मानव शरीर की रचना और इसकी सम्पूर्ण जानकारी (Part 2 ): शरीर का ताप :-
मानव शरीर की रचना और इसकी सम्पूर्ण जानकारी (Part 1 )
इस शरीर को पूरी तरह से ना सही तो इसका साधारण ज्ञान प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक है | और विशेषकर तब जब हम चाहें कि हमारी यह मशीन (शरीर) बहुत लंबी अवस्था तक चलती रहे |
मनुष्य के शरीर में दो प्रकार के बल होते हैं एक मानसिक दूसरा शारीरिक कुछ लोग आत्मिक बल भी मानते हैं बल चाहे कैसा भी हो उसका आधार शरीर पर ही होता है यह बल भोजन द्वारा आता है भोजन वही बल प्रदान कर सकता है जो शरीर में भली प्रकार से पच जाए उसका आत्मिक कर्म यानी असिमिलेशन हो जाए
हमारे देश में औसत आयु केवल 60 वर्ष है | जबकि अन्य देशों में 80 वर्ष तक है | इसका कारण यह है कि वहां के मनुष्य को इस मशीन (शरीर) को चलाना आता है और हमें नहीं |
आप किसी भी मनुष्य को छुए तो उसमें कुछ ताप अवश्य प्रतीत होता है और यही ताप सारी मशीन (शरीर) को चलाने के लिए आवश्यक है | कभी यह ताप बढ़ भी जाता है और कभी घट भी जाता है | यह प्रत्येक व्यक्ति के भोजन या रोग पर निर्भर है | साधारण स्वस्थ अवस्था में मनुष्य के मुंह के अंदर का आप 98.6 डिग्री फॉरेनहाइट और बगल का 97.6 डिग्री फारेनहाइट होना चाहिए |