।

हालांकि, यह एक व्यक्तिगत आस्था का मामला है। लेकिन फिर भी कुछ लोग, जो अपनी जीभ के गुलाम होते है, नवरात्रि के दौरान मैगी का सेवन करते हैं, जबकि अन्य, जो अपनी इन्द्रियों पर नियंत्रण रख सकते है, परंपरा का पालन करते हैं। यदि आप नवरात्री के दौरान मैगी खाना चाहते हैं, तो आप उपरोक्त कारणों पर विचार कर सकते हैं और अपनी पसंद के अनुसार निर्णय ले सकते हैं।

नवरात्री में लहसुन खाना चाहिए की नहीं? | Navratri Vrat Mein Lahsun Kha Skte Hai Ya Nahin

लहसुन हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है लेकिन फिर भी नवरात्री के दौरान इसका सेवन करना मना होता है, लेकिन ऐसा क्यों आइये जानते है इस विडीओ में:-

नवरात्रि के दौरान परंपरागत रूप से लहसुन नहीं खाया जाता है। यहाँ इस वीडियो में हम आपको इसके बारे में जानकारी देने जा रहे है:

  • सात्विक भोजन (Saatvik Bhojan): नवरात्रि में सात्विक भोजन पर जोर दिया जाता है। जबकि लहसुन को तामसिक भोजन माना जाता है, जो अत्यधिक इंद्रिय सुख और उत्तेजना से जुड़ा होता है। सात्विक भोजन सादगी, शुद्धता और संयम पर आधारित होता है।
  • धार्मिक मान्यताएं (Dharmik Manyataen): कुछ हिंदू मान्यताओं के अनुसार, लहसुन को राहु और केतु से जोड़ा जाता है, जिन्हें राक्षस माना जाता है। नवरात्रि के दौरान देवी की पूजा की जाती है, इसलिए इस दौरान सात्विक भोजन और शुद्ध वातावरण बनाए रखना महत्वपूर्ण माना जाता है।

हालांकि, यह एक व्यक्तिगत आस्था का मामला है। जिसकी वजह से कुछ लोग नवरात्रि के दौरान भी लहसुन का सेवन करते हैं, जबकि अन्य परंपरा का पालन करते हुए लहसुन के सेवन से दुरी बना कर रखते हैं।

यदि आप उपवास नहीं रख रहे हैं और नवरात्रि को सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मना रहे हैं, तो आप अपनी पसंद के अनुसार भोजन कर सकते हैं।

लेकिन, यदि आप उपवास रख रहे हैं या नवरात्रि के धार्मिक पहलुओं का पालन कर रहे हैं, तो परंपरागत रूप से लहसुन से बचना बेहतर है।

नवरात्रि में टमाटर खाना चाहिए या नहीं | Navratri Vrat Mein Tomatoes Kha Skte Hai Ya Nahin

धार्मिक दृष्टिकोण से, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप व्रत को भक्ति और एकाग्रता के साथ करें।

नवरात्री के दौरान माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए, आपको सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए और नकारात्मक भावनाओं से दूर रहना चाहिए।

और जैसा की आप जानते है की नवरात्री के दौरान आप सब्जियों और फ्लो का सेवन कर सकते है और टमाटर को आप फल माने या सब्जी, दोनों ही तरीको से आप नवरात्री व्रत के दौरान आप टमाटर का सेवन कर सकते है।

आइये जानते है नवरात्री के दौरान टमाटर का सेवन करने के फायदे:

  • टमाटर विटामिन सी और ए का अच्छा स्रोत है।
  • टमाटर में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो रोगों से बचाने में मदद करते हैं।
  • टमाटर पाचन क्रिया में सुधार करता है।

इसके अलावा नवरात्रि में टमाटर का सेवन करना चाहिए या नहीं, यह आपके व्यक्तिगत विश्वास और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।

नवरात्रि में नींबू खाना चाहिए या नहीं? | Navratri Vrat Mein Nimbu Kha Skte Hai Ya Nahin

धार्मिक दृष्टिकोण से, नवरात्रि में नींबू का सेवन करना वर्जित नहीं है। लेकिन फिर भी कुछ लोग नवरात्री व्रत के दौरान निम्बू का सेवन करने को सही मानते है जबकि कुछ नहीं, ऐसा क्यों आइये जानते है नवरात्री व्रत के दौरान निम्बू का सेवन करने के पक्ष और विपक्ष, दोनों के तर्क, ताकि आप खुद यह तय कर सके की आपके लिए क्या सही है और साथ ही धार्मिक आस्था के बारे में जानना चाहते है तो इस बारें में अपने धार्मिक गुरु से बात करें :-

नवरात्रि में नींबू का सेवन करने के पक्ष में तर्क:

  • नींबू विटामिन सी का अच्छा स्रोत है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
  • नींबू पाचन क्रिया में सुधार करता है।
  • नींबू शरीर में पानी की मात्रा को नियंत्रित करता है।

नवरात्रि में नींबू का सेवन न करने के पक्ष में तर्क:

  • कुछ लोगों का मानना ​​है कि नींबू में खट्टा स्वाद होता है, जो व्रत के दौरान सात्विकता को भंग कर सकता है।
  • नींबू में सोडियम होता है, जो रक्तचाप को बढ़ा सकता है।
  • नींबू का अत्यधिक सेवन पेट में जलन पैदा कर सकता है।

निष्कर्ष:
हम उम्मीद करते है की यह जानकारी आपके लिए फायदेमंद रहेंगी। साथ ही नवरात्रि में नींबू का सेवन करना चाहिए या नहीं, यह आपके व्यक्तिगत विश्वास और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। यदि आप नींबू का सेवन करने का निर्णय लेते हैं, तो इसे कम मात्रा में खाना बेहतर है।

यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो नवरात्रि में व्रत रखने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।

नवरात्रि में नमक खाना चाहिए या नहीं? | Navratri Vrat Mein Namak Kha Skte Hai Ya Nahin?

नवरात्रि व्रत में नमक खाने का निर्णय व्रत के नियमो पर निर्भर करता है क्योकि देश के अनेक हिस्सों में व्रत के नियम कुछ कुछ अलग होते है। कुछ लोग नवरात्री व्रत के दौरान नमक खाना निषेध मानते है जबकि कुछ लोग सैंधा नमक का सेवन करना सही मानते है। इस वीडियो में नवरात्री के व्रत को ३ तरीको में बात कर उनकी जानकारी देने जा रहे है। आइये जानते है इस बारे में :

  1. सख्त व्रत: नवरात्रि के सख्त व्रत में, भक्त माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए कठोर नियमों का पालन करते हैं। इस व्रत के दौरान यदि आप सख्त व्रत कर रहे हैं, तो नमक खाना वर्जित है। सेंधा नमक भी सख्त व्रत में नहीं खाना चाहिए।
  2. सामान्य व्रत: यदि आप सामान्य व्रत कर रहे हैं, तो आप थोड़ा सा सेंधा नमक खा सकते हैं। सेंधा नमक प्राकृतिक रूप से खनिज युक्त होता है और इसे कम मात्रा में खाना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।
  3. फलाहार व्रत: यदि आप फलाहार व्रत कर रहे हैं, तो नमक खाना वर्जित है। फलाहार में केवल फल और पानी का सेवन होता है।

आइये जानते है नवरात्री के दौरान नमक ना खाने के फायदे:

  • नमक ना खाने से शरीर में पानी की मात्रा नियंत्रित रहती है।
  • नमक ना खाने से पाचन क्रिया बेहतर होती है।
  • नमक ना खाने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है।

नवरात्री के दौरान सैंधा नमक खाने के फायदे:

  • नमक शरीर के लिए आवश्यक खनिज है।
  • नमक शरीर में पानी की मात्रा को नियंत्रित करता है।
  • नमक पाचन क्रिया में मदद करता है।

निष्कर्ष:

नवरात्रि में नमक खाना चाहिए या नहीं, यह आपके व्रत की पद्धति और आपके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। यदि आप नमक ना खाने का निर्णय लेते हैं, तो पर्याप्त मात्रा में पानी पीना ज़रूरी है।

नवरात्रि में नारियल खाना चाहिए या नहीं? | Navratri Vrat Mein Nariyal Kha Skte Hai Ya Nahin?

