बवासीर के लक्षण (Bawasir ke lakshan in Hindi) – गलत खानपान और जीवनशैली के कारण होने वाली बिमारिओ में से एक है बवासीर। जो बेहद तकलीफ तो देती ही है साथ ही इससे पीड़ित व्यक्ति इसके बारे में बात करने से भी शर्माता है। आइये जानते है बवासीर लक्षण (Piles Symptoms in Hindi), बवासीर के लक्षण क्या होते है ताकि आप भी जान सके की आप बवासीर से पीड़ित है किसी और अन्य रोग से।
बवासीर के लक्षण | Bawasir ke Lakshan in Hindi
बवासीर के लक्षणों को देखते हुए इसे २ रूपों में बाटा जा सकता है। पहले रूप को खूनी बवासीर कहते है जिसमे किसी भी तरह के दर्द का एहसास नहीं होता लेकिन मलत्याग करते समय यानि टॉयलेट के दौरान मल के साथ खून भी निकलता है और मलद्वार पर मस्से भी निकल आते है। दूसरे रूप को बादी बवासीर कहते है जिसमें कब्ज और पेट में गैस जैसी समस्याएं बनी रहती है, मलद्वार पर मस्से निकलते है जिनमे जलन व खुजली होती रहती है। दोनों ही रूपों में समस्या के अधिक बढ़ने पर निचले हिस्से में सूजन आ जाती है और असहनीय दर्द बना रहता है।
Table of Contents
बवासीर | Hemorrhoids in Hindi
बवासीर या पाइल्स जिसे इंग्लिश में Hemorrhoids के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसी बीमारी है जिसमें Anus जिसे हिंदी में गुदा या मलद्वार भी कहते है, के अंदर और बाहरी हिस्से में सूजन पैदा हो जाती है जिसके कारण मस्से या मांस के गुब्बारे मलद्वार के अंदरूनी या बहरी हिस्से में निकल आते है। मल निकासी यानि पॉटी करते समय जोर लगाने पर यह मस्से बाहर की और आ जाते है और कई बार इनमे से खून भी निकलने लगता है और साथ ही दर्द भी होता है।
बवासीर कितने प्रकार के होते हैं ? | बवासीर के प्रकार
बवासीर या पाइल्स एक बेहद तकलीफ देने वाला भयानक रोग है। बवासीर 2 प्रकार की होती है। आम भाषा में इसको खूनी बवासीर और बादी बवासीर के नाम से जाना जाता है।
दोनों ही प्रकार की बवासीर का समय पर इलाज ना होने शरीर को इनके भयानक परिणाम झेलने पड़ते है। खूनी बवासीर के कारण शरीर में खून की कमी हो सकती है, निचले हिस्से में दर्द और सूजन तो दोनों ही तरह की बवासीर में होती है। बादी बवासीर अगर बिगड़ जाये तो यह कैंसर का रूप ले लेती है।
कब्ज दूर करने की आयुर्वेदिक औषधि || पुरानी से पुरानी कब्ज दूर करने की ताकतवर घरेलु औषधि
पाइल्स के लक्षण | Piles ke Lakshan in Hindi
कुछ व्यक्तिओ को खूनी बवासीर होती है तो कुछ को बादी बवासीर। आइये जानते है की इन दोनों प्रकार की बवासीर के लक्षण (piles symptoms in Hindi) क्या-क्या होते है:-
खूनी बवासीर के लक्षण | Khooni Bawaseer ke Lakshan
खूनी बवासीर की शुरुआत में किसी भी प्रकार का कोई दर्द नहीं होता, केवल मल के साथ खून आता है।
- इसकी शुरुआत मल के साथ खून लगकर आने से होती है साथ ही और मस्सा भी बनता है।
- शौच यानि पॉटी करने के बाद भी यह एहसास रहता है की पेट सही से साफ़ नहीं हुआ है।
- समस्या के बढ़ने पर खून मलद्वार से टपकने लगता है। मलद्वार के अन्दर की तरफ मस्सा होता है जो समस्या बढ़ने पर बाहर आने लगता है जो हाथ से दबाने पर अंदर चला जाता है।
- समस्या के अधिक बढ़ जाने पर खून पिचकारी की तरह आने लगता है और मलद्वार से निकला हुआ मस्सा बाहर ही रहता है, अंदर जाता ही नहीं।
- बार-बार मल त्यागने की इच्छा होना, लेकिन त्यागते समय मल न निकलना।
- इतना होने के बाद आपको डर लगने लगेगा की टॉयलेट गए तो फिर खून की पिचकारी छूटने लगेगी।
बादी बवासीर के लक्षण | Badi Bawaseer ke Lakshan
बादी बवासीर जिसे सुखी बवासीर के नाम से भी जाना जाता है, बवासीर का और भी अधिक कष्टप्रद रूप है। अगर इसका समय पर इलाज न किया जाये तो यह कैंसर का रूप भी ले सकता है जो जानलेवा साबित हो सकता है।
- बादी बवासीर होने पर पेट बार-२ खराब रहता है।
