पैरों पर मधुमेह प्रभाव के 7 लक्षण और सावधानिया

पैरों पर मधुमेह प्रभाव (Diabetic Foot Ke Lakshan) – सिर्फ भारत में ही 1 लाख से भी अधिक मधुमेह के मरीजों को हर साल अपने पैर खोने पड़ते हैं इसलिए सभी मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों को शुगर के लक्षण और मधुमेह का पैरो पर क्या प्रभाव पड़ता है, के बारे में जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है |

पैरों पर मधुमेह प्रभाव | डायबिटिक फुट के लक्षण

मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति के पैरो पर समय के साथ-2 मधुमेह का प्रभाव भी पड़ना शुरू हो जाता है। पैरों की संवेदना कम या खत्म होना, पैरों में कंपन या झनझनाहट महसूस होना, शुगर में पैर में सूजन, पैर सुन्न पड़ना या पैरों के जख्म या घाव ठीक न होना या बहुत अधिक समय में ठीक होना जैसी अनेक समस्याएं पैदा हो जाती है।

पैरों के बिना मधुमेह का इलाज असंभव है क्योंकि शुगर पर कंट्रोल के लिए टहलना बहुत जरूरी है इसलिए मधुमेह का इलाज पैरों से शुरू होता है और सबसे ज्यादा ख्याल भी पैरों का ही रखा जाना चाहिए |

इसके लिए मधुमेह के मरीजों को खुद ही सचेत रहना चाहिए क्योंकि जैसे-जैसे मधुमेह बढ़ता है वैसे-वैसे ही पैरों की नसों पर इसका प्रतिकूल असर भी बढ़ता जाता है।

ऐसी स्थिति में अगर पैरों का ख्याल न रखा जाए तो इन्हें काटने तक की नौबत भी आ सकती है इसलिए पैरो पर मधुमेह का प्रभाव के लक्षणों को जानकर पैरों की देखभाल को सर्वाधिक प्राथमिकता देना सबसे ज्यादा जरूरी है।

दोस्तों, यह एक सवाल मन में आता है की कैसे पता करे की मधुमेह ( डायबिटीज, शुगर ) का असर पैरो पर होना शुरू हो गया है और ऐसे कौन-2 से लक्षण है जो बताते है की अब स्थिति खतरनाक हो गई है?

मधुमेह को नियंत्रण में रखने के लिए क्या खाये, क्या नहीं ?

पैरों पर मधुमेह प्रभाव

डायबिटीज में पैरो

के ध्यान रखना

क्यों है जरूरी

और कौन 2 सी

सावधानिया

बरतनी चाहिए

पैरों पर मधुमेह प्रभाव के 7 लक्षण | डायबिटिक फुट के लक्षण

पैरों पर मधुमेह प्रभाव के बारे में जानने के लिए आपको आगे बताये गए डायबिटिक फुट के लक्षण के प्रति सचेत रहना पड़ेगा :-

  1. पैरों की संवेदना/ Sensation खत्म हो जाती है या इतनी कम हो जाती है कि किसी भी तरह की चुभन का अहसास ही नहीं होता।
  2. पैरों की बनावट और रंग में बदलाव होने लगता है |
  3. पैरों के नाखूनों के आसपास बदलाव होने लगता है |
  4. पैरों में कंपन या झनझनाहट महसूस होने लगती है |
  5. पैर सुन्न पड़ने लगते हैं।
  6. पैरों में सूजन या जलन होने लगती है |
  7. पैरों में ऐसा जख्म / घाव हो, जो ठीक होने का नाम ही न ले रहा हो |

आदि कुछ ऐसे लक्षण है जिनके दिखाई देने या महसूस होने पर आपको समझ जाना चाहिए की अब स्थिति खतरनाक हो गई है | पैरों पर मधुमेह प्रभाव शरू हो चूका है और इसलिए आपको डायबटीज़ के साथ-2 पैरो की देखभाल भी सावधानी से करने की जरूरत है |

अब यहां एक और सवाल उठता है की शुगर के लक्षण जानने के बाद

पैरों की देखभाल करने के लिए मधुमेह के मरीज को कौन-2 सी सावधानिया बरतनी चाहिए?

