हरड़ ( हरीतकी ) हमारे स्वास्थ्य के लिए किस तरह से फायदेमंद है ?

हरड़ के फायदे और नुकसान (Harad ke Fayde Aur Nuksan in Hindi) – हरड़ से स्वास्थ्य को होने वाले फायदों को जान कर और हरड़ का इस्तेमाल कर के मुझे और मेरे परिवार, दोस्तों, रिश्तेदारों और जान पहचान वाले कई लोगो को हरड़ से हुए फायदों को देखते हुए मैं आपके लिए हरड़ के फायदे और नुकसान की जानकारी ले कर आया हूँ |

हरड़ के फायदे और नुकसान | Harad ke Fayde Aur Nuksan in Hindi

हरड़ को त्रिदोष नाशक औषधि माना जाता है। यह हानिरहित हल्का विरेचक है जो पेट को साफ करने, पाचन तंत्र में सुधार करने, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती प्रदान करके गला बैठने, खांसी, जुकाम, पुराने बुखार में फायदा पहुँचती है। यह आंखों, पेट, त्वचा, हृदय रोग, खून की कमी आदि समस्याओं में भी फायदेमंद होती है।

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जो लोग आयुर्वेदा के बारे में थोड़ी सी भी जानकारी रखते है वह त्रिफला चूर्ण के बारे में जरूर जानते होंगे | त्रिफला तीन फलो से मिल कर बनता है:-

  1. हरड़ ( हरीतकी ),
  2. बहेड़ा
  3. आँवला

इस लेख में हम आपको त्रिफला चूर्ण की सबसे महत्वपूर्ण औषधि हरड़ की जानकारी देने जा रहे है। जैसे की हरड़ क्या होती है ? हरड़ के फायदे और नुकसान क्या-२ होते है ? हम इसका इस्तेमाल किस-2 तरह से कर सकते है?

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हरड़ का पेड़

हरीतकी, एक ऊँचा वृक्ष होता है एवं भारत में विशेषतः निचले हिमालय क्षेत्र में रावी तट से लेकर पूर्व बंगाल-आसाम तक पाँच हजार फीट की ऊँचाई पर पाया जाता है। हिन्दी में इसे ‘हरड़’ और ‘हर्रे’ भी कहते हैं।

हरड़ ( हरीतकी ) क्या होती है ?

हरड़ 2 तरह की होती है | बड़ी पीली हरड़ और छोटी काली हरड़ | त्रिफला में बड़ी पीली हरड़ का इस्तेमाल होता है और छोटे बच्चो के कब्ज को दूर करने और सम्पूर्ण स्वास्थ्य रक्षा के लिए बड़ी पीली हरड़ के इस्तेमाल की विधि के बारे में जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करे :-

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हरड़ के फायदे | छोटी हरड़ के फायदे | Harad Ke Fayde

हरड़ के फायदे और नुकसान
हरड़ के फायदे और नुकसान
  1. काली हरड़ हानिरहित हल्का विरेचक है |
  2. यह वात, पित्त और कफ से उत्पन्न दोषों को और बलगम को पखाने (Stool) द्वारा बाहर निकाल देती है | य
  3. हरड़ न केवल दस्तो (Diarrhea) द्वारा आंतों में संचित (इकठ्ठा हुआ हुआ ) दूषित मल को बाहर निकालती है बल्कि रोगों से मुकाबला करने की शक्ति (Immunity ) भी देती है |
  4. हरड़ सारे शरीर में स्थित दूषित पदार्थों को आंतों में खींच लाकर मल द्वारा बाहर निकाल देती है | जिसकी वजह से विभिन्न प्रकार के रोगों के होने की संभावना खत्म हो जाती है |
  5. हरड़ मार्ग अवरोध दूर कर स्रोत्रों और शरीर की शुद्धि करती है और प्रत्येक अंग तथा हृदय, मस्तिष्क, पेट, रक्त आदि को प्राकृतिक दशा में नियमित करती है | इसी कारण हरड़ का सेवन करने वाला बीमारियों से बचा रहता है |
  6. हरड़ ( हरीतकी ) में रसायन गुण होने के कारण यह शरीर के सप्त धातुओं को शुद्ध और पुष्ट करती है तथा शरीर को शक्ति, स्फूर्ति और ताजगी प्रदान करती है | शरीर की समस्त क्रियाओं को सुधारती है, स्वभाविक बनाती है, शरीर के सूक्ष्म कणों को स्वस्थ दशा में बनाए रखती है और असमय वृद्धावस्था से दूर रखती है |
  7. हरड़ ( हरीतकी ) का नित्य सेवन करने वाले को हार्ट अटैक या दिल की बीमारिया होने का खतरा बहुत कम हो जाता है |
  8. रोजाना रात को कुछ दिनों तक सेवन करने से फुंसिया, दाने और मुंहासे आदि नहीं निकलते | फुंसियों पर हरड़ ( हरीतकी ) पीस कर लेप करने से भी फुंसियों ठीक हो जाती है |
  9. बल बुद्धि बढ़ाने के साथ-साथ मलमूत्र साफ लाने के लिए हरड़ ( हरीतकी ) भोजन के साथ खाएं |
  10. जुकाम, फ्लू,, वात एव कफ विकार में भोजन पचाने के लिए हरड़ ( हरीतकी ) भोजन के बाद खाएं |
  11. हरड़ ( हरीतकी ) चबाकर खाने से भूख बढ़ती है | इसका चूर्ण खाने से पेट साफ होता है | उबालकर भाप में पकाकर खाने से दस्त बंद होते हैं और मल बंधता है, भूनकर खाने से वात, पित्त और कफ तीनो दोषों को समाप्त करती है |
  12. कायाकल्प के समान संपूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए वर्षा ऋतु में सेंधा नमक के साथ, शरद ऋतु में शक्कर के साथ, हेमंत में सोंठ के साथ, शिशिर में पीपली के साथ, वसंत में मधु के साथ तथा ग्रीष्म में गुड़ के साथ हरड़ ( हरीतकी ) का चूर्ण खाना चाहिए |
  13. नमक के साथ हरड़ ( हरीतकी ) कफ को शक्कर के साथ पित्त को और घी के साथ वात विकारों को और गुड़ के साथ त्रिदोष या समस्त रोगों को दूर करती है |
  14. अर्श यानी बवासीर, अजीर्ण, गुल्म, वात, रक्त तथा शोध यानि सूजन में हरड़ ( हरीतकी ) चूर्ण गुड़ के साथ देने से लाभ होता है |
  15. विषम ज्वर में मधु के साथ, अम्लपित्त, रक्तपित्त, जीर्ण ज्वर में मुनक्का के साथ, श्लीपद, दाद, खाज, पांडु रोग में गोमूत्र के साथ, आम, वात, आंत्रवृद्धि यानी हर्निया, वृषण वृद्धि पर अरंड के तेल के साथ हरड़ ( हरीतकी ) लेना चाहिए | जिसकी मात्रा 1 ग्राम से 3 ग्राम तक हो |

