क्या बवासीर की बीमारी का इलाज अजवाइन से भी किया जा सकता है ? जब किसी ने मुझसे इस सवाल किया तो मेरी इस विषय पर जानने की जिज्ञासा बढ़ गई। क्योकि अजवाइन की तासीर गर्म होती है और बवासीर के रोग में गर्म चीजों का सेवन नहीं किया जाना चाहिए। मैंने अपने दोस्तों, बड़े बुजुर्गो से चर्चा की, मेरे पास मौजूद किताबो को खंगाला, नेट पर मौजूद जानकारी को इकठ्ठा किया की क्या अजवाइन से बवासीर का इलाज मुमकिन है ?
जो भी जानकारी मुझे मिली उसके आधार पर मैं कह सकता हु की हाँ, अजवाइन से बवासीर का इलाज किया जा सकता है। अजवाइन को छांछ में मिलाकर पीने से बवासीर में लाभ होता है। साथ ही अजवाइन क चूर्ण को मक्खन में मिलाकर बवासीर के मस्सो पर लगाने से बवासीर में आराम मिलता है।
अजवाइन से बवासीर का इलाज
आयुर्वेदा के अनुसार अजवाइन पाचन क्रिया को मजबूत बनाने वाली, भूख बढ़ाने वाली, जोड़ो के दर्द में राहत प्रदान करने वाली, सूजन दूर करने वाली, पेट के रोगो में लाभकारी और बादी बवासीर में फायदा पहुंचने वाली होती है। भोजन के साथ छांछ में मिलाकर इसका सेवन करने से बवासीर रोग में लाभ मिलता है।
बवासीर में आराम पाने के लिए अजवाइन का किस तरह से उपयोग किया जाना चाहिए, इस बारे में जानकारी लेने से पहले आइये थोड़ी सी बात हो जाये बवासीर और अजवाइन के बारे में।
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बवासीर क्या है ? | What is Piles in Hindi ?
बवासीर की बीमारी अगर बिगड़ जाये तो यह बहुत ही खतरनाक समस्या बन जाती है। (piles in hindi meaning) बवासीर को पाइल्स के नाम से भी जाना जाता है। बवासीर की सबसे खराब बात यह है की इसके बारे में स्वय रागी भी किसी को नहीं बताना चाहता या आप कह सकते है की रोगी भी इसके बारे में बात करना पसंद नहीं करता।
बवासीर रोग हो जाने पर हमारे गुदा मार्ग यानि की जिस मार्ग से मल (पॉटी ) शरीर से बाहर निकलती है, के पास मस्से निकलने लगते हैं और मल निकासी के दौरान जिनसे खून भी निकलता है। अगर यह खून अधिक मात्रा में निकल जाये तो रोगी को कमजोरी महसूस होने लगती है। बवासीर होने का मुख्य कारण कब्ज होती है।
बवासीर के लक्षण क्या है ? (What Are The Symptoms of Piles in Hindi)
बवासीर के लक्षणों को पहचानकर, इसका समय पर इलाज शुरू करके आप इस रोग को बिगड़ने से रोक सकते है। बिगड़ी हुई बवासीर को संभालना बहुत ही मुश्किल होता है। आइये जानते है बवासीर के लक्षण :-
- शौच के बाद भी पेट पूरी तरह से साफ ना होने का एहसास होना।
- शौच के समय गुदा द्वार पर मांस के गुब्बारे निकलना जो की सूजन के कारण होता है।
- शौच के समय जलन होना और साथ ही लाल चमकदार खून आना।
- शौच के समय अत्यधिक पीड़ा का एहसास होना।
- शौच के बाद भी मल द्वार के आस-पास खुजली, लालीपन, सूजन व दर्द का बने रहना।
- बार-बार मल त्यागने की इच्छा होना, लेकिन त्यागते समय मल न निकलना।
- जोर लगाने पर मल के साथ-२ खून का आना।
- गुदा के सभी ओर दर्द महसूस करना और चिड़चिड़ाहट होना।
- मल द्वार पर दर्द का बने रहना और यह एहसास होना की मल द्वार पर कुछ मांस निकला हुआ है।
अजवाइन
अजवाइन में पाए जाने वाले पोषक तत्व हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होते है। अजवाइन पाचन सम्बन्धी समस्याओ का रामबाण इलाज है। अजवाइन की तासीर गर्म होती है और गर्म तासीर की होने के कारण यह सर्दी-जुकाम, दमा, जोड़ो का दर्द जैसे समस्याओ में काफी फायदेमंद होती है। इतना ही नहीं अजवाइन पेट दर्द, पेट में गैस और कब्ज जैसी समस्याओ में भी काफी लाभकारी होती है।
अजवाइन से बवासीर का इलाज
मस्सो को सूखने के लिए अजवाइन और मक्खन का पेस्ट
अजवाइन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो शरीर में सूजन की समस्या को दूर करने में फायदेमंद होते है। बवासीर की समस्या का एक कारण मल द्वार पर आई हुई सूजन भी होती है जिसके कारण मल द्वार से मांस के गुब्बारे बाहर निकलने लगते है और अधिक सूजन होने पर इन गुब्बारों में दर्द भी होता है जो शौच के बाद भी बना रहता है।
देसी अजवाइन, जंगली अजवाइन और खुरासानी अजवाइन को बराबर मात्रा में, महीन पीस कर, मक्खन में मिलाकर पेस्ट बना ले। इस पेस्ट को इन गुब्बारों या मस्सो पर लगाने से सूजन में आराम मिलता है। इसको कुछ दिनों तक लगातार सुबह-शाम लगाने से कुछ ही दिनों में मस्से सूख जाते हैं।
अजवाइन, छांछ और सैंधा नमक दिलाये बवासीर में आराम
आयुर्वेदा में सिर्फ एक ही चीज का भोजन के साथ सेवन करने की सलाह दी गई है और वह है छांछ जिसमे मिला हो अजवाइन का चूर्ण और सैंधा नमक। यह मिश्रण न सिर्फ भोजन को पचने में सहायक होता है बल्कि कब्ज को दूर करने और बवासीर में आराम पहुंचने में सहायक होता है। भोजन के साथ प्रतिदिन अजवाइन, छांछ और सैंधा नमक का सेवन करने से बवासीर का रोग दुबारा नहीं होता।
इसके लिए 1 गिलास छाछ में सैंधा नमक और 1 चम्मच पिसी हुई अजवायन या अजवाइन का चूर्ण मिलाकर , प्रतिदिन सेवन करने से बवासीर रोग में लाभ मिलता है। आप चाहें तो इसