About Us में आये है तो आप Healthcareinhindi.com यानि Ravi Kapoor के बारे में जानना चाहते है तो आइये हम शुरू से शुरू करते है।
About Us
नमस्कार दोस्तों,
मेरा नाम रवि कपूर (Ravi Kapoor) है और मैं तक़रीबन एक दशक से भी ऊपर समय से आयुर्वेदा चिकित्सा पद्धति, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति और घरेलु नुस्खों के बारे में जानकारी अलग-२ sources से इकठ्ठा कर, अपने ज्ञान को बढ़ाने में लगा हुआ हु।
दोस्तों, मेरे पिताजी के गुजरने के बाद हमारा एलोपेथी से विश्वास उठ गया तब अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य के लिए मैंने आयुर्वेदा के बारे में जानकारी लेनी शुरू की, और जैसे-२ हमें आयुर्वेदा की जानकारी होती गई , बढ़ती गई, हमें प्रकृति द्वारा प्रदान फल, सब्जियों, मसालों और औषधियों के गुणों, फायदों और उपचार की विधिओ की जानकारी भी मिलती गई, बल्कि अभी भी बहुत कुछ है जानने और समझने के लिए।
इतना ही नहीं दोस्तों, आयुर्वेदा की यह जानकारी हमने अपने आप, अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और सगे सम्बन्धियों के साथ भी बाटनी शुरू की ताकि वह भी हर परेशानी के लिए ऐलोपेथी की तरफ न भागे। बहुत सी परेशानियों के इलाज तो उनके घर पर ही मौजूद है, और इससे उन्हें आराम भी मिला।
2016 में हमने यह जानकारी YouTube के माध्यम से (A and N Health Tips) पुरे विश्व के साथ शेयर करनी शुरू की और A and N Health Tips यूट्यूब चैनल बनाया जिसमे आज भी 28,000 से ज्यादा सब्सक्राइबर्स है।
2018 में मैंने यह वेबसाइट ( healthcareinhindi.com) शुरू की और इसके माध्यम से में अपने पास मौजूद जानकारी लोगो तक पहुचाने लगा। इस पूरी वेबसाइट में A से लेकर Z एक सबकुछ में ही हु। इसे मैंने ही डिज़ाइन क्या है, इसकी सेटिंग की है और इसमें लिखे गए सभी लेख मैंने खुद ही लिखे है।
आपकी जानकारी के लिए बता दू की आयुर्वेदा की इस जानकारी का उपयोग अपनी 7 साल की बेटी से लेकर घर की सबसे बड़ी यानि मेरी माता जी पर भी सफलतापूर्वक किया है। और वे भी इस जानकारी का लाभ उठा रही है। मेरी बेटी जब 7 साल की थी तो वह बहुत कमजोर थी और खाया पिया उसके शरीर को लगता ही नहीं था। जब मुझे हरड़ की जानकारी मिली, उसके गुणों का पता चला और पता चला की हरड़ को आयुर्वेदा में माँ के समान माना गया है तो मैंने हरड़ खुद भी ली और अपनी 7 साल की बच्ची को भी दी। आज जब में यह लिख रहा हु तो भगवान और हरड़ की कृपा से मेरी बेटी आज पूरी तरह से हृष्ट-पुष्ट है। जिसका अपना एक यूट्यूब चैनल भी है Kapoor Sisters |
इसी तरह त्रिफला, अदरक, लहसुन, अर्जुन की छाल आदि का प्रयोग हम सभी के लिए फायदेमंद सिद्ध हुआ है। यह तक की कोरोना वायरस के समय के दौरान और आज कल भी हम लोग अर्जुन की छाल की चाय का सेवन रोजाना करते है और शायद इसी लिए हम सभी कोरोना वायरस से बचे हुए है।
दोस्तों, आयुर्वेदा और प्राकृतिक चिकित्सा में अंतहीन जानकारी है और इस जानकारी को अधिक से अधिक इकठ्ठा करके , उसे प्रयोग करके आपके साथ शेयर करता रहुगा।
आयुर्वेदा और प्राकृतिक चिकित्सा की जानकारी जो की बहुत सी किताबो और इंटरनेट पर दी गई है साथ ही वह जानकारी जो की मेरे बड़े बुजुगो, दोस्तों, रिश्तेदारों और मेरे खुद के अनुभव में है वह मैं आपके साथ शेयर कर रहा हु | वो भी अपनी वेबसाइट healthcareinhindi.com में |
एक जरुरी बात दोस्तों, हर व्यक्ति की तासीर और बहुत सी अन्य बातों को ध्यान में रखकर ही उसके रोगो के इलाज के लिए औषधि दी जाती है इसलिए आपसे अनुरोध है की हमारे द्वारा लिखे गए लेख सिर्फ आपकी जानकारी बढ़ाने के लिए है और एक औषधि जो किसी एक के लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है वो किसी दूसरे के लिए बहुत ही नुकसानदायक हो सकती है इसलिए हमारे द्वारा दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले किसी अनुभवी चिकित्सक या वैद्य की सलाह अवश्य ले ले।