अर्जुन की छाल का उपयोग कैसे करें – इस लेख में अर्जुन के पेड़ की छाल, अर्जुन की छाल के फायदे, अर्जुन की छाल के गुण, अर्जुन छाल का काढ़ा बनाने का तरीका, अर्जुन की छाल लेने का तरीका, अर्जुन की छाल का उपयोग कौन-२ से रोगो को दूर करने में किस तरह से किया जाये, अर्जुन की छाल कैसे लेनी चाहिए? आदि के बारे में पूरी जानकारी दी गई है। अर्जुन की छाल के गुण इतने हैं कि इस लेख को पढ़ने के बाद आप खुद इसे इस्तेमाल करने के लिए मजबूर हो जायँगे |
अर्जुन की छाल के फायदे | अर्जुन की छाल का उपयोग कैसे करें
अर्जुन की छाल कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड, ब्लड प्रेशर, मोटापा, हृदय रोग और बहुत से अन्य रोगो को दूर करने में फायदेमंद होती है। बस आपको यह जानकारी होनी चाहिए की इन रोगो में अर्जुन की छाल का उपयोग कैसे करते है। इन सब बातों के जानकारी हमने इस लेख में दी है |
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अर्जुन की छाल कैसे लेनी चाहिए?
अर्जुन की छाल एक ऐसी औषधि है जो हमारे शरीर को छोटे से लेकर बड़े-२ रोगो से बचाव करने और उनसे छुटकारा दिलाने में सहायक होती है। इतना जानने के बाद यह सवाल उठना की अर्जुन की छाल क्या काम आती है? अर्जुन की छाल कैसे लेनी चाहिए?, अर्जुन की छाल का उपयोग कौन-२ से रोगो में किया जा सकता है और कैसे ? बिलकुल उचित है।

अर्जुन की छाल : हार्ट ब्लॉकेज खोलने के उपाय
दिल की नसों में ब्लॉकेज या तो दिल की ऊपर की नसों में हो सकती है या फिर नीचे की नसों में। जिनके दिल की नसों में ब्लॉकेज है उन लोगो के लिए अर्जुन की छाल का काढ़ा इस्तेमाल करना फायदेमंद रहता है |
अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाने के लिए :-
- अर्जुन की छाल को पीस के अच्छे से पाउडर बना लें |
- एक कप पानी में एक चम्मच पाउडर डालकर उबालें |
- जब पानी आधा कप रह जाए और उसमें जरूरत अनुसार मीठा जो भी आपको पसंद है, वह मिलाये |
दिल की नसों की ब्लॉकेज दूर करने के लिए इस काढ़े का सेवन करना काफी फायदेमंद सिद्ध होता है बस आपको आगे बताई गई बातों का ध्यान रखना है :-
- इस काढ़े को सुबह-शाम खाना खाने से पहले ले |
- इसे खाना खाने के बाद नहीं लेना और कोशिश करे की इसे लेने के आधे घंटे तक कुछ खाना नहीं है |
- जब इसका इस्तेमाल करें तब शराब, दारु, घी, मक्खन, मलाई और बाजार का तला हुआ या पैक्ड फ़ूड ना खाएं |
3 महीने लगातार इस्तेमाल करके आप दिल के डॉक्टर को दिखाकर बकायदा टेस्ट करवाए ताकि आपको खुद पता चले कि दिल की नसों की ब्लॉकेज पर इसका कितना असर हुआ है और वह पूरी तरह से खुल गई है या अभी कुछ ब्लॉकेज बाकि है |
अर्जुन की छाल कोलेस्ट्रॉल का आयुर्वेदिक इलाज
जिनका ट्राइग्लिसराइड खून में बढ़ा हुआ है या सीरम कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है या मान लीजिए एलडीएल (बैड कोलेस्ट्रॉल) बढ़ा हुआ है तो उन लोगो के लिए अर्जुन की छाल के काढ़े का इस्तेमाल करने से उनका गुड कोलेस्ट्रोल बढ़ जाएगा और बैड कोलेस्ट्रॉल खत्म होता चला जाएगा |
हर 2 महीने पर टेस्ट जरूर करवाएं ताकि आपको भी पता रहे कि अर्जुन की छाल कोलेस्ट्रॉल पर कितना असर डाला है, कोलेस्ट्रॉल लेवल अब कितना ठीक है, अब आप कितना ठीक है |
अर्जुन की छाल ब्लड प्रेशर का आयुर्वेदिक इलाज
