बीपी लो के बारे में जानकारी (Low BP in Hindi)- लो ब्लड प्रेशर, लो बी पी के कारण, लो ब्लड प्रेशर के लक्षण और होमियोपैथी इलाज, आयुर्वेदिक इलाज और बीपी लो के घरेलू उपाय की सही जानकारी क्योकि लो बी पी या हाइपर्टेंशन को आमतोर पर लोग गंभीरता से नहीं लेते। साथ ही इसे लेकर तमाम गलतफहमिया भी है। सही तरीके से इलाज न होने पर लो बी पी कई खतरनाक समस्याओं की वजह बन सकता है। इससे निबटने के लिए जो भी जानकारी आवश्यक है वो हम इस लेख में देने जा रहे है।
क्या होता है ब्लड प्रेशर | What is Blood Pressure
हमारे दिल से सारे शरीर को साफ खून को सप्लाई लगातार होती रहती है। अलग-अलग अंगों को होने वाली यह सप्लाई आर्टरीज (धमनियों) के जरिए होती है। ब्लड को प्रेशर से सारे शरीर तक पहुंचाने के लिए दिल लगातार सिकुड़ता और वापस नॉर्मल होता रहता है।
सिस्टोलिक प्रेशर
एक मिनट में आमतौर पर 60 से 70 बार जब दिल सिकुड़ता है तो खून अधिकतम दबाव के साथ आर्टरीज में जाता है। इसे सिस्टोलिक प्रेशर कहते हैं।
डायास्टोलिक प्रेशर
जब दिल सिकुड़ने के बाद वापस अपनी नॉर्मल स्थिति में आता है तो खून का दबाव आर्टरीज में तो बना रहता है, पर वह न्यूनतम होता है। इसे डायास्टोलिक प्रेशर कहते हैं।
इन दोनों के माप, डायास्टोलिक और सिस्टोलिक, को ब्लड प्रेशर कहते हैं। ब्लड प्रेशर दिन भर एक-सा नहीं रहता। जब हम सोकर उठते हैं तो अमूमन यह कम होता है। जब हम शारीरिक मेहनत का कुछ काम करते हैं जैसे तेज चलना, दौड़ना या टेंशन, तो यह बढ़ जाता है। बीपी मिलीमीटर्स ऑफ मरकरी (एमएमएचजी) में नापा जाता है।
Table of Contents
- क्या होता है ब्लड प्रेशर | What is Blood Pressure
- सिस्टोलिक प्रेशर
- डायास्टोलिक प्रेशर
- ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए? | उम्र के अनुसार ब्लड प्रेशर चार्ट
- लो बीपी । निम्न रक्तचाप या हाइपोटॅशन | बीपी लो के बारे में जानकारी | Low BP in Hindi
- ब्लड प्रेशर लो होने पर क्या करे, ये भी जान लीजिए
- कैसे पता लगता है की किसी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर लो है या हाई
- ब्लड प्रेशर चेक कराने से पहले ये सावधानिया रखे
- इनका बीपी हो सकता है लो
- बीपी लो की दवा | बीपी डाउन का इलाज | bp low treatment at home in hindi
ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए? | उम्र के अनुसार ब्लड प्रेशर चार्ट
उम्र के हिसाब से उपर ब्लड प्रेशर और लोअर ब्लड प्रेशर अलग अलग होता है। उम्र की अनुसार नार्मल ब्लड प्रेशर की जानकारी आपको इस उम्र के अनुसार ब्लड प्रेशर चार्ट में मिल जायगी:-
उम्र | उपर बी पी | लोअर बी पी |
3-5 | 116 | 76 |
6-9 | 122 | 78 |
10-12 | 126 | 82 |
13-17 | 136 | 86 |
एडल्ट्स | 130 से नीचे | 85 से नीचे |
