हरड़ के फायदे || सर्दी-जुकाम से बचाती है हरड़

छोटी हरड़ के फायदे और नुकसान (Harad ke fayde or nuksan) – आयुर्वेदा में हरड़ को माँ के सामान स्थान प्राप्त है। हरड़ जिसे हरीतकी के नाम से भी जाना जाता है, वह त्रिफला बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले 3 फलों में से एक है। इस छोटी सी हरड़ में बहुत से स्वास्थ्यवर्धक गुण पाए जाते है जिनके लाभ उठाने के लिए आपको छोटी हरड़ के फायदे और नुकसान की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है।

हरड़ या हरिताकी में प्रतिरक्षा प्रणाली को स्ट्रांग करने वाले एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन ‘सी’ भरपूर मात्रा में पाए जाते है । इस आयुर्वेदिक औषधि में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। यही सब गुण मिलकर इसे सर्दी, गले में खराश और नाक बंद जैसी आम परेशानियों को दूर करने की एक आश्चर्यजनक औषधि बनाते है |

छोटी हरड़ के फायदे और नुकसान | Choti Harad ke Fayde Aur Nuksan

हरड़ शरीर को कई रोगों से बचाने और उनका इलाज करने में काफी फायदेमंद होती है। यह शरीर की बल और बुद्धि को बढ़ाने, पेट के सभी रोग ठीक करने, वजन कम करने, प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर सर्दी -जुकाम जैसे रोगो को दूर करने, शरीर से आलस, थकान को दूर करने में फायदेमंद होती है। इतनी फायदेमंद होने के बावजूद इसके कुछ नुकसान भी है। आइये जानते है हरड़ के फायदे और नुकसानों के बारे में।

छोटी हरड़ के फायदे और नुकसान

हरड़ | Harad in Hindi

बोलचाल की भाषा में इसे हर्रे या हरड़ कहते हैं. आयुर्वेद में इसे हरीतकी कहा गया है | हरड़ को इंग्लिश में Chebulic Myrobalan कहते हैं | Haritaki (Terminalia chebula) दक्षिणी एशिया और भारत का एक पेड़ है। इस पेड़ पर उगने वाला फल हरड़, एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसे आयुर्वेदा में माँ के समान हमारी रक्षा करने वाली माना जाता है और यह करीब 7 अलग-अलग प्रकार की और अलग-अलग साइज की होती है। जो अलग-अलग गुणों से भरपूर होते हैं। हरड़ में कई तरह के पौषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।

सभी प्रकार की हरड़ में से हमने खुद छोटी काली हरड़ का भरपूर उपयोग किया है।  इसे तो हम मुँह में रख कर चूसते है या साबुत ही निगल जाते है।  आप चाहे तो घर पर ही मिक्सी में इसका चूर्ण बना कर इसे उपयोग में ला सकते है |

हरड़ के फायदे | Harad Ke Fayde

इसका सेवन करने वाले को इसमें मौजूद खनिज जैसे सेलेनियम, तांबा, आयरन,कॉपर, मैग्नीज, पोटैशियम और इसके अलावा प्रोटीन्स और विटमिन्स भी भरपूर मात्रा में प्राप्त होते है।

ये सभी हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम यानि पाचन तंत्र को और रेस्परेट्री सिस्टम यानी श्वसन तंत्र को मजबूत बनाए रखने में सहायक होते हैं। जिससे गले और पाचन संबंधी बीमारियों को हम दूर रख सकते है |

इतना ही नहीं हरड़ में ऐंटिबैक्टीरियल और ऐंटिइंफ्लामेट्री गुण होते हैं। जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्युनिटी पावर को बढ़ाते हैं।

हरड़ ( हरीतकी ) क्या होती है ? यह हमारे स्वास्थ्य के लिए किस तरह से फायदेमंद है ?

