पालक के फायदे और नुकसान (Spinach in Hindi) – Spinach ka Hindi name पालक (Palak) होता है। पालक (Paalak) शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर एक सूपरफूड है जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। हाँ, इसके कुछ नुकसान भी होते है लेकिन पालक की तासीर, पालक खाने के फायदे (Palak ke Fayde), उपयोग और नुकसान , जानकर आप इसका पूरा लाभ उठा सकते है।
पालक के फायदे और नुकसान | Palak Ke Fayde Aur Nuksan
पालक में भारी मात्रा में विटामिन और खनिज पाए जाते हैं। पालक में मौजूद विटामिन-ए और विटामिन-सी आँखों के लिए, कैल्शियम और विटामिन ‘K ‘ हड्डियों और नर्वस सिस्टम के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसके सेवन से मासपेशिया मजबूत बनती है, कैंसर का खतरा कम होता है और त्वचा को भी फायदा मिलता है लेकिन इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से किडनी स्टोन और पाचन सम्बन्धी समस्याएं हो सकती है ।
इस लेख में हम आपको पालक खाने के फायदे (Palak khane ke fayde), पालक की तासीर (Palak ki Taseer), पालक का उपयोग, पालक में मौजूद पोषक तत्वों की जानकारी देने के साथ-२ पालक के नुकसान (Palak ke Nuksan) के बारे में भी बताने जा रहे है।
Table of Contents
- पालक के फायदे और नुकसान | Palak Ke Fayde Aur Nuksan
- पालक | Spinach In Hindi
- पालक में मौजूद पोषक तत्व || Nutrient of Spinach in Hindi
- पालक का विभिन्न रोगों में प्रयोग || Use of Spinach in Hindi
- पालक के नुकसान (Palak ke Nuksan) | Side Effects of Spinach in Hindi
पालक | Spinach In Hindi
पालक एक प्रसिद्ध भाजी यानि सब्जी है | हरी पत्तेदार सब्जियां यानि तरकारियाँ खाने की सलाह सभी डॉक्टरों के द्वारा दी जाती है क्योंकि यह सभी पोषक तत्वों से भरपूर होती है |
हरे पत्तो की तरकारियों में पालक (Spinach) के पत्तो की तरकारी अधिक पथ्य और उपयोगी होती है | इसी कारण यह स्वाद के अलावा यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है |
पालक सितम्बर से लेकर अप्रैल तक आसानी से उपलब्ध होती है जो की ठण्ड का समय होता है और ठण्ड के मौसम में पालक खाने के फायदे भी बहुत है इसलिए इस मौसम में इसका भरपूर मात्रा में उपयोग करना चाहिए |
वैसे आजकल साल भर तक सभी सब्जियां मिल जाती है, लेकिन बरसात में आने वाली पालक में मिट्टी, कीड़े व कीटाणु बहुत अधिक मात्रा होते है इसलिए हमेशा गरम पानी से अच्छे से धोने के बाद ही इसका उपयोग करना चाहिए | साथ ही पालक वायुकारक भी होती है इसलिए वर्षाऋतु में इसका सेवन न करे |
पालक की मूल उत्पत्ति स्थान अफ्रीका है | 1 फीट की ऊंचाई वाला इसका पौधा भारत में सभी जगह उगाया जाता है | इसका सेवन अधिकतर साग बनाकर किया जाता है जो काफी गुणकारी होता है | पालक जैसी सस्ती व सुलभ सब्जी में अनेक गुणों का समावेश है | पालक खुद में एक संपूर्ण भोजन है |
पालक की तासीर | Palak ki Taseer kaisi hoti hai
आयुर्वेदा के अनुसार प्रत्येक खाई जाने वाली वस्तु हमारे शरीर पर ठंडा या गर्म असर डालती है जिसे उस वस्तु की तासीर माना जाता है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक व्यक्ति जो आयुर्वेदा में भी विश्वास रखते है या आयुर्वेदा की जानकारी रखते है, वे जानना चाहेंगे पालक ठंडा होता है या गर्म (palak thanda hota hai ya garam) यानि पालक की तासीर गर्म होती है या ठंडी, पालक की तासीर कैसी होती है?
आयुर्वेदा के अनुसार पालक चरपरा, मधुर, पथ्य, शीतल तथा तृप्ति कारक है और पालक की तासीर ठंडी होती है। आयुर्वेद में इसे सुपाच्य, कब्ज नाशक, कफकारक, मूत्र, वातकारक, ठंडा, भरी, दस्तावर, ज्वर में पथ्य तथा वायु व्याधि नाशक माना गया है। पालक पीलिया, हिस्टीरिया, प्यास, जलन और पित्तज्वर में बहुत लाभदायक होती है |
पालक का उपयोग | Uses of Spinach in Hindi
पालक (Spinach) को हमेशा अच्छे से 2-3 बार साफ गर्म पानी से अच्छे से धोकर उपयोग में लाना चाहिए | पालक सलाद व सब्जी के रूप में, चटनी बनाकर , उबाल कर या सूप बनाकर या जूस के रूप में इसका सेवन किया जा सकता है | पालक के पकोड़े अकेले या कड़ी में डाल कर बहुत स्वादिष्ट लगते है |
आइए अब जानते हैं कि पालक किन-2 बीमारीओं में फायदेमंद (Palak Benefits in Hindi) है?
पालक के फायदे | Benefits of Spinach in Hindi
पालक एक लोकप्रिय पत्तेदार सब्जी है | पालक लगभग सभी ऋतुओ में उत्पन्न होती है | भारत में यह शाक प्रत्येक स्थान पर सरलता से मिल जाती है | पालक उन सब्जियों में से एक है जिनमें एक साथ कैल्शियम, विटामिन ‘सी’ और लोह तत्व पाए जाते हैं | पालक खनिज लवण एव विटामिनों से परिपूर्ण होती है |
पालक पाचन तंत्र के लिए उपयोगी सब्जी है | इसके नियमित सेवन से महा रोग कब्ज से मुक्ति मिलती है | पालक में बीटा कैरोटीन भरपूर मात्रा में जाता है जो शारीरिक विकास व नेत्र ज्योति में वृद्धि करता है। पालक में कैंसर रोधी तत्व भी पाया जाता है । फास्फोरस की अधिकता के कारण इसका प्रयोग श्रम करने वालों के लिए बेहद लाभप्रद है।
मधुमेह के रोगियों के लिए तो यह उत्तम भोजन है। यह शारीरिक सौंदर्य की भी वृद्धि करती है। पालक अपने रक्तशोधक गुणों की वजह से चर्म रोगियों के लिए एक उत्तम सब्जी है। पालक हमारे शरीर को रोगों से बचाए रखने के अतिरिक्त अन्य रोगों को नष्ट भी करता है। खून की कमी दूर करने हेतु पालक रामबाण औषधि है। इसको भोजन या रस के रूप में लेने से रक्त में हीमोग्लोबिन की वृद्धि होने लगती है। जिससे कुछ ही दिनों में नए रुधिर यानि रक्त का निर्माण होता है और मुरझाए चेहरे, बाल और नेत्र पुनः चमक उठते हैं, चेहरे के कील मुंहासे खत्म होते हैं, शरीर में नूतन उत्साह, इच्छा शक्ति, स्फूर्ति और जोश का संचार होता है।
प्राकृतिक चिकित्सकों के अनुसार पालक सभी स्त्री पुरुषों और बच्चों के लिए गुणकारी टॉनिक सा काम करती है। इसका सेवन करने से मस्तिष्क का तनाव और अधिक काम करने पर हुई थकावट भी नष्ट हो जाती है। कोष्टबद्धता वाले रोगियों, स्त्री पुरुषों के लिए पालक अत्यंत गुणकारी प्राकृतिक औषधि है। आयोडीन की कमी की पूर्ति करने के कारण पालक घेंघा रोग को उत्पन्न नहीं होने देती।
तो चलिए विस्तार से जानते है पालक खाने के फायदे यानि Benefits of Spinach in Hindi:-
खून की कमी ( एनीमिया (Anemia) ) होने पर पालक है फायदेमंद
