मानव शरीर की रचना और इसकी सम्पूर्ण जानकारी (Part 7) || शरीर को चलाने वाले तंत्र

Basic Knowledge of Human Body

शरीर तथा उसके अंदर के सारे अंग हड्डियां, नाडिया, पुट्ठे आदि करोड़ों सूक्ष्म कणों से बने हैं जिनको जीव कोष यानि सेल्स कहते हैं | यह जीव कोष एक सेकंड में लाखों मरते हैं और पैदा होते हैं | एक सेल लंबा होते-होते दो भागों में विभाजित हो जाता है | पिता जन्म देने के पश्चात अपना अस्तित्व खो देता है | यह सेल्स कई प्रकार की होती हैं | कोई लंबी, कोई नोकदार तो कोई बहुत सी शाखों वाली होती है |

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मानव शरीर की रचना और इसकी सम्पूर्ण जानकारी (Part 6) || शरीर के अंदर की हड्डिया और उनकी जानकारी

शरीर को चलाने वाले तंत्र

जिस प्रकार किसी राज्य को चलाने के लिए कई विभाग होते हैं | उसी प्रकार इस शरीर को चलाने के लिए भी कई तंत्र है जो आगे बताए गए हैं:-

  1. पाचन तंत्र – भोजन खाने से लेकर पचाने तक का सारा कार्य यह तंत्र अपने कई अंगों के सहयोग से करता है |सारे शरीर का ठीक से संचालन इसी के द्वारा किया जाता है | अन्य सारे तंत्रों में विकार उत्पन्न होने का कारण यही तंत्र होता है | अगर यह तंत्र सही है तो पूरा शरीर सही है और यह तंत्र खराब है तो शरीर में कहीं भी कुछ भी खराबी आ सकती है |
  2. रक्त संचार तंत्र – भोजन का पाचन रस रक्त बनकर इसी तंत्र द्वारा सारे शरीर में प्रवाह करता है | सारे शरीर के अंगों तथा करोड़ कोषों यानि सेल्स को यही भोजन पहुंचाता है तथा गंदगी बटोर कर बाहर निकालने का प्रयास यही तंत्र करता है |
  3. श्वास तंत्र :-
    यह तंत्र रक्त को शुद्ध वायु प्रदान करता है और उसकी गंदी हवा को बाहर फेंक देता है |
  4. मूत्र वाहक तंत्र – रक्त की गंदगी छान कर बाहर फेंकने का काम यह तंत्र करता है |
  5. स्नायु तंत्र – शरीर की मशीन इसी की आज्ञा से चलती है मतलब शरीर को चलाने का सारा भार इसी तंत्र पर है |
  6. प्रजनन तंत्र – संतान की उत्पत्ति का सारा कार्य यही तंत्र संभालता है |
  7. ज्ञानेंद्रियां – इनके द्वारा बाहरी जगत से संपर्क होता है |
  8. नाली-रहित ग्रंथियां – यही शरीर की संचालक है |

और भी कई प्रकार के तंत्र हैं जो शरीर विज्ञान वक्ताओं के लिए ही आवश्यक है | वे दैनिक जीवन में सर्वसाधारण के लिए आवश्यक नहीं है | सर्वसाधारण के लिए इतना ही जानना काफी है कि वे जो कुछ भी खाते हैं उसका इस मशीन में जाकर क्या होता है, वह भोजन कैसे परिवर्तित होता है और लाभदायक होता है और किस प्रकार से हानि भी करता है | इसी ज्ञान से सर्वसाधारण अपने शरीर को निरोगी रख सकता है जीवन में सफलता रख सकता है और उसको सुख शांतिमय बना सकता है |

दोस्तों, यहां पर हमने इन तंत्रो के बारे मैं संक्षिप्त मैं जानकरी दी है | विस्तृत रूप से इन तंत्रो के बारे में जानकारी हम आगे आने वाले लेखो में देंगे |

मानव शरीर की रचना और इसकी सम्पूर्ण जानकारी (Part 8)

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