हरड़ के लाभ || इन स्थितियों में है अधिक लाभकारी

वायु प्रदूषण, धुंध और मौसम में बदलाव के कारण बहुत से लोगो को सर्दी, खांसी और सांस लेने की समस्याओं से जूझना पड़ता है। विशेषज्ञ भविष्यवाणी करते हैं धीरे-२ चीजे और भी बदतर होती जा रही है।

आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियां हैं जो वर्तमान परिदृश्य में मदद कर सकती हैं। हरड़, या हरितकी, एक ऐसी जड़ी बूटी है जो प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने, स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देने और कब्ज को कम करने के लिए प्रसिद्ध है।

आदर्श रूप से हरड़ का गर्म पानी या शहद के साथ सेवन किया जाता है | हरड़ के पेड़ के सूखे फल अनादि काल से आयुर्वेद के पसंदीदा रहे हैं। यहाँ तक कि सर्दी, गले में खराश और नाक बंद जैसी परेशानियों को दूर करने के लिए इस आश्चर्यजनक जड़ी बूटी का प्रयोग आयुर्वेदा में हजारो वर्षो से किया जा रहा है |

हरड़ || harad

ठंड और कफ से लड़ने के लिए हरड़ (हरिताकी) का उपयोग कैसे करें | How To Use Harad in Hindi

हरड़ या Haritaki Immunity को बढ़ाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाए जाते है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल गुण भी होते हैं। बंद नाक होने के कारणों में से एक कारण आपकी नाक के अंदरूनी परत में सूजन होना है। हरड़ या Haritaki सूजन को ठीक करने और तुरंत राहत प्रदान करने में मदद करता है।

बच्चों में ठंड के इलाज के लिए पानी में उबाला हुआ हरीताकी पाउडर एक पारंपरिक उपाय है। यह उपाय वयस्कों के लिए भी काफी प्रभावी है। हरीतकी में anti-inflammatory और एंटीऑक्सिडेंट गुण गले में खराश, सूखी खांसी और बलगम के उपचार में भी सहायक होते हैं।

हरड़ का उपयोग | How to use harde powder in Hindi

आयुर्वेद विशेषज्ञ आशुतोष गौतम कहते हैं, “एक व्यक्ति को शहद के साथ हरितकी पाउडर मिलाकर दिया जा सकता है, जो बैक्टीरिया के विकास और उसके बढ़ने की प्रक्रिया को कम करता है। साथ ही यह आपकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।”

सूखी खाँसी के लिए हरड़, या हरितकी का एक छोटा टुकड़ा काट कर शहद के साथ देना भी एक अच्छा उपाय है। हालांकि, सुनिश्चित करें कि आप बहुत सारे टुकड़ों को एकसाथ नहीं चबाना; ऐसा करने से आपका पाचन खराब हो सकता है।

Disclaimer

हरड़ के नुकसान | Harad ke Nuksan

अच्छी से अच्छी चीज का सेवन गलत तरीके से, गलत समय पर या गलत चीजों के साथ किया जाये तो वे शरीर को फायदा पहुंचने की बजाय नुकसान पंहुचा सकती है। आइये जानते है हरड़ कब नहीं खानी चाहिए या हरड़ के नुकसान क्या है?

  • हरड़ की तासीर गर्म होती है। इसी कारण बहुत अधिक तेज गर्मी के मौसम यानी मई और जून के महीनो में बिना चिकित्सक की सलाह के इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
  • यदि आपको खून से संबंधित कोई बीमारी है, शरीर में सूखापन है या आपको दस्त या डायरिया जैसी कोई शिकायत है तब भी बिना चिकित्सक की सलाह के इसका सेवन ना करे |
  • गर्भवती महिलाओं को भी इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

हरड़

हरड़ कैसे खाये?

सूखी खाँसी को दूर करने के लिए हरड़, या हरितकी का एक छोटा टुकड़ा काट कर शहद के साथ देना भी एक अच्छा उपाय है। शरीर की इम्युनिटी पावर को बढ़ाने के लिए एक काली छोटी हरड़ को पानी के साथ निगलना भी फायदेमंद रहता है।

ये भी पढ़े:-

अनचाहे बाल अब नहीं

कमर दर्द का इलाज

पेट की गैस को जड़ से खत्म करने के उपाय

लो ब्लड प्रेशर के कारण, लक्षण और उपचार

आम || Aam ke fayde || Uses and Benefits of Mango in Hindi

DMCA.com Protection Status