लो बीपी । निम्न रक्तचाप या हाइपोटॅशन | बीपी लो के बारे में जानकारी | Low BP in Hindi
सामान्य बीपी 130/85 होना चाहिए। थोड़ा बहुत ऊपर-नीचे होने से खास फर्क नहीं पड़ता, लेकिन -अगर ऊपर का 85 से कम हो जाए तो उसे जो बीपी, निम्न रक्तचाप या हाइपोटॅशन कहते हैं।
लो ब्लड प्रेशर के लक्षण । लो बीपी के लक्षण | Symproms of Low BP in Hindi
कुछ लोगों में ब्लड प्रेशर लो होने का तब पता चलता है जब वह अचानक गिर जाते है या इसके और संकेत या लो ब्लड प्रेशर के लक्षण दिखाई देने लगते है जैसे थकान, कमजोरी, चक्कर आना, धुंधला दिखाई देना, स्किन में पीलापन और ठंडा पड़ जाना, निराशा या डिप्रेशन, उलटी सो महसूस होना, प्यास लगना और तेज रफ्तार से आधी-अधूरी सांसें आना।
अत्यधिक हाइपोटेंशन (Hypertension) यानि ब्लड प्रेशर के अधिक कम हों जाना, बहुत ही खतरनाक स्तिथि होती है जिसके संकेत और लक्षणों में शामिल हैं:
- भ्रम, खासकर वृद्ध लोगों में
- ठंडी, चिपचिपी, पीली त्वचा
- तेज, उथली सांसे
- कमजोर और तेज नाड़ी
बीपी लो होने के कारण । ब्लड प्रेशर लो होने के कारण | Reason of Low BP in Hindi
पानी या खून की कमी, उलटिया, डेंगू-मलेरिया, हार्ट प्रॉब्लम, किसी प्रकार का सदमा लगना, इन्फेक्शन, ज्यादा मोशन आने, शरीर से ज्यादा खून बह जाने, लंग या फेफड़ों के अटैक से हार्ट का वॉल्व खराब हो जाने के अलावा कई दवाओं से भी बीपी लो जाता है।
शरीर के अंदरूनी अंगों में खून का रिसाव, पौष्टिक खाने की कमी व खाने-पीने में अनियमितता बरतना भी लो बीपी की वजह हो सकती हैं। अचानक सदमा लगना, कोई भयावह दृश्य देखने या खबर सुनने से भी लो बीपी हो सकता है।
ब्लड प्रेशर लो होने पर क्या करे, ये भी जान लीजिए
लो ब्लड प्रेशर के लक्षण नजर आने पर:-
- हार्ट अटैक के कारण बीपी लो हो तो जीभ के नीचे रखने वाली सॉरबिट्रेट जैसी नाइट्रेट बेस्ड दवाएं न दें। इनसे बीपी और लो हो सकता है। उस वक्त सिर्फ डिस्प्रिन की गोली हो दें।
- हार्ट व हाई बीपी की ज्यादातर दवाएं ज्यादा मात्रा में लेने पर बीपी लो कर देती हैं।
- डिप्रेशन की दवाएं और पेनकिलर्स ज्यादा लेने और ज्यादा शराब पीने से भी बीपी लो हो सकता है।
- यौन शक्ति बढ़ानेवाली वायग्रा जैसी दवाएं इस्तेमाल करने वाले लोग अगर नाइट्रेट बेस्ड सॉर्बिट्रेट जैसी दवाएं भी साथ में लेते हैं तो उससे खतरनाक तरीके से बीपी लो हो सकता है।
- यह कहना सही नहीं है कि शुगर की वजह से बीपी लो हो जाता है। दरअसल, पेशाब लाने की दवाएं लेने पर शुगर के मरीजों में बीपी लो हो सकता है, इंसुलिन या शुगर की बाकी दवाओं से नहीं।
- अगर माता-पिता दोनों को बीपी की शिकायत हो तो कई बार उनके बच्चों में बीपी काफी हाई (170 तक भी) होने पर भी लक्षण प्रकट नहीं हो पाते। ऐसे में प्रॉपर चेक करवाएं।