अगर आप के मन में भी यह सवाल उठता है की नवरात्रि में नारियल खाना चाहिए या नहीं, तो आपको इस वीडियो को पूरा देखना चाहिए। इसमें हमने इस सवाल से जुड़े धार्मिक दृटिकोण के साथ-२ हेल्थ को होने वाले फायदों के बारे में भी जानकारी देने जा रहे है।

नवरात्रि में नारियल का सेवन करने के एक कारन यह भी है की बहुत से लोग नारियल को मान्यताओं के साथ जुड़ा हुआ मानते हैं। वे नारियल को शुभ और पवित्र मानते हैं और इसे माँ दुर्गा का प्रसाद मानते हैं। इसलिए, नवरात्रि में नारियल का सेवन किया जाता है।

इतना ही नहीं नारियल को एक प्रकार के फल के रूप में देखा जाता है और इसलिए भी इसे व्रत में खाने की अनुमति होती है।

आइये जानते है नवरात्री में नारियल का सेवन करने से जुड़े धार्मिक दृष्टिकोण के बारे में :

कुछ लोग नारियल को “सात्विक” भोजन मानते हैं, और यह तो सब जानते है की नवरात्रि में “सात्विक” भोजन का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही नारियल में “शुक्र” गुण होता है, जो शुभता और समृद्धि का प्रतीक है। इतना ही नहीं कुछ लोग नारियल को “देवी का प्रसाद” मानते हैं, और नवरात्रि में देवी को नारियल चढ़ाना शुभ माना जाता है।

नवरात्री के दौरान नारियल का सेवन करने पर होने वाले हेल्थ बेनिफिट्स:-

नारियल विटामिन, खनिज और फाइबर का अच्छा स्रोत है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं जो रोगों से बचाने में मदद करते हैं और यह पाचन क्रिया में सुधार करता है।

नवरात्रि के नौ दिनों में नारियल को आहार में शामिल करने से शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद मिलती है। शरीर में ऊर्जा की कमी को दूर करने के लिए भी नारियल का सेवन फायदेमंद माना जाता है। व्रत के दौरान नारियल खाने के साथ-साथ नारियल पानी का भी सेवन कर सकते हैं।

नवरात्रि में नारियल का सेवन करने के दौरान यह भी ध्यान रखे की यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो नवरात्रि में व्रत रखने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।

नवरात्रि में आलू खा सकते हैं? | Navratri Mein Aalu Khana Chahiye Ya Nahin?

हाँ, आप नवरात्रि में आलू खा सकते हैं।

कई लोग नवरात्रि में आलू खाते हैं और यह पूरी तरह से स्वीकार्य है।

आलू खाने के कई फायदे हैं:

  • पोषक तत्वों से भरपूर: आलू में कार्बोहाइड्रेट्स, पोटेशियम, विटामिन और फाइबर भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ये पोषक तत्व उपवास के दौरान शरीर को ऊर्जा और पोषण प्रदान करते हैं।
  • शाकाहारी विकल्प: आलू एक शाकाहारी भोजन है, और नवरात्रि में शाकाहारी भोजन खाने की सलाह दी जाती है।
  • पवित्र माना जाता है: कुछ धार्मिक परंपराओं में आलू को पवित्र माना जाता है और नवरात्रि के दौरान इसका सेवन किया जाता है।
  • भरपेट: आलू आपको पेट भरा हुआ महसूस कराते हैं, जो उपवास के दौरान महत्वपूर्ण है।
  • पचने में आसान: आलू पचने में आसान होते हैं और पाचन तंत्र पर बोझ नहीं डालते।

आप आलू के विभिन्न व्यंजन बना सकते हैं जैसे:

  • आलू की सब्जी
  • आलू पराठा
  • आलू टिक्की

लेकिन याद रखें कि इन व्यंजनों को सादे तरीके से बनाया जाना चाहिए और नवरात्रि के नियमों का पालन किया जाना चाहिए।

आलू खाने से आपको ऊर्जा और पोषण मिलेगा, साथ ही आपकी आस्था और परंपरा का भी सम्मान होगा।

नवरात्रि में खीरा खाना चाहिए या नहीं? | Navratri Mein Kheera Khana Chahiye Ya Nahin?

नवरात्रि में खीरा खाना एक जटिल सवाल है, जिसका जवाब कई कारकों पर निर्भर करता है।

खीरा खाने के पक्ष में तर्क:

  • खीरा एक फल है, और नवरात्रि में फल खाने की अनुमति है।
  • खीरा पानी और फाइबर से भरपूर होता है, जो उपवास के दौरान शरीर को हाइड्रेटेड और ऊर्जावान रखने में मदद करता है।
  • खीरा में कैलोरी कम होती है, जो वजन घटाने में सहायक हो सकता है।
  • खीरा पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है।

खीरा न खाने के पक्ष में तर्क:

  • कुछ लोग खीरे को ‘तामसिक’ भोजन मानते हैं, जो नवरात्रि के दौरान खाने के लिए अनुशंसित नहीं है।
  • खीरा शीतल प्रकृति का होता है, और कुछ लोग मानते हैं कि यह उपवास के दौरान शरीर को ठंडा कर सकता है।
  • खीरा पेट में गैस पैदा कर सकता है, जो कुछ लोगों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।

निष्कर्ष:

नवरात्रि में खीरा खाना या न खाना, यह आपकी व्यक्तिगत पसंद और विश्वास पर निर्भर करता है। यदि आप उपवास कर रहे हैं और खीरा खाने से आपको कोई परेशानी नहीं होती है, तो आप इसे अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।

यहाँ कुछ बातें हैं जिन पर आप विचार कर सकते हैं:

  • यदि आप उपवास नहीं कर रहे हैं, तो आप खीरा खा सकते हैं।
  • यदि आप खीरे को ‘तामसिक’ भोजन मानते हैं, तो आप इसे न खाने का विकल्प चुन सकते हैं।
  • यदि आपको गैस की समस्या है, तो आप खीरे का सेवन कम मात्रा में कर सकते हैं।
  • आप खीरे को अन्य फल और सब्जियों के साथ मिलाकर सलाद बना सकते हैं।

ध्यान दें: यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह लें कि नवरात्रि में खीरा खाना आपके लिए उचित है या नहीं।

क्या नवरात्रि में पास्ता खा सकते हैं? | Kya Navratri Mein Pasta Kha Sakte Hai?

नवरात्रि के दौरान पास्ता खाना उचित नहीं माना जाता है। पास्ता मैदे से बनी होती है और नवरात्रि में आटे से बने उत्पादों को सामान्य तौर पर वर्जित माना जाता है। मैदा अनाज को आंशिक रूप से मिल कर बनाया जाता है और इसमें कई पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।

इसके अलावा भी नवरात्रि में पास्ता न खाना कई कारणों से बेहतर है:

धार्मिक और आध्यात्मिक कारण:

नवरात्रि में सात्विक भोजन का सेवन करने की परंपरा है। पास्ता को ‘तामसिक’ भोजन माना जाता है, जो मन को शांत करने के लिए अनुकूल नहीं है।
कुछ लोगों का मानना ​​है कि पास्ता का सेवन वासना और क्रोध को बढ़ा सकता है, जो नवरात्रि के उपवास और आध्यात्मिक साधना के उद्देश्य के विपरीत है।
स्वास्थ्य संबंधी कारण:

पास्ता में ग्लूटेन होता है, जो कुछ लोगों के लिए एलर्जी या पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है।
पास्ता में अक्सर रिफाइंड आटा और चीनी का उपयोग किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
पास्ता में फाइबर की मात्रा कम होती है, जो पाचन क्रिया को प्रभावित कर सकती है।

उपवास के लिए:

पास्ता एक भारी भोजन है जो पेट को भारी बना सकता है और उपवास के दौरान कमजोरी और थकान का कारण बन सकता है।
पास्ता में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, जो उपवास के दौरान रक्त शर्करा के स्तर को अस्थिर कर सकती है।

नवरात्रि के दौरान पास्ता के विकल्प:

आप साबुत अनाज, दाल, फल, सब्जियां और नट्स जैसे सात्विक भोजन का सेवन कर सकते हैं।
आप विभिन्न प्रकार के व्रत-विशेष व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं जो स्वादिष्ट और पौष्टिक होते हैं।
आप उपवास के दौरान पानी, जूस, और नारियल पानी जैसे तरल पदार्थों का भरपूर सेवन कर सकते हैं।

निष्कर्ष:

नवरात्रि में पास्ता न खाना धार्मिक, आध्यात्मिक, स्वास्थ्य और उपवास के लिए बेहतर है। आप नवरात्रि के दौरान सात्विक और पौष्टिक भोजन का सेवन करके अपने स्वास्थ्य और आध्यात्मिकता को बेहतर बना सकते हैं।

नवरात्री के व्रत में चॉकलेट खा सकते हैं या नहीं? | Navratri ke vrat mein chocolate kha sakte hain ya nahin?

नवरात्रि के व्रत के दौरान आमतौर पर चॉकलेट खाना उचित नहीं माना जाता है। इसके कुछ प्रमुख कारण हैं:

  1. चॉकलेट मुख्य रूप से कैफीन, शुगर और मिल्क सॉलिड्स से बनी होती है, जिन्हें नवरात्रि के दौरान सामान्यतः वर्जित माना जाता है।
  2. चॉकलेट को वनस्पति तेल और मिल्क प्रोडक्ट्स से भी बनाया जाता है, जिन्हें भी इस अवधि में सीमित किया जाता है।
  3. चॉकलेट तेज और गरम प्रकृति की मानी जाती है, जबकि व्रत के दौरान शीतल भोजन लेने की अनुशंसा की जाती है।
  4. चॉकलेट एक प्रोसेस्ड और रिफाइंड फूड है और नवरात्रि में मुख्य रूप से प्राकृतिक और अपरिष्कृत खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता दी जाती है।
  5. कई धर्म गुरु और आध्यात्मिक नेता चॉकलेट को व्रत में वर्जित मानते हैं क्योंकि इसे अपवित्र माना जाता है।

हालांकि, यदि आप चॉकलेट का पूरी तरह से परहेज नहीं कर सकते हैं, तो आप नवरात्रि के दौरान डार्क चॉकलेट का सीमित मात्रा में सेवन कर सकते हैं। डार्क चॉकलेट में शुगर और मिल्क प्रोडक्ट्स की मात्रा कम होती है। लेकिन फिर भी सर्वोत्तम विकल्प चॉकलेट से पूरी तरह बचना ही होगा।

आखिरकार यह व्यक्तिगत आस्था और निष्ठा पर निर्भर करता है। अगर आप इसके प्रति संदेह में हैं तो व्रत रखने के नियमों का पालन करना ही बेहतर होगा।

नवरात्रि के व्रत के दौरान मखाना खाया जा सकता है और इससे आमतौर पर व्रत नहीं टूटता है। मखाना एक शाकाहारी व संयमित नाश्ता माना जाता है, जिसे व्रत के दौरान खाने की अनुमति होती है। इसके कुछ कारण हैं:

  1. मखाना एक फलि है, जो एक पेड़ का फल होता है। इसलिए इसे प्राकृतिक, शुद्ध और शाकाहारी खाद्य पदार्थ माना जाता है, जिसका उपवास के दौरान सेवन किया जा सकता है।
  2. इसका स्वाद सादा और खट्टा होता है, इसलिए इसे व्रत के लिए उपयुक्त माना जाता है क्योंकि इसमें तेज और मसालेदार स्वाद नहीं होता है।
  3. मखाना फॉक्स न्यूट्स कहलाता है और इसमें पौष्टिक तत्व जैसे प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज पर्याप्त मात्रा में होते हैं जो उपवास के दौरान लाभकारी होते हैं।
  4. यह पचने में आसान होता है और पेट पर बोझ नहीं डालता है।
  5. कई धर्म गुरु और परंपराएं मखाने को नवरात्रि व्रत का हिस्सा मानते हैं।

हालांकि, कुछ लोग मखाने को अग्नि में भुनने के कारण इसे व्रत के दौरान नहीं खाते हैं। लेकिन अधिकांश लोग इसका सेवन करते हैं। इसलिए अगर आप व्रत के नियमों का पालन कर रहे हैं तो मखाना खाने से आपका व्रत नहीं टूटेगा।

मखाना खाने के कुछ फायदे:

  • पोषक तत्वों से भरपूर: मखाने में प्रोटीन, फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम, और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व होते हैं जो व्रत के दौरान शरीर को पोषण प्रदान करते हैं।
  • ऊर्जा का अच्छा स्रोत: मखाने में कार्बोहाइड्रेट भी होते हैं जो व्रत के दौरान ऊर्जा प्रदान करते हैं।
  • पेट को भरा रखता है: मखाने में फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो पेट को भरा रखता है और भूख कम लगती है।
  • पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है: मखाने में मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है।
  • रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है: मखाने में ग्लूटेन नहीं होता है, इसलिए यह रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है।