इसके साथ साथ हरड़ ( हरीतकी ) का कब्ज नाशक नाश्ता बनाने के लिए मेरे वीडियो :-

Video Link : पुरानी से पुरानी कब्ज दूर करने की ताकतवर घरेलु औषधि

हरड़ के नुकसान | Harad Ke Nuksan

हरड़ फायदे पहुंचाने के साथ-२ कुछ मामलों में अगर ध्यान न रखा जाये तो आपकी सेहत को नुकसान भी पंहुचा सकती है। आइये जानते है हरड़ कब नुकसान दायक हो सकती है :-

  • किसी भी गर्भवती स्त्री को हरड़ का सेवन करने पर सावधानी बरतनी चाहिए बल्कि हो सके तो वे हरड़ का सेवन ना करे तो बेहतर होगा।
  • स्तनपान कराने वाली स्त्री को भी हरड़ के सेवन से बचना चाहिए। इसके सेवन से स्त्री के स्तन में दूध के उत्पादन पर गलत प्रभाव पड़ सकता है।
  • अति हर चीज की बुरी होती है इसलिए हरड़ के सेवन करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए की इसका अधिक मात्रा में सेवन ना करे।
  • दुबले-पतले, थके हुए व्यक्ति या कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
  • जिन लोगो ने व्रत रखा हो उन्हें भी हरड़ का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • पांच वर्ष या उससे कम उम्र के बच्चों को भी हरड़ नहीं देनी चाहिए। अगर देना चाहे तो रात को हरड़ भिगोकर रख दे और सुबह उसका पानी छानकर छोटे बच्चो को पिलाया जा सकता है।
  • हरड़ की तासीर गर्म होती है इसलिए गर्म प्रकृति वाले व्यक्तियों को इसका सेवन करने में सावधानी बरतनी चाहिए।
  • गर्मियों में इसका बहुत कम मात्रा में सेवन करना चाहिए और सर्दिया में कुछ अधिक मात्रा में सेवन किया जा सकता है।

क्या हम रोज हरड़ खा सकते हैं?

यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल है जिसका जवाब सही-सही कोई भी नहीं देता। में अपने पिछले 5 साल के एक्सपीरियंस के आधार पर कह सकता हु की मौसम के अनुसार ही इसका सेवन करना चाहिए जैसे की :-

  • सर्दी के मौसम में आप रोजाना एक हरड़ का सेवन कर सकते है।
  • हल्की सर्दी के मौसम में एक दिन छोड़कर इसका सेवन करे।
  • नार्मल मौसम होने पर 3-4 दिन में एक बार ही इसका सेवन करे।
  • गर्मी के मौसम में 7-8 दिन में एक हरड़ का सेवन करना काफी रहता है।

इस तरह से में और मेरा परिवार हरड़ का सेवन तक़रीबन 5 सालो से कर रहे है। शुरुआत में हमें इसकी जानकारी नहीं थी लेकिन शरीर पर इसका प्रभाव पड़ने पर हमें यह एक्सपीरियंस हुआ, जो में आपके साथ शेयर कर रहा हु।

https://youtu.be/nYFM9WMc0zg

हरड़ की तासीर क्या है?

हरड़ की तासीर गर्म होती है और यह बात में, मेरे अपने एक्सपीरियंस के आधार पर भी में कह सकता हु की हरड़ की तासीर गर्म होती है।

छोटी हरड़ का सेवन कैसे करें?

आप इसका इस्तेमाल , इसका चूर्ण बनाकर कर सकते है या फिर मेरी और मेरे परिवार की तरह एक छोटी काली हरड़ पानी के साथ कैप्सूल्स की तरह निगल कर भी कर सकते है।

Disclaimer

हम उम्मीद करते है की हरड़ के फायदे और नुकसान (Harad ke Fayde Aur Nuksan in Hindi), हरड़ ( हरीतकी ) क्या होती है, हरड़ के फायदे, छोटी हरड़ के फायदे (Harad Ke Fayde), हरड़ के नुकसान (Harad Ke Nuksan), क्या हम रोज हरड़ खा सकते हैं, आदि विषयो पर दी गई यह जानकारी आपके लिए उपयोगी रहेगी।

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