- आम धारणा है कि लो बीपी को ठीक करने के लिए ताकत की दवाई या टॉनिक लेने चाहिए या फिर ऐसे लोगों को घर का काम नहीं करना चाहिए, लेकिन यह सच नहीं है।
कैसे पता लगता है की किसी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर लो है या हाई
- किसी भी व्यक्ति के ब्लड प्रेशर को सिर्फ एक बार नापने के आधार पर ही नहीं कह सकते कि बीपी लो है या हाई ।
- पेशंट का रुटीन को देखा जाता है कि यह शारीरिक मेहनत करता है या नहीं।
- उसकी फैमिली हिस्ट्री भी देखी जाती है कि उसके माता-पिता को शुगर या बीपी तो नहीं था।
- साथ ही, कॉलेस्ट्रॉल (लिपिड प्रोफाइल) और किडनी की भी जांच की जाती है।
- तमाम इन जांचों के के आधार पर बीपी निकाला जाता है। तीन दिन तक लगातार सुबह खाली पेट ब्लड प्रेशर चेक करने के बाद उसका औसत निकालकर ही माना जाना चाहिए कि बीपी लो है या हाई।
- बीपी मानसिक व शारीरिक दोनों वजहों से हाई या तो लो होता है। उसी के आधार पर दवा दी जानी चाहिए।
ब्लड प्रेशर चेक कराने से पहले ये सावधानिया रखे
- ब्लड प्रेशर चेक करवाने से पहले ज्यादा भागदौड़ नहीं करनी चाहिए।
- अगर डॉक्टर घर से दूर हो या डॉक्टर क्लिनिक में देर से आए तो जांच से आधा घंटा भर पहले तक सुबह हल्का-सा नाश्ता कर सकते है।अन्य स्थिति में खाली पेट ही बीपी चेक कराए।
- डॉक्टर के पास पहुंचते ही तुरंत बीपी चेक न कराएं। 15-20 मिनट बैठने के बाद ही बीपी चेक करवाना चाहिए ताकि शरीर नॉर्मल अवस्था में आए जाए।
- अगर इमरजेंसी हो तो ही तुरंत जाच करानी चाहिए।
इनका बीपी हो सकता है लो
● महिलाओं में 15 से 40 तक की उम्र में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन हामॉन की वजह से बीपी कम पाया जाता है, पर उसे लो नहीं माना जाता क्योंकि ऐसा हार्मोस की वजह से होता है। ऐसी महिलाओं में बीपी 100/60 या 100 /65 तक हो सकता है। मेनोपॉज या रजोनिवृत्ति के बाद उन्हीं महिलाओं में बीपी बढ़ने के चांस हो जाते हैं क्योंकि ये हार्मोस उस उम्र में बनना कम हो जाते हैं तब नीचे वाला बीपी 90 से ऊपर व ऊपर वाला बीपी 150 से 160 तक हो सकता है। महिलाओ को जांच करवाकर ही दवा लेनी चाहिए।
● जो लोग खिलाड़ी हैं या अच्छी-खासी एक्सरसाइज करते हैं, उनका बीपी आमतौर पर कम ही मिलता है। इसे बीमारी नहीं माना जा सकता।
ब्लड प्रेशर में तुलसी के फायदे
बीपी लो की दवा | बीपी डाउन का इलाज | bp low treatment at home in hindi
लो ब्लड प्रेशर की अंग्रेजी दवा | लो ब्लड प्रेशर की एलोपैथिक दवा
बी पी लो होने के अनेको कारण हो सकते है इसलिए अधिकतर डॉक्टर लो बीपी को बीमारी न मानकर दूसरी बीमारियों का लक्षण या परिणाम मानते हैं, इसलिए बिना जांच वे कोई भी दवा नहीं खाने की सलाह देते हैं।
लो ब्लड प्रेशर की होम्योपैथिक दवा
होम्योपैथी में अलग-अलग वजहों से होने वाले लो बीपी के लिए अलग अलग दवाइयां हैं | तो आइये जानते है लो ब्लड प्रेशर की होम्योपैथिक दवा:-
● एक्सिडेंट, ऑपरेशन या महिलाओं में डिलिवरी या पीरियड्स के दौरान ज्यादा खून बह जाने से होने वाले लो ब्लड प्रेशर के लिए चाइना-30 की पांच-पांच गोलियां दिन में चार बार तीन-चार दिन तक लें।
● किसी भी प्रकार का सदमा लगने से होने वाले लो ब्लड प्रेशर में एकोनाइट-30 या इग्नीशिया-30 या मॉसकस-30 की पांच-पांच गोलियां दिन में चार बार या कालीफॉस-6 एक्स की चार-चार गोलियां चार बार लें।
● अगर अक्सर लो ब्लड प्रेशर रहता हो तो आर्सेनिक एल्बम-30 या जेल्सिमियम-30 या फॉसफोरिक एसिड-30 की पांच-पांच गोलियां दिन में चार बार लें।
पतंजलि लो ब्लड प्रेशर मेडिसिन । लो ब्लड प्रेशर की आयुर्वेदिक दवा
इनमें से कोई एक उपाय करें :
- सिद्धमकरध्वज की खुराक मरीज की हालत के मुताबिक वैद्य से बनवाकर लें।
- मृगांग पोटली रस पाउडर की एक रती सुबह-शाम पानी से लें। शुगर वाले भी ले सकते हैं। दिल के लिए अच्छा है और दिल को ताकत भी देता है।
- वृहदवातचिंतामणि रस की आधी-आधी गोली सुबह शाम दूध से ले।
- चार रत्ती या आधा छोटा चम्मच अश्वगंधा चूर्ण या दो रत्ती ताप्यादि लौह या दो रत्ती प्रवाल पिष्टी (प्रवाल पिष्टी कैल्शियम बढ़ाती है) या चार रत्ती आंवला चूर्ण या कामदुधा रस की गोली दो रत्ती पानी से लें।
- दो चम्मच अश्वगंधारिष्ट बराबर पानी मिला कर सुबह-शाम लें।
- दो छोटी चम्मच बलारिष्ट या अर्जुनारिष्ट आधे कप पानी से ले।
- शुगर के मरीज अर्जुन की छाल का दो चम्मच चूर्ण पानी में उबाल लें। फिर छानकर पीएं।
- शुगर के मरीज अश्वगंधा का पाउडर आधा छोटा चम्मच पाउडर पानी से लें या एक-एक गोली सुबह-शाम लें।
- योगेंद्र रस की आधी गोली पानी से दिन में एक बार लें।
- (सिद्धमकरध्वज, वृहदवातचिंतामणि रस व योगेंद्र रस, ये तीनों दवाएं बहुत ज्यादा बीपी लो होने पर सिर्फ वैद्य की देखरेख में ही लेनी चाहिए।)
- मकरध्वज की एक गोली रोज लें।
- कपूरादि चूर्ण एक छोटी चम्मच सुबह-शाम पानी से कुछ दिन तक लगातार लें। इसे शुगर के मरीज भी ले सकते हैं।
- हरगौरी रस एक रत्ती सुबह-शाम शहद से लें।
ब्लड प्रेशर लो के घरेलू उपचार | bp लो का घरेलू उपचार | ब्लड प्रेशर लो के घरेलू उपचार
ब्लड प्रेशर लो के घरेलू उपचार की जानकारी आगे डी गई है, आप उनमे से एक समय में कोई एक उपचार ही करे:-
- हल्दी का आधा चम्मच पाउडर दूध के साथ दिन में किसी भी वक्त लें। इससे आराम मिलता है। ठीक होने पर छोड़ दें। इसे किसी भी मौसम में ले सकते है।
- रात को पांच बादाम भिगोकर सुबह खाली पेट एक बादाम व एक काली मिर्च लेकर दो से तीन मिनट तक चबाकर खाएं। बाकी बादामों को भी इसी तरह खाएं। 15-20 मिनट बाद नाश्ता कर सकते हैं।
- दूध व चावल की खीर में छोटी इलायची, चिरौंजी, बादाम व केसर डालकर खाएं।