- बादी बवासीर होने पर कब्ज की परेशानी बनी रहती है और गैस भी बनती है।
- मलद्वार के आसपास सूजन रहनी शुरू हो जाती है जिससे बैठने तक में परेशानी होनी शुरू हो जाती है।
- बादी बवासीर में जलन, दर्द, खुजली, आदि काफी मात्रा में होती है।
- इसके कारण शरीर में बेचैनी, काम में मन न लगना इत्यादि समस्याएं भी पैदा हो जाती है।
- टट्टी कड़ी हो जाती है जिसके कारण इसके साथ खून भी आ सकता है।
- बादी बवासीर में मस्सा मलद्वार के अन्दर होता है। मस्सा के कारण पखाने का रास्ता छोटा पड़ता है और चुनन फट जाती है जिसके कारण वहाँ घाव हो जाता है। इस स्तिथि को डाक्टर फिशर भी कहते हें। जिससे असहाय जलन और पीड़ा होती है।
- समय पर इलाज न होने पर बवासीर बहुत पुराना हो जाता है जिसे भगन्दर और अँग्रेजी में फिस्टुला कहते हें।
बवासीर होने के कारण | Bawaseer ke Karan
बवासीर होने के कई कारण हो सकते है जिनमे से कुछ प्रमुख कारण है :-
- बवासीर होने का पहला और सबसे बढ़ा कारण होता है कब्ज। पाचन क्रिया की गड़बड़ी से कब्ज पैदा होती है और कब्ज के कारण मल सूखा और कठोर हो जाता है। जिसे निकालने के लिए रोगी को अधिक जोर लगाना पड़ता है और अधिक समय तक पखाने में उकडू बैठे रहना पड़ता है। जिसका प्रभाव मलद्वार की रक्त वाहनियों पर पड़ता है और वह फूलकर या सूजकर गुब्बारों या मस्सो के रूप में मलद्वार से बाहर निकल जाती है।
- अत्यधिक मसालेदार भोजन का सेवन करने से भी आप बवासीर का शिकार हो सकते है।
- ऐसे खाद्य पदार्थ जिनकी तासीर गर्म होती है उनको अधिक मात्रा में खाने से भी बवासीर का रोग हो सकता है।
- बवासीर होने का अनुवांशिक कारण भी होता है यानि अगर आपके घर में किसी बड़े बुजुर्ग को पाइल्स की समस्या थी तो बहुत अधिक सम्भावना है की आप भी इसक शिकार हो जाये।
- अगर आपका कार्य आपको बहुत ज्यादा देर तक खड़े रहने का है तो आपको भी बवासीर की समस्या हो सकती है।
- मलद्वार का कैंसर भी बवासीर होने का कारण बन सकता है।
- पेशाब में रूकावट भी बवासीर होने की वजह बन सकती है।
- गर्भावस्था के दौरान भी कुछ महिलाओ को बवासीर की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
Constipation || कब्ज के क्या कारण हैं ? || कब्जियत किन कारणों से होती है ?
बवासीर का उपचार और सावधानिया | Piles Treatment in Hindi
- बवासीर के रोगी को शरीर में गैस पैदा करने वाले, बादी और तले हुये खाद्य पदार्थो, गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थो और मुख्य रूप से हरी, लाल और काली मिर्च का सेवन करने से बचना चाहिए।
- बवासीर के रोगी को कब्ज पैदा करने वाली वस्तुओ के सेवन से बचना चाहिए और किसी भी हालत में कब्ज से बचना चाहिए।
- हरी सब्जियों का अधिक मात्रा में प्रयोग करना चाहिये।
- बवासीर को रोगी को अपने भोजन में दही और छांछ में अजवाइन का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।
- भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए।
- बवासीर के रोगी सुबह शाम नारियल पानी का सेवन करे तो उन्हें फायदा मिलता है।
बवासीर होने पर क्या नहीं खाना चाहिए?
क्या बवासीर में दूध पीना चाहिए
मेरा अपना अनुभव तो यही कहता है की बवासीर के रोगी को दूध और उससे निर्मित उत्पादों का सेवन करना चाहिए। मैंने खुद बिना दवाई के सिर्फ दूध और उससे निर्मित उत्पादों के सेवन से ही अपने बवासीर रोग को ठीक किया है।
हम उम्मीद करते है की बवासीर के लक्षण (Bawasir ke lakshan in Hindi), बवासीर कितने प्रकार के होते हैं (बवासीर के प्रकार), पाइल्स के लक्षण (Piles ke Lakshan in Hindi), खूनी बवासीर के लक्षण (Khooni Bawaseer ke Lakshan), बादी बवासीर के लक्षण (Badi Bawaseer ke Lakshan), बवासीर होने के कारण (Bawaseer ke Karan), बवासीर का उपचार और सावधानिया (Piles Treatment in Hindi), आदि विषयो पर दी गई यह जानकारी आपके लिए उपयोगी रहेगी।