What to eat During Loose Motion, पेट में मरोड़ उठना, पेट में मरोड़ का इलाज और दस्त लगना, stool पानी की तरह बह रहा है तो जानें इस Medical Emergency क्या करे और पेट में मरोड़ और दस्त की दवा |
डायरिया, पेट में मरोड़ और दस्त होने पर आप जीवन रक्षक घोल (ORS) का सेवन करते रहें। यदि इलेक्ट्रॉल पाउडर (ओआरएस) उपलब्ध ना हो तो आप घर में गुनगुने पानी में नमक (बेहतर रहेगा की सैंधा नमक का इस्तेमाल करे), चीनी का घोल बनाकर भी ले सकते हैं। इससे शरीर में आवश्यक तत्वों की कमी नहीं होगी और शरीर में ताकत बनी रहेगी।
एक्यूट डायरिया : पेट में मरोड़ और दस्त
अगर आपके पेट में बार बार मरोड़ (Cramps) की दिक्कत हो रही है, पेट दर्द हो रहा है और इसके तुरंत बाद आपको टॉयलेट इस्तेमाल करना पड़ रहा है और आपका stool पानी की तरह बह रहा है तो यह एक एक्यूट डायरिया की स्थिति हो सकती है।
डायरिया (Diarrhea) एक ऐसी स्वास्थ्य सम्बन्धी स्थिति होती है, जिसमें व्यक्ति को बार-बार पॉटी (Loose motions) आती है। साथ ही रह-रहकर उल्टी (Vomiting) आने की समस्या भी हो सकती है…
पेट में मरोड़ और दस्त की दवा
एक्यूट डायरिया से पीड़ित होने पर मरीज को पॉटी से पहले पेट में मरोड़ (Cramps) पड़ते है और पॉटी करते वक़्त भी पेट में दर्द रहता है। पॉटी अत्यधिक पतली होती है और इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है।
एक्यूट डायरिया तब होता है जब यह स्थिति एक से दो दिनों तक रहती है। वायरल या जीवाणु संक्रमण, food poisoning के परिणामस्वरूप दस्त का अनुभव कर सकते हैं।
यहां जानें, एक्यूट डायरिया और दस्त पर कुछ आवश्यक जानकारी और पेट में मरोड़ का इलाज जिनका लाभ उठा कर आप इस स्थिति को कंट्रोल कर सकते है, सुधार सकते है…
दस्त लगने पर शरीर में पानी, जरुरी मिनरल्स और विटामिन्स की कमी को ऐसे करे दूर
सबसे पहले इस बात को जान लें कि डायरिया, पेट में मरोड़ और दस्त होने पर सबसे अधिक खतरा इस बात का होता है कि आपके शरीर में पानी और शरीर को सुचारु रूप से चलने वाले जरुरी मिनरल्स और विटामिन्स की कमी हो सकती है। इस कारण शरीर में कमजोरी का अनुभव हो सकता है और आपका स्वास्थ्य तेजी से खराब हो सकता है।
डायरिया, पेट में मरोड़ और दस्त होने पर आपको सबसे ज्यादा ध्यान अपने आप को ऐसी स्थिति से बचाने पर होना चाहिए और इस स्थिति से बचने के लिए आप जीवन रक्षक घोल (ORS) का सेवन करते रहें।
यदि इलेक्ट्रॉल पाउडर (ओआरएस) उपलब्ध ना हो तो आप घर में गुनगुने पानी में नमक (बेहतर रहेगा की सैंधा नमक का इस्तेमाल करे), चीनी का घोल बनाकर भी ले सकते हैं।
इसके लिए एक गिलास पानी को उबाल कर नार्मल टेम्प्रेचर आने तक ठंडा कर ले फिर उसमे 2 से 3 चम्मच चीनी और थोड़ा सा नमक मिलाकार घोल लें। फिर इसे घूंट-घूंट कर थोड़ी-२ देर 5-10 Min का समय दे कर पिएं। डायरिया, पेट में मरोड़ और दस्त की स्थिति में एकसाथ ज्यादा घोल का सेवन ना करे

पेट में मरोड़ का इलाज
कैसे कर सकते हैं इस स्थिति पर नियंत्रण?
एक्यूट डायरिया, पेट में मरोड़ और दस्त की स्थिति पाचनतंत्र के खराब होने के कारण होती है इसलिए इससे निपटने के लिए आप सबसे पहले अपने खान-पान पर ध्यान दें और ऐसा भोजन ले जो आपके पाचनतंत्र पर दबाव ना डाले, आसानी से पच जाये और जो आपके मोशन में सुधार करे।
जब मोशन में सुधार होने लगे तब भी लंबे समय तक अपने खान-पान पर कंट्रोल रखे, नजर बनाये रखे ताकि आपका शरीर आपके पाचनतंत्र, आंतों और लिवर को हील कर सके…
दस्त का इलाज || दस्त (Loose Motion) रोकने के घरेलू इलाज और उपाय
खान-पान में इन्हें शामिल करें

आप अपनी डायट में दही खिचड़ी, पका हुआ केला, चावल, छांछ, सूजी के टोस्ट और सेब शामिल करें। ध्यान रखें कि डायरिया, पेट में मरोड़ और दस्त की स्थिति में पाचनतंत्र बहुत अधिक कमजोर होता है इसलिए किसी भी चीज का एकसाथ अधिक मात्रा में सेवन ना करे और सेब को छीलकर ही उपयोग में लाएं क्योंकि सेब का गुदा तो आसानी से पच जाता है जबकि उसके छिलके को पचाने में शरीर को अधिक कार्य करना पड़ता है।
पका हुआ केला रोकता है लूज मोशन || पेट में मरोड़ का इलाज

पका हुआ केला लूज मोशन को रोकने में सहायक होता है। साथ ही आंतों और लिवर के लिए बहुत अधिक लाभकारी होता है। मरोड़ युक्त पेचिश ठीक करने के लिए २ केले ले | उनके गूदे में काला नमक मिला कर रोगी को दिन में २-३ बार खिलाने से डायरिया में आराम मिलता है |
इससे शरीर के लिए आवश्यक खनिज सोडियम की पूरी होती है । आपका बीपी भी सामान्य रखने में सहायता मिलेगी।
मूंग दाल की खिचड़ी सबसे गुणकारी || पेट में मरोड़ का इलाज
छिलके वाली हरी मूंगदाल की खिचड़ी डायरिया की स्थिति में सबसे अधिक पौष्टिक, हल्का और लाभकारी भोजन होता है। ध्यान रखे की डायरिया के मरीज के लिए इस खिचड़ी को थोड़ा-सा अधिक पानी में पकाएं ताकि यह सॉफ्ट और लूज बने और अगर इस खिचड़ी को दही और थोड़ी सी काली मिर्च डाल कर खाया जाये तो यह सोने पर सुहागा वाली बात हो जाती है।
इससे आपके पेट को यह खिचड़ी पचाने में आसानी होगी। आप इस खिचड़ी में थोड़ा सा देसी घी मिलाकर भी रोगी को खाने के लिए दे सकते है ।
दही और देसी घी दोनों ही आपके शरीर में कमजोरी नहीं आने देंगे। ध्यान रखें की दही खट्टा न हो क्योंकि खट्टा दही पेट में दर्द का कारण बन सकती है। इसलिए इसे ना खाएं।
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