- पका हुआ शरीफा और सीताफल का सेवन करने से भी फायदा होता है।
- काले चने 20-25 ग्राम और 10 नग किशमिश रात को पानी में भिगो दें। सुबह शौच के बाद खाली पेट इस पानी को पीकर चने व किशमिश खा लें। आधे घंटे बाद चाय पी सकते हैं। शुगर के मरीज बिना किशमिश के चने खाएं व पानी पीएं।
- सात-आठ गिरी मुनक्का व बादाम मिलाकर रोज खाये।
- रात को दो-तीन अंजीर भिगोकर सुबह खाएं। शुगर के मरीज सिर्फ एक अंजीर भिगोकर ले।
- एक बड़ी इलायची व पुदीने के थोड़े-से पत्तों को उबाल कर उसका पानी पीएं। चाय में डालकर भी पी सकते हैं।
- छिले हुए चार बादाम, एक चम्मच शहद और एक चम्मच मिश्री को एक साथ पीस लें। सुबह-शाम इस पेस्ट को खाएं।
- गाय या बकरी का एक पाव दूध, दो चम्मच गाय का घी, काली मिर्च के 10 दाने और 10 ग्राम मिश्री को उबालकर इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम पीएं। शुगर के मरीज मिश्री व शहद न लें।
- मक्खन एक चम्मच, मिश्री स्वादानुसार और एक चांदी का वर्क मिलाकर सुबह-शाम कुछ दिन सेवन करें।
- हर रोज गाय के दूध के साथ एक-दो सिंघाड़े खाने से फायदा होता है।
- चाय-कॉफी ले सकते हैं। इनसे बीपी बढ़ता है। नमक-चीनी का घोल या इलेक्ट्रॉल पाउडर का घोल भी ले सकते हैं।
लो ब्लड प्रेशर की समस्या होने पर खानपान का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। Diet for Low BP Patient in Hindi की detail जानकारी इस लिंक पर मिल जायगी।
नेचरोपैथी से लो बी पी का उपचार | Low BP in Naturopethy
लो बी पी का इलाज नेचरोपैथी में भी दिया गया है। लो ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए तौलिया या किसी और कपड़े को सांदे पानी में भिगोकर निचोड़ लें। चार उंगल चौड़ी पट्टी बनाएं। चटाई बिछाकर उस पर पट्टी फैला दें और मरीज को उस पर लिटा दे। करीब 10 मिनट तक लेटे रहने दे । ध्यान रहे कि पट्टी उतनी ही चौड़ी हो, जो रीढ़ की हड्डी को ही लंबाई में कवर करे, पूरी कमर को नहीं।
यह लो व हाई बीपी, दोनों में फायदेमंद है। इससे थोड़ी देर में ही बीपी सामान्य हो जाएगा। इसे दिन या रात में किसी भी वक्त कर सकते हैं लेकिन सोते वक्त करना बेहतर है। इसे किसी भी मौसम में किया जा सकता हैं। लगातार 45 दिन करने से बीपी की समस्या नहीं रहती।
अक्सर पूछे जाने वाले कुछ सवाल
क्या लो बीपी इमरजेंसी माना जाना चाहिए?
दिल के मरीज, बुजुर्ग और जिन लोगो का बी पी हाई रहता हो, उनका बी पी अगर लो हो (ऊपर का ९० से कम ) हो जाये तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए, क्योकि इसका असर दिमाग, हार्ट और किडनी पर पड़ सकता है। ऐसे में इ स ग भी करवा लेनी चाहिए। वैसे तो लो बी पी के किसी भी मरीज को डॉक्टर को दिखाना चाहिए ताकि आगे जा कर हालत खराब न हो।
बी पी कितना होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए?