आयरन की कमी के कारण शरीर में रक्त की कमी हो सकती है और रक्त की कमी को पूरा करने के लिए इसकी भरपूर मात्रा की आवश्यकता होती है, जो पालक के सेवन से पूरी की जा सकती है। पालक से शरीर में हीमोग्लोबिन और रक्त कोषाणु विकसित होते हैं और इसलिए रक्तक्षीणता यानि अनीमिया से ग्रस्त लोगों को पालक का नियमित सेवन करना चाहिए। और इसी कारण से एनीमिया (Anemia) होने पर सबसे पहले लोग पालक खाने की सलाह देते है, इसको खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा में बढ़ोतरी होती है | पालक रक्त को बढ़ाने के साथ-साथ रक्त को शुद्ध भी करती है और हड्डियों को मजबूत भी बनाने में सहायक होती है |
हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
यह शरीर को बहुत मात्रा में कैल्शियम प्रदान करता है इसलिए कम आयु के बच्चों की हड्डियां विकसित करने व कमजोर हड्डियों वाले वृद्धों के लिए भी पालक लाभदायक है। मांसाहारियों को जितना प्रोटीन मांस, मछली व अंडा खाने से मिलता है, उतना ही प्रोटीन शाकाहारीओ को पालक खाने से प्राप्त होता है।
वजन कम करना में सहायक Spinach in Hindi
शरीर के वजन को नियंत्रण में रखना चाहते है तो पालक का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि पालक में वजन को नियंत्रण में रखने वाले गुण पाए जाते हैं। दरअसल, वजन कम करने के लिए सबसे आवश्यक यह है कि आप अपने भोजन में कैलोरी का कम मात्रा सेवन करें। पालक एक ऐसा खाद्य पदार्थ हैं जिसमे कैलोरी बहुत कम मात्रा में पायी जाती है, इसलिए इसे अपने आहार में शामिल कर आप अपने बढ़ते वजन को नियंत्रण में रख सकते है।
पथरी होने पर पालक है फायदेमंद
पथरी से छुटकारा पाने में पालक भरपूर मदद कर सकती है। पालक के पत्तों का रस अथवा कवाथ पिलाने, सब्जी खिलाने से पथरी गल या पिघल जाती है और मूत्रवृद्धि होकर इसके कण बाहर निकल जाते है |
आँतों के रोगों से छुटकारा दिलाये पालक Spinach in Hindi
पालक में आंतो को कष्ट देने वाला कोई भी द्रव्य नहीं होता इसलिए इसका सेवन आंतो के रोगो में अत्यंत हितकारी है | पालक में फाइबर और पानी भरपूर मात्रा में पाया जाता है और फाइबर मुख्य रूप से खाने को पचाने में सहायक होता है। पालक का सेवन करने से पुरानी कब्ज भी ठीक हो जाती है, आँतों के रोगों से छुटकारा मिल जाता है |
आँखों के लिए लाभदायक पालक || Spinach Benefits for Eyes
आंखों को स्वस्थ रखने में पालक बहुत फायदेमंद सिद्ध होती है। दरअसल, आंखों की बीमारीओं से बचने के लिए हरी सब्जियों के सेवन की सलाह दी जाती है, जिनमें से सबसे अधिक उपयुक्त है पालक । पालक में विटामिन-ए और विटामिन-सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो मुख्य रूप से आंखों में होने वाले मैक्यूलर डीजेनरेशन (Macular Degeneration – नेत्र रोग) के खतरे को कम कर सकता है।
आंखों की दृष्टि को स्वस्थ रखने के लिए पालक का रस पियें | पालक से मिलने वाले बीटा केरोटीन तथा ल्यूटेन आँखों के लिए काफी लाभकारी होते है । ऑंखें सूखी रहती हों , जलन होती हो तो पालक का नियमित सेवन लाभकारी होता है ।
फेफड़ो की सड़न एंव गले में जलन में पालक है फायदेमंद
पालक फेफड़ो की सड़न को भी सुधरती है | पालक का रस निकालकर उससे कुल्ला करने से गले की जलन दूर होती है |
पयेरिया में पालक है फायदेमंद
कच्चा पालक दातों से चबा के खाने से पायरिया में आराम मिलता है । सुबह के समय खाली पेट पालक का रस पीने से मसूड़ों से खून आना बंद होता है साथ ही दांत व मसूढ़े मजबूत होते हैं |