जिन रोगियों का ब्लड प्रेशर (B.P) बढ़ा हुआ रहता है उनके लिए अर्जुन की छाल बहुत फायदेमंद है | यह ब्लड प्रेशर को ठीक करता है क्योंकि इसमें ऐसे गुण पाए जाते हैं हाई बीपी वालों के लिए, हाइ परटेंशन वालों के लिए बहुत फायदेमंद है | इसके इस्तेमाल से बीपी कंट्रोल रहता हैं |
अर्जुन की छाल : सीने में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज
किसी को दिल में जलन होती है या घबराहट होती है या मान लीजिए छाती में दर्द होता है, दिल के पास दर्द होता है, और एकदम सांस खींच खींच कर लेना पड़ता है या काम करते वक्त सांस फूलता है तो ऐसी स्थिति में ऊपर बताई गई विधि से बनाया हुआ अर्जुन की छाल का काढ़ा उनके लिए बहुत फायदेमंद होता है |
अर्जुन की छाल : बालों की समस्या का आयुर्वेदिक इलाज
जिन व्यक्तियों के बाल झड़ते हैं या समय से पहले बाल सफेद हो रहे है, वह अर्जुन की छाल को पीसकर उसका पाउडर बनाकर बालों की जड़ों में लगाकर, आधा घंटा छोड़े | उसके बाद ताजे पानी से धो ले |
अगर इसको और अच्छा करना चाहते हैं तो इसमें अर्जुन की छाल के बराबर का मेथी दाना, आंवला और भृंगराज, चारों चीजें एक साथ मिलाकर पाउडर बनाकर रख लें |
इसका एक चम्मच पाउडर पानी में घोलकर बालों की जड़ों में लगाकर आधा घंटा रखें, उसके बाद धो दें, तो इससे बाल झड़ने भी बंद हो जाएंगे और दूसरे नंबर पर जो बाल सफेद हो गए वह भी काले होने लग जाएंगे |
अर्जुन की छाल : T.B. का आयुर्वेदिक इलाज
जिनको T.B की शिकायत है चाहे वह फेफड़ों में हो, चाहे वह अंतड़ियो में हो, चाहे वह हड्डियों में हो, वह अर्जुन की छाल, लहसुन, और मुलेठी, यह तीनों चीजों को लेकर इसका काढ़ा बनाकर उसका सेवन करना काफी फायदेमंद होता है | इस काढ़े को बनाने के लिए:-
मान लीजिए अर्जुन की छाल एक चम्मच है तो दो कलियां लहसुन की लेनी है और दो से तीन पीस मुलेठी के लेकर उसको कूटकर एक कप पानी तब तक उबालना है जब तक की पानी उबल-२ कर आधा न रह जाये | इसे छान लीजिये | बस यह काढ़ा तैयार है |
आधा कप काढ़ा सुबह-शाम खाना खाने से पहले इस्तेमाल करना है | इसके सेवन से T.B. के बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं और हर 3 महीने पर अपना चेकअप जरूर करवाते रहें यह जानने के लिए की T.B. में कितना आराम है | यह काढ़ा T.B. की बीमारी से जड़ से खत्म कर देता है |

अर्जुन की छाल : लिवर की बीमारी का आयुर्वेदिक इलाज
जिन व्यक्तियों के लिवर में बार-बार इंफेक्शन हो जाता है, खून में Poison यानि टॉक्सिन की मात्रा बढ़ जाती है या जिनका फेटी लीवर है, जिनका सिरोसिस (सिरोसिस उस मेडिकल कंडीशन को बोलते है जिसमे लीवर सख्त होने लग जाता है ) है, जिनका लीवर खराब हो रहा है, यहां तक की खराब लीवर वालो के लिए भी अर्जुन की छाल फायदेमंद है |
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अर्जुन की छाल पीस के उसका पाउडर बनाकर, एक चम्मच पाउडर को एक कप पानी में उबालिये | जब पानी उबल-२ कर आधा कप रह जाये तो छानकर सुबह-शाम खाना खाने से पहले इस्तेमाल करना है | इससे खराब लीवर वालो का लिवर बिल्कुल एक्टिव हो जाता है और ठीक हो जाता है और सब कुछ खाना पीना हजम होने लग जाता है |
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अर्जुन की छाल : चेहरे पर पिंपल्स पर अर्जुन की छाल का उपयोग
जिनके चेहरे पर पिंपल्स निकलते हैं अर्जुन की छाल, मुल्तानी मिट्टी और हल्दी, तीन चीजों को बराबर मात्रा में पीस के इसका पेस्ट दूध, गुलाब जल या पानी में मिलाकर बना ले | इस पेस्ट को बनाकर चेहरे पर लगाकर आधा घंटा छोड़ दे | आधे घंटे बाद चेहरे को साफ पानी से धो ले। पिंपल्स, झाइयां, झुरियां वगैरह खत्म हो जाएगी और चेहरे पर नूर आ जायगा, शाइनिंग आ जायगी और चेहरा अच्छा दिखेगा |