ऊपर का 90 से कम होते ही डॉक्टर को दिखा ले। निचे वाला 65 तक चला जाये तो ज्यादा चिंता की बात नहीं है।
जिनका बी पी लगातार लो रहता है, वे क्या करे?
संतुलित व पौष्टिक खाना खाएं, ज्यादा पसीना निकालने ज्यादा न घूमें और पर्याप्त मात्रा में नमक खाएं।
बीपी 65 पॉइंट तक चला जाए तो…
नीचे वाला लो हो जाने से ज्यादा चिंतित होने की बात नहीं है। यह 65 तक भी ठीक होता है, पर अगर ऊपर वाला पहले से एकदम 30 पॉइंट कम हो जाए या 90 से कम हो जाए तो ठीक नहीं होता। लोअर बी पी 65 से नीचे चला जाए को चिंता की बात है।
तो लो बीपी होने पर क्या करें?
नमक या नमक-चीनी वाला पानी या चाय पिलाएं। पैरों के नीचे दो तकिए लगाकर मरीज को लिटा दें।
क्या लो बी पी ठीक हो सकता है?
जी हाँ। नमक का घोल (सेलाइन वाटर ) या जरुरत पड़ने पर खून चढ़ाने से लो बीपी ठीक हो जाता है। खून चढ़ने की नौबत कमजोरी होने या ज्यादा खून बह जाने पर पड़ती है। जो लोग पहले से हाई बीपी की दवा खा रहे वे दवा खाना बंद कर दें तो भी बीपी का लेवल ठीक हो जाता है। हार्ट पेशंट्स डॉक्टर की सलाह से हार्ट की गोलियां रोककर वैकल्पिक दवाएं से तो उनका बीपी नॉर्मल हो सकता है।
लो बी पी से कीन्हे है ज्यादा खतरा?
हार्ट पेशंट्स और एनीमिया के के मरीज है तो लो बी पी को लेकर अधिक सावधानी बरतनी चाहिए क्याकि इन्हे लो बी पी हो जाने पर ज्यादा खतरा रहता है।
इस लेख में हमने बीपी लो के बारे में जानकारी जैसे लो ब्लड प्रेशर क्या होता है? लो बी पी के कारण, लो बी पी के लक्षण और होमियोपैथी इलाज, आयुर्वेदिक इलाज, ब्लड प्रेशर लो के घरेलू उपचार और नेचरोपैथी से लो बी पी (Hypertension in Hindi) का उपचार करने की जानकारी शेयर की है। हम उम्मीद करते है यह जानकारी आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगी। इस जानकारी को अन्य लोगो के साथ भी शेयर करे ताकि वे भी इस जानकारी का लाभ उठा सके।
Specially For You:-
पेट में गोला होने के लक्षण और उपाय
शुगर में कौन कौन सी सब्जी खानी चाहिए
बवासीर में चावल खाना चाहिए या नहीं
Typhoid Mein Dahi Khana Chahiye Ya Nahin
टाइफाइड में चावल खाना चाहिए या नहीं
टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज
गले का कैंसर की पहचान
सर्वाइकल कितने प्रकार का होता है, कारण और लक्षण
लंग्स इन्फेक्शन में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं
शुगर के मरीज बादाम और काजू खा सकते हैं
पेट की गैस को जड़ से खत्म करने के उपाय
अनार के फायदे और विभिन्न रोगो में प्रयोग की विधि की जानकारी
आम || Aam ke fayde || Uses and Benefits of Mango in Hindi
लहसुन के फायदे, विभिन्न रोगों में उपयोग की विधि | Uses and Health Benefits of Garlic in Hindi
References:-