  • अपने पैरों की नियमित जांच करें। पैरों में पड़े कट्स, क्रेक और नाखूनों की अच्छे से जांच करें। पैरों की अंगुलियों के बीच और तलवों को अवश्य देखते रहना चाहिए। अगर संभव हो तो किसी अन्य से भी अपने पैरों की जांच करवाएं।
  • अपने नाखूनों को काटने में सावधानी बरतें।
  • मधुमेह के मरीज कभी भी नंगे पैर न घूमें। इससे आपके पैरों में चोट लग सकती है और घाव होने पर कीटाणु आपके शरीर में आसानी से प्रवेश कर सकते हैं।
  • उच्च रक्तचाप व उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले मधुमेह रोगियों को अपने पैरों का खास ख्याल रखना चाहिए।
    • पैरों पर ज्यादा दबाव न पड़ने दें। और पैरों को लटकाकर न बैठें। उन्हें ऊंचा रखें।
    • किसी भी तरह के तंग कपड़े न पहनें जिससे खून के प्रवाह में रुकावट आए।
  • पैरों को अच्छी तरह से साफ करें और उन्हें सूखा रखें । पैरों की सूखी और परतदार त्वचा पर माइश्चराइजर जरूर लगाएं और हमेशा कॉटन की जुराबें ही पहनें और ध्यान रखे की जुराब हमेशा मोटे और अच्छे हों। याद रहे कि हमेशा धुला हुआ जुराब ही पहनें।
  • मधुमेह रोगी हमेशा शाम के समय ही जूता खरीदें, क्योंकि डायबिटीज के मरीजों के पैर दिन भर चलने के कारण थोड़े फूल जाते हैं। इसलिए मरीजों को उसी समय और उसी साइज के जूते खरीदने चाहिए और ध्यान रखे की जूते टाइट न हों। टाइट जूते पहनने से पैरों में घाव हो सकता है।
  • हमेशा आरामदायक जूते ही पहनें और ऐसे जूतों का इस्तेमाल करे जिनसे पंजों पर दबाव न पड़े । साथ ही नियमित अंतराल पर जूते-चप्पल-जुराब बदलते रहें। और एक आवश्यक बात हर बार जूता पहनने से पहले अवश्य देख लें कि कहीं कोई चुभने वाली चीज जूते के अंदर न हो।
  • हवाई चप्पल किस्म के फुटवियर न पहनें। फुटवियर में पंजे की तरफ का हिस्सा खुला हुआ और चौड़ा होना चाहिए।
  • शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए नियमित टहलें और व्यायाम करें।

मधुमेह के मरीजों के लिए आईने में चेहरा निहारना इतना जरूरी नहीं है, जितना कि पैर। मधुमेह का कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

मधुमेह, डायबिटीज FAQ

कैसे जाने की पैरो पर मधुमेह (डायबिटीज, शुगर) का प्रभाव होना शुरू हो गया है ?

पैरों पर मधुमेह प्रभाव को जानने के लिए इन बातों पर ध्यान दे:-
पैरों की संवेदना/ Sensation
पैरों की बनावट और रंग
पैरों में कंपन या झनझनाहट
पैरों में सूजन या जलन
पैरों में ऐसा जख्म / घाव
For Complete info read this article.

पैरो पर मधुमेह का क्या प्रभाव पड़ता है?

जैसे-जैसे मधुमेह बढ़ता है वैसे-वैसे ही पैरों की नसों पर इसका प्रतिकूल असर भी बढ़ता जाता है।
ऐसी स्थिति में अगर पैरों का ख्याल न रखा जाए तो इन्हें काटने तक की नौबत भी आ सकती है इसलिए पैरो पर मधुमेह का प्रभाव के लक्षणों को जानकर पैरों की देखभाल को सर्वाधिक प्राथमिकता देना सबसे ज्यादा जरूरी है।

पैरों की देखभाल करने के लिए मधुमेह के मरीज को कौन-2 सी सावधानिया बरतनी चाहिए?

अपने पैरों की नियमित जांच करें। पैरों में पड़े कट्स, क्रेक और नाखूनों की अच्छे से जांच करें। पैरों की अंगुलियों के बीच और तलवों को अवश्य देखते रहना चाहिए। अगर संभव हो तो किसी अन्य से भी अपने पैरों की जांच करवाएं।
मधुमेह के मरीजों के लिए आईने में चेहरा निहारना इतना जरूरी नहीं है, जितना कि पैर। मधुमेह का कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
यदि आप और अधिक जानना चाहते है तो आपको पूरी जानकारी इस लेख में मिल जायगी |

शुगर में पैरों में सूजन क्यों आती है?

जैसे-जैसे मधुमेह बढ़ता है वैसे-वैसे ही पैरों की नसों पर इसका प्रतिकूल असर भी बढ़ता जाता है और मधुमेह ( डायबिटीज, शुगर ) का असर पैरो पर दिखना शुरू हो जाता है जिनमे से एक है पैरो में सूजन आना।

Disclaimer

हम उम्मीद करते है की पैरों पर मधुमेह प्रभाव, डायबिटिक फुट के लक्षण (Diabetic Foot Ke Lakshan), पैरों की देखभाल करने के लिए मधुमेह के मरीज को कौन-2 सी सावधानिया बरतनी चाहिए?, आदि विषयो पर दी गई यह जानकारी आपके लिए उपयोगी रहेगी।

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