अर्जुन की छाल : मोटापा घटाना का आयुर्वेदिक इलाज
जो लोग मोटापा घटाना चाहते हैं उनके लिए अर्जुन की छाल की चाय बहुत ही फायदेमंद है | अर्जुन की छाल की चाय बनाना बहुत ही आसान काम है। इसके लिए आपको चाहिए अर्जुन की छाल का पाउडर।
मोटापा कम करना चाहते है तो इन बातों का ध्यान रखे
बस आपको इतना करना है की अर्जुन का छाल लाकर पीस के सुबह शाम जब भी आप चाय पिए चाहे वह बेड टी ही क्यों न हो, उसमे बस एक चम्मच अर्जुन की छाल डाल दे और चाय वैसे ही बनाये जैसे बनाते है |
इससे चाय का से टेस्ट भी खराब नहीं होता, टेस्ट सारा आपको वही मिलेगा और सुबह शाम आप इसका इस्तेमाल करें, इससे फैट सेल्स पिघलने लग जाते हैं |
बस आपको इतना ध्यान रखना है की इसका इस्तेमाल करते समय आप भी मक्खन, मलाई और बाजार का तला, खुला इस्तेमाल मत करें | आप देखना कैसे आपका वजन कम होता और फैट खत्म होता चला जाएगा, मोटापा पिघलता चला जाएगा, खासतौर पर पेट का चर्बी |
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अर्जुन की छाल : कैंसर की गांठ का आयुर्वेदिक इलाज
जिन महिलाओं को स्तन में गांठ हो जाते हैं चाहे वह हारमोंस की वजह से हो, चाहे वह कैंसर की गांठ हो, उनके लिए अर्जुन की छाल और कचनार की छाल बराबर की मात्रा में लेकर पीस के इनका पाउडर बनाकर इसका सेवन करे या काढ़ा पीना चाहते काढ़ा बनाकर पीएं और हर 3 महीने बाद अपना टेस्ट करवाएं ताकि आपको पता चलता की यह गांठ कितने मेल्ट हो गई है |
यह पाउडर कैंसर की गांठ को खत्म कर देता है इससे धीरे-धीरे कैंसर सेल्स खत्म होते जाते है और किसी भी तरह के गांठ को मेल्ट कर देता है |
शुगर यानि डायबिटीज पर अर्जुन की छाल का उपयोग कैसे करे
जिन व्यक्तियों को बार-बार पेशाब आता है, पेशाब गंदला आता है, पेशाब के साथ धातु जाती है या खासतौर पर जिनका मधुमेह/शुगर/डायबिटीज बढ़ा हुआ रहता है फिर चाहे वह टाइप 2 डायबिटीज हो या टाइप 1 हो, उनके लिए अर्जुन की छाल बहुत ज्यादा फायदेमंद है |
क्योंकि अर्जुन की छाल अग्नाशय को ताकत देता है, जो हमारे शरीर में इन्सुलिन को बनाने के लिए जिम्मेदार होता है और शुगर को कंट्रोल करता है | अर्जुन की छाल का काढ़ा डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत अच्छी औषधि है और यह शुगर को बहुत तेजी से कम कर सकती है | इसके सेवन के दौरान शुगर के रोगी अपनी शुगर पर पैनी नजर रखे, रूटीन चेकअप जरूर करवाते रहें क्योंकि यह बहुत तेजी से शुगर को डाउन कर सकता है।
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गुर्दे में इन्फेक्शन पर अर्जुन की छाल का उपयोग कैसे करे
जिन व्यक्तियों के बार-बार गुर्दे में इन्फेक्शन होता रहता है या गुर्दे कमजोर हो रहे हैं, गुर्दे खराब हो रहे हैं उनके लिए अर्जुन की छाल का काढ़ा या अर्जुन की छाल का पाउडर लेना बहुत फायदेमंद है |
बस इतना करें कि अर्जुन के छाल के साथ दो चीजें और मिला ले पुनरवा की जड़ और गोखरू | गोखरू चाहे छोटा मिलाये या बड़ा मिलाएं, इन तीनों चीजों को बराबर मात्रा में मिलाकर आप इसका पाउडर बना ले | आप चाहे तो इस पाउडर का काढ़ा बना कर भी इसे इस्तेमाल कर सकते है |