लेकिन फिर भी, अगर आप संशय में हैं, तो आपको अपने धर्मगुरु या परंपरा से सलाह लेनी चाहिए कि क्या मखाना आपके व्रत के लिए उचित है या नहीं।

क्या हम नवरात्रि व्रत में फूलगोभी खा सकते हैं? | Kya Navratri ke vrat mein Foolgobhi kha sakte hain

हाँ, आप नवरात्रि व्रत में फूलगोभी खा सकते हैं। फूलगोभी एक सात्विक भोजन है और व्रत के दौरान इसका सेवन किया जा सकता है।

इसके कुछ अन्य कारण निम्नलिखित हैं:

  • फूलगोभी एक शाकाहारी सब्जी है और नवरात्रि व्रत के दौरान शाकाहारी भोजन की अनुशंसा की जाती है।
  • इसे प्राकृतिक रूप से उगाया जाता है और इसमें किसी भी प्रकार की प्रोसेसिंग या मिश्रण नहीं किया जाता है। इसलिए इसे शुद्ध और पवित्र माना जाता है।
  • फूलगोभी शीतल प्रकृति की होती है और व्रत के दौरान शीतल भोजन लेने की सलाह दी जाती है।
  • यह पाचन के लिए आसान सब्जी है और पेट पर बोझ नहीं डालती है, जो उपवास के दौरान महत्वपूर्ण है।
  • इसमें फाइबर, विटामिन और खनिज त्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो शरीर को पोषण प्रदान करते हैं।

फूलगोभी खाने के कुछ तरीके:

  • फूलगोभी को उबालकर खा सकते हैं।
  • फूलगोभी को भूनकर खा सकते हैं।
  • फूलगोभी को सब्जी बनाकर खा सकते हैं।
  • फूलगोभी को सलाद में डालकर खा सकते हैं।

कुछ लोग फूलगोभी को सिर्फ इसलिए नवरात्रि में नहीं खाते क्योंकि इसे शाक की श्रेणी में रखा जाता है। हालांकि अधिकांश लोग और धर्मगुरु इसका सेवन करते हैं। यदि आपके व्रत के नियम फूलगोभी खाने की अनुमति देते हैं तो आप इसका आनंद ले सकते हैं। लेकिन अगर आपको इस बारे में संदेह है, तो अपनी आस्था और परंपरा से मिलता जुलता निर्णय लेना बेहतर होगा।

नवरात्री में लाल मिर्च खाये या हरी मिर्च | Navratri Mein Laal Mirch Khaye Ya Hari Mirch

नवरात्रों के दौरान लाल मिर्च और हरी मिर्च दोनों का उपयोग किया जा सकता है। हालांकि, कुछ लोग लाल मिर्च के बजाय हरी मिर्च को प्राथमिकता देते हैं। इसके कुछ कारण हैं:

  • पारंपरिक मान्यता: कुछ पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रों के दौरान लाल मिर्च का त्याग करना चाहिए क्योंकि इसे गर्मी बढ़ाने वाला माना जाता है।
  • आयुर्वेदिक दृष्टिकोण: आयुर्वेद के अनुसार, लाल मिर्च को पित्त को बढ़ावा देने वाला माना जाता है, जबकि हरी मिर्च शरीर में ठंडक पैदा करती है। नवरात्रों के दौरान शरीर की शांति और संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण होता है।
  • पाचन संबंधी लाभ: हरी मिर्च कम तेज होती है और पाचन तंत्र पर कम बोझ डालती है, जबकि लाल मिर्च को पेट में जलन का कारण माना जाता है।

हालांकि, यह व्यक्तिगत पसंद और परंपरा पर भी निर्भर करता है। कुछ लोग लाल मिर्च का सेवन करते हैं क्योंकि इसे शक्ति और उत्साह को बढ़ावा देने वाला माना जाता है। दोनों प्रकार की मिर्चों में पोषक तत्व मौजूद होते हैं। महत्वपूर्ण बात है कि मिर्च का सेवन सीमित मात्रा में किया जाए।

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