गले में दर्द में पालक है फायदेमंद
गले के दर्द से आराम पाने के लिए पालक को पानी में उबालें, फिर पालक को उसी पानी में निचोड़कर, मसलकर उस पानी को छानकर, उसी गर्म पानी से कुल्ला करने से गले दर्द में आराम मिलता है|
गर्भावस्था में पालक
पालक में पोषक तत्वों की प्रचुर मात्रा होने के कारण यह गर्भवती महिलाओं व स्तनपान कराने वाली मां के लिए बहुत उपयोगी होती है। गर्भवती महिला के द्वारा पालक का सेवन करने से शिशु को काफी पोषक तत्व मिलते हैं जिससे गर्भस्थ शिशु का विकास अच्छी तरह से हो पाता है। पालक का नियमित सेवन करने वाली गर्भवती महिला को प्रसव के समय भी अधिक मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ता। यह गर्भवती स्त्रियों में आयरन और दूसरे विटामिनों की पूर्ति करके उन्हें शक्ति व स्फूर्ति देती है।
पालक में फोलेट बहुत मात्रा में पाया जाता है, जो गर्भावस्था में खाने के लिए सबसे अच्छे खाद्य पदार्थों में से एक है । फोलेट विटामिन ‘बी’ से भरपूर होता है जो स्वस्थ शिशु के विकास के लिए जरूरी है । यह रीढ़ और मस्तिष्क के गंभीर दोषों को रोकने में मदद करता है, खून की कमी नहीं होने देता , समय से पूर्व प्रसव से बचाता है । लेकिन ध्यान रहे की गर्भावस्था में अधिक मात्रा में पालक खाने से बचना चाहिए |
पालक में मौजूद पोषक तत्व || Nutrient of Spinach in Hindi
हरी सब्जिया पौष्टिक गुणों की खान होती है और इसी वजह से चिकित्सक इन्हे अपने भोजन में अधिक मात्रा में शामिल करने की सिफारिश करते है। Spinach यानि पालक एक ऐसी ही हरी सब्जी है जिसमे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, पानी, और शुगर जैसे पोषक तत्व पाए जाते है।
कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, और जिंक जैसे खनिज भी पाए जाते है और यह विटामिन सी, थायमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन बी-६, फोलेट, विटामिन बी-१२, विटामिन ए, विटामिन ई, विटामिन डी (डी2+डी3), विटामिन के का अच्छा स्रोत्र भी है।
पालक में निहित प्रोटीन और फोलिक अम्ल उत्तम कोटि की होती है क्योंकि इसमें अजिर्निं, इसोलूसिंन, मिथिओनिन, ट्रीप्टोफन, ल्यूसी लाइसिन, फिनिलेलनीन, थिओनिन, हिस्टीडीन, इत्यादि जरूरी तत्व विध्यमान होते है। पालक में जल की मात्रा सबसे अधिक होती है |
पालक का विभिन्न रोगों में प्रयोग || Use of Spinach in Hindi
चेहरे व मुख के रोग में पालक के प्रयोग || Use of Spinach in Hindi
- त्वचा की कोमलता – पालक को पानी में उबालकर छानकर इस लोशन को साफ कपड़े से त्वचा पर मलने से त्वचा कोमल हो जाती है।
- शारीरिक शक्ति व सौंदर्य – 100 ग्राम बारीक कटे पालक में 2 कली लहसुन, 2 टमाटर और एक चुटकी काली मिर्च डालकर बघार लगाकर सूप पीने से शारीरिक शक्ति व सौंदर्य में वृद्धि होती है।
- दंत रोग – पालक के प्रयोग से दांत मजबूत होते हैं तथा उनका खोखला पन दूर होता है।
- मसूड़ों से खून आना – गाजर और पालक का रस मिलाकर पीने से मसूड़ों से खून आना कम हो जाता है।
- पायरिया – सुबह-सुबह आधा गिलास पालक का रस खाली पेट पीने तथा कच्चा पालक दातों से चबाकर खाएं। इससे पायरिया में आराम मिलता है।
- गले की जलन – पालक के रस से गले की जलन ठीक होती है। पालक के रस से गरारे करने से गले में होने वाली जलन में आराम मिलता है।
- गले की सूजन – पालक के पत्तों को पानी में उबालकर, छानकर उस पानी से गरारे करने से गले की सूजन व दर्द दूर होता है।
- झुर्रियां – पालक व निम्बू के रस की दो-तीन बूंदे ग्लिसरीन में मिलाकर त्वचा पर सोते समय लगाने से झुर्रियां व त्वचा की खुश्की खत्म होती है।
पेट के रोग में पालक के प्रयोग || Use of Spinach in Hindi
कब्ज –
- पालक, गाजर व अमरूद का रस एक-एक कप तथा सेब व आलू का रस आधा-आधा कप मिलाकर पीने से कब्ज दूर होती है।
- कच्ची पालक का रस आधा गिलास सुबह पीते रहने से कब्ज कुछ ही दिनों में सही हो जाती है। पालक और बथुए की सब्जी खाने से भी कब्ज दूर होती है।
पेट के कीड़े –
- पालक के पत्तों को अजवाइन के साथ पीसकर, पानी में घोलकर पीने से पेट के कीड़े बाहर निकल जाते हैं।
- पालक व अजवाइन का चूर्ण छोटे-मोटे क्रीमी को बाहर निकालने के लिए लाभकारी होता है।
रक्तविकार – पालक के रस में गाजर का रस मिलाकर पीने से रक्त विकार नष्ट होते हैं।
पेट के रोग – कुछ दिन नियमित रूप से पालक अधिक मात्रा में खाने से पेट के रोगों में लाभ होता है |
आंख व नाक के रोग में पालक के प्रयोग || Use of Spinach in Hindi
नकसीर
- पालक के रस में अनार का रस मिलाकर सेवन करने से नाक से होने वाला रक्तस्राव रुक जाता है |
- पालक को अनार दाने के साथ मिलाकर कच्चा या सब्जी बनाकर खाने से नाक से गिरने वाला खून बंद हो जाता है |
नेत्र ज्योति में वृद्धि – प्रातः खाली पेट पालक व गाजर का रस मिलाकर पीने से नेत्र ज्योति में वृद्धि होती है
रतौंधी
- गाजर और टमाटर के रस में समान मात्रा में पालक का रस मिलाकर पीने से लाभ होता है |
- 40 ग्राम पालक के रस में 80 ग्राम गाजर का रस मिलाकर पीने से रतौंधी रोग शीघ्र नष्ट होता है |
चर्म रोग में पालक के प्रयोग || Use of Spinach in Hindi
फोड़े फुंसी
- त्वचा पर फोड़े फुंसी हो जाने पर उन्हें पालक के पत्तों को पानी में उबालकर धोने से वे जल्द ठीक हो जाते हैं |
- पालक को नीम के पत्ते पीसकर, फोड़ो पर लगाने से बेकार खून और मवाद निकल कर फोड़ा सही हो जाता है।
दाद खुजली
- पालक के पत्तों को छाछ के साथ पीसकर लगाने से यह रोग समाप्त हो जाता है |
- पालक के बीज को पोस्तदाना, समभाग लेकर, पानी में पीसकर लगाने से दाद व खुजली में फायदा होता है। इसकी पूरे शरीर पर मालिश कर गर्म पानी से नहाने से खुजली मिटती है।
बाल झड़ना – बाल ज्यादा झड़ने और रुसी की शिकायत होने पर पालक के उबले हुए रस में, नींबू का रस समान मात्रा में मिलाकर, सिर धोने से बाल झड़ने और रुसी की समस्या से मुक्ति मिल जाती है |
स्त्री रोग में पालक के प्रयोग || Use of Spinach in Hindi
गर्भवती स्त्रियों के लिए – इसमें लोह तत्व की मात्रा अधिक होने के कारण बच्चे और मां दोनों को लोह तत्व की पूर्ति होती है। इनके लिए पालक का उपयोग विशेष लाभकारी है।
अन्य रोग में पालक के प्रयोग || Use of Spinach in Hindi
दिल की कमजोरी – एक कप पालक के रस में काली मिर्च, भुना जीरा और नींबू का रस मिलाकर 1 महीने तक सेवन करने से दिल की कमजोरी दूर होती है |
शारीरिक निर्बलता – 50 ग्राम पालक का रस, 100 ग्राम गाजर का रस को 50 ग्राम चुकंदर का रस मिलाकर पीने से शारीरिक निर्बलता समाप्त होती है |
वमन – पालक के रस में प्याज व पुदीने का रस मिलाकर पीने से वमन नहीं होता |
खांसी व फेफड़ों की सूजन –
- पालक के रस से गरारे करने से खांसी व फेफड़ों की सूजन में लाभ होता है |
- पालक के रस में शहद और थोड़ी सी काली मिर्च मिलाकर प्रयोग करने से सीने में जमा बलगम निकल जाता है व खासी व श्वास में फायदा होता है |
गांठ व सूजन – त्वचा पर फोड़े-फुंसी, गांठ व सूजन पर दिन में दो-तीन बार पालक के पत्तों को बांधने या गरम-गरम पुल्टिस बांधने व पालक की काढ़े से धोने से फायदा होता है |
विषैले जीव के काटने पर – मधुमक्खी, बर व अन्य विषैले जीवों के काटने पर पालक खिलाने व पिसे हुए पत्ते का लेप करने से लाभ होता है |
मूत्रावरोध / पथरी –
- पालक का रस, नारियल के पानी के साथ मिलाकर पीने से मूत्र खुलकर आता है |
- 50 ग्राम पालक के रस में कुल्थी का सूप और नींबू का रस मिलाकर सुबह-शाम प्रयोग करने से मूत्र का अवरोध नष्ट होता है तथा मूत्राशय की पथरी गल कर नष्ट होती है |
श्वास रोग
- पालक की ताजा पत्तियां खाने से श्वास रोग में फायदा होता है |
- पालक की कच्चे पत्तों का रस, शहद के साथ मिलाकर खाने से श्वास रोग में फायदा होता है | इससे छाती पर जमा हुआ बलगम साफ होकर फेफड़े हल्के हो जाते हैं |
रक्त विकार
- पालक के रस में गाजर का रस मिलाकर पीने से रक्त विकार नष्ट होते हैं |
- एक कप पालक का रस, दिन में 3 बार पीने से रक्त विकार दूर होता है जिससे चेहरे और शरीर पर निखार आता है |
अनिद्रा – सेब, अमरूद, गाजर व पालक का रस मिलाकर पीने से अनिद्रा की शिकायत नहीं रहती |
पीलिया –
- छाछ के साथ पालक मिलाकर खाने से पीलिया रोग समाप्त हो जाता है | पीलिया में पालक का उपयोग परम औषध है |
- 40 ग्राम पालक का रस 10 ग्राम चोलाई का रस मिलाकर पिलाने से पीलिया में लाभ होता है |
नशा उतारना – पालक के पत्तों को पीसकर, नींबू की शिकंजी में मिलाकर पीने से नशा उतर जाता है |
विषपान – कई बार दवा का प्रतिकूल असर हो जाता है या भूल से कोई भी विषैली चीज खा ले तो पानी में पालक उबालकर, उस पानी में अदरक का थोड़ा सा रस मिलाकर पिलाने से जल्द से जल्द राहत मिलती है |
आग से जलना – शरीर के जले हुए अंग पर पालक का पेस्ट लगाने से जलन शांत होती है व फफोले नहीं होते |
रक्ताल्पता – आधा गिलास पालक के रस में दो शहद मिलाकर 2 माह तक लगातार पीने से शरीर में रक्त की वृद्धि होती है व त्वचा में निखार आता है |
बहुमूत्रता – रात को बार बार पेशाब जाना, शाम को पालक की सब्जी खाने से कम हो जाता है |
पालक के नुकसान (Palak ke Nuksan) | Side Effects of Spinach in Hindi
दोस्तों, जैसा की मैं हमेशा कहता हूँ की अति हर चीज़ की बुरी होती है | अधिक मात्रा में पालक (Spinach in Hindi) का सेवन करने से आगे बताई गई परेशानिया हो सकती है :-
- पालक का अधिक मात्रा में सेवन करना पेट की बीमारीओं को न्योता देने की वजह बन सकता है। पालक में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। अच्छे पाचन के लिए फाइबर की आवश्कता तो होती है लेकिन अधिक मात्रा में पालक का सेवन करने से पाचनतंत्र को नुकसान भी पहुंच सकता है। अधिक मात्रा में पालक का सेवन करने से पेट ख़राब, गैस, पेट फूलना, ऐंठन आदि जैसी परेशानिया पैदा हो सकती है इसलिए पालक का सेवन संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए।
- फाइबर से भरपूर आहार जैसे दालें, फल, रेशे वाली सब्जियां, और अन्य फाइबर युक्त पदार्थो के साथ पालक का सेवन करने से शरीर में फाइबर की मात्रा बढ़ जाती है। जिससे बुखार, सर दर्द, डायरिया जैसी परेशानिया हो सकती है।
- पालक अधिक मात्रा में खाने से किडनी में स्टोन की समस्या पैदा हो सकती है। पालक में प्यूरिन तथा ऑक्जेलिक एसिड पाए जाते है जो की गुर्दे में पथरी का कारण बन सकते है ।
- पालक में यूरिक एसिड पाया जाता है इसलिए ऐसे लोग जिन्हे यूरिन इन्फेक्शन की समस्या हो उन्हें पालक का सेवन चिकित्सक की सलाह से ही करना चाहिए।
- गठिया के रोगी को पालक का संतुलित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।
- बरसात में आने वाली पालक में मिट्टी व कीटाणु बहुत होते है, इसलिए पालक को पकाने से पहले इसे अच्छी तरह से साफ़ पानी या नमक वाले पानी से साफ़ कर लेना चाहिए ताकि इसमें मौजूद धूल, मिटटी के कण और कीटाणु इसमें से निकल जाये नहीं तो शरीर को पालक खाने के फायदे की बजाय नुकसान हो सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :-
पालक खाने से क्या होता है (palak khane se kya hota hai)?
पालक में भारी मात्रा में विटामिन और खनिज पाए जाते हैं। पालक में मौजूद विटामिन-ए और विटामिन-सी आँखों के लिए, कैल्शियम और विटामिन ‘K ‘ हड्डियों और नर्वस सिस्टम के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसके सेवन से मासपेशिया मजबूत बनती है, कैंसर का खतरा कम होता है और त्वचा को भी फायदा मिलता है लेकिन इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से किडनी स्टोन और पाचन सम्बन्धी समस्याएं हो सकती है ।
क्या पालक खाने से पथरी होती है (kya palak khane se pathri hoti hai)?
पालक में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। शरीर में कैल्शियम की अधिकता होने पर पथरी का खतरा पैदा हो जाता है इसलिए अधिक मात्र में पालक खाने से शरीर में कैल्शियम-ऑक्सालेट का निर्माण होता है और पथरी की समस्या पैदा हो जाती है।
हम उम्मीद करते है की पालक खाने के फायदे (Palak khane ke fayde), पालक की तासीर (Palak ki Taseer), पालक का उपयोग, पालक में मौजूद पोषक तत्वों की जानकारी के साथ-२ पालक के नुकसान (Palak ke Nuksan) आदि विषयो पर दी गई यह जानकारी आपके लिए फायदेमंद रहेगी।
Our YouTube Channel is -> A & N Health Care in Hindi
https://www.youtube.com/channel/UCeLxNLa5_FnnMlpqZVIgnQA/videos
Join Our Facebook Group :- Ayurveda & Natural Health Care in Hindi —-
https://www.facebook.com/groups/1605667679726823/
Join our Google + Community :- Ayurveda and Natural Health Care —
https://plus.google.com/u/0/communities/118013016219723222428
Unused Words ( सकत, करन, करत, इसक, आपक, उपय, भरप, मजब, अपन, खतर, रखन, इबर, इसम, समस, आवश, इसल, hindiप, सबस, पहल, इसस )