इसके सेवन से आपके गुर्दे बिल्कुल स्ट्रांग हो जाएंगे, गुर्दे का इन्फेक्शन खत्म हो जाएगा और कई व्यक्ति जिनका क्रिएटिनिन या ब्लड यूरिया बड़ा हुआ है उन्हें भी इसके इस्तेमाल से फायदा हुआ है | इसके सेवन से होने वाले फायदे को कन्फर्म करने के लिए आप चाहे तो हर महीने अपना KFT टेस्ट करवा सकते है |
गुर्दे में पथरी पर अर्जुन की छाल का उपयोग कैसे करे
जिनके मूत्र पथ में या मूत्र नली में या पेशाब की थैली में या गुर्दे में पथरी की शिकायत है उनके लिए भी अर्जुन की छाल का पाउडर, अर्जुन की छाल का काढ़ा लेना बहुत फायदेमंद है क्योंकि इसमें ऐसे गुण पाए जाते हैं जिनके कारण यह पथरी को भी ख़त्म करता है और एक्स्ट्रा फॉस्फोरस, कैल्शियम वगैरह को खत्म कर देता या पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकाल देता है |
मुंह में छाले पर अर्जुन की छाल का उपयोग कैसे करे
अर्जुन की छाल की तासीर ठंडी होती है इसी कारण जिन व्यक्तियों के मुंह में पेट की गर्मी के कारण छाले बने रहते या पायरिया की शिकायत है या मुंह से बदबू आती है, वे अर्जुन की छाल को पीसकर अच्छे से उसका पाउडर बनाकर, मंजन के रूप में करें या छालों पर लगाए इससे छाले खत्म हो जाते हैं और पायरिया की शिकायत खत्म हो जाती है |
खांसी पर अर्जुन की छाल का उपयोग कैसे करे
जिन व्यक्तियों को खांसी की शिकायत रहती है, फेफड़ों में बलगम जमा हुआ रहता है, सांस लेने में तकलीफ होती है, खरड़-खरड़ की आवाज आती है, उनके लिए अर्जुन की छाल, मुलेठी और गुल बनकशा, तीनों को बराबर मात्रा में लेकर पीस के काढ़ा बनाकर, सुबह-शाम खाना खाने से पहले इस्तेमाल करने से बलगम पिघल कर बिल्कुल निकल जाती है और आसानी से निकल जाती है, परेशान भी नहीं करती |
इसके सेवन से फेफड़े भी मजबूत हो जाते क्योंकि मुलेठी में और अर्जुन की छाल में इम्यूनिटी बढ़ाने के भी गुण पाए जाते हैं | इसके लगातार सेवन से फेफड़े हमेशा ठीक ही रहते हैं |
बस इसका इस्तेमाल करते समय खट्टी-ठंडी चीजों का इस्तेमाल मत करें क्योंकि कहते है ना दवा के साथ परहेज भी जरूरी होता है तो परहेज का ध्यान जरूर रखे |
गैस्ट्राइटिस अल्सर पर अर्जुन की छाल का उपयोग कैसे करे
जिन व्यक्तियों को गैस्ट्राइटिस अल्सर है, पेप्टिक अल्सर है या अल्सर कोलाइटिस की दिक्कत है उनके लिए अर्जुन की छाल, मुलेठी और नाग केसर, तीनों को बराबर मात्रा में लेकर, चाहे आप पाउडर चाहे आप काढ़े के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं | यह पेप्टिक अल्सर, गैस्ट्राइटिस अल्सर या अल्सर कोलाइटिस तीनों को खत्म करता है |
पैरों में हाथों में चेहरे पर सूजन पर अर्जुन की छाल का उपयोग कैसे करे
जिन व्यक्तियों को जगह-जगह, पैरों में, हाथों में, चेहरे पर सूजन आ जाती है, ऐसे में पुनरवा की जड़ और अर्जुन की छाल को लाकर, पीस कर, पाउडर बनाकर एक कप पानी में डालकर उबालें |
जब पानी उबल-२ कर आधा कप रह जाये तो छानकर सुबह-शाम खाना इस्तेमाल करने से यह गुर्दो को ताकत भी देता है और शरीर में किसी भी तरह से सूजन आ रही है वह सूजन खत्म हो जाएगी |
अर्जुन की छाल : नाक से खून या मूत्रमार्ग से खून
जिन व्यक्तियों को नाक से खून आता है या मूत्रमार्ग से खून आता है या गुदा द्वार या मल द्वार बोलते हैं खून आता है जिसे रक्तपित्त के नाम से भी जाना जाता है तो उनके लिए नाग केसर, अर्जुन की छाल बराबर मात्रा में मिलाकर इन को पीसकर पाउडर या काढ़ा बनाकर इस्तेमाल करने से यह नकसीर या रक्त पित्त की शिकायत जड़ से खत्म हो जाती है |
अर्जुन की छाल : बच्चेदानी पर गांठ
जिन महिलाओं को बच्चेदानी पर गांठ है, हारमोंस इन बैलेंस हो या बच्चेदानी नीचे की तरफ आई हुई है या बच्चेदानी का आकार बड़ा हुआ है या किसी भी कारण से महीना ज्यादा आता है या मान लीजिए महीना महीने में दो बार आता है, आता तो रुकता नहीं है, उनके लिए बहुत फायदेमंद है |
नाग केसर और अर्जुन की छाल बराबर मात्रा में लेकर, इनको पीस कर, चाहे आप पाउडर के रूप में इस्तेमाल करे या काढ़े के रूप में इस्तेमाल करें, इसका लगातार इस्तेमाल करने से यह बीमारी जड़ से खत्म हो जाती है |
अगर आपको रसोली है तो इसी के साथ कचनार की छाल आप मिला लीजिए तो सॉल्व हो जाएगी | रसोली भी धीरे-धीरे मेल्ट हो जाएगी हां रसौली है तो आप 3 महीने बाद अल्ट्रासाउंड जरूर करवाना ताकि आपको खुद पता चले कि कितना फर्क पड़ा है |
ओस्टियोपोरोसिस या ओस्टियोआर्थराइटिस पर अर्जुन की छाल का उपयोग कैसे करे
जिनकी हड्डियां बहुत कमजोर है या हड्डी टूट गई है वह जल्दी से जुड़ नहीं रही है या कहीं से हड्डी बुखर रही है या हड्डी में ओस्टियोपोरोसिस या ओस्टियोआर्थराइटिस की शिकायत है, उनके लिए अर्जुन की छाल और हरजोर लता दोनों बराबर मात्रा में पीस आप इसे काढ़े के रूप में या पाउडर के रूप में इस्तेमाल करें |
इसके सेवन से आप की हड्डी बिल्कुल मजबूत और बिल्कुल ठीक हो जाएगी और जिसकी हड्डी टूट गई है वह भी जल्दी से जल्दी जुड़ जाएगी |
अर्जुन की छाल कितनी मात्रा में लेनी चाहिए?
अर्जुन की छाल का सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए या आप कितनी मात्रा इसे ले सकते है ?
इसको अगर पाउडर फॉर्म में लेते हैं तो एक चम्मच से लेकर आप दो चम्मच तक ले सकते हैं और यदि मान लीजिए बच्चा छोटा है तो आधा चम्मच भी दे सकते हैं
अगर आप यह जानना चाहते है की इसे कितना ग्राम लेना चाहिए तो दोस्तों इसको 6 ग्राम से 12 ग्राम तक भी ले सकते हैं और कई व्यक्ति तो 3 से 6 ग्राम तक भी ले सकते हैं और सुबह शाम इसको आप पाउडर के रूप में या काढ़े के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं |

अर्जुन की छाल कब नुकसान करती है ?
आइये दोस्तों अब आपको बताते है की अर्जुन की छाल कब नुकसान कर सकती है या किन व्यक्तिओ को नुकसान कर सकती है ?
वे व्यक्ति जिनका बीपी बहुत ज्यादा लो रहता है और वह जिनका शुगर बहुत ज्यादा लो रहता है वह इसका इस्तेमाल मत करें क्योंकि अर्जुन की छाल B.P. को भी बहुत तेजी से कम करती है और शुगर को भी बहुत तेजी से कम करती है |
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अर्जुन छाल कब और कैसे पिए?
अलग-२ रोगो में अर्जुन की छाल का उपयोग करने की अलग-२ विधिया है जिनकी जानकारी आपको इस कह में दी गई है।
अर्जुन के छाल पीने से क्या होता है?
अर्जुन की छाल कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड, ब्लड प्रेशर, मोटापा, हृदय रोग और बहुत से अन्य रोगो को दूर करने में फायदेमंद होती है।
अर्जुन की छाल से कोलेस्ट्रॉल कम होता है क्या?
जिनका ट्राइग्लिसराइड खून में बढ़ा हुआ है या सीरम कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है या मान लीजिए एलडीएल (बैड कोलेस्ट्रॉल) बढ़ा हुआ है तो उन लोगो के लिए अर्जुन की छाल के काढ़े का इस्तेमाल करने से उनका गुड कोलेस्ट्रोल बढ़ जाएगा और बैड कोलेस्ट्रॉल खत्म होता चला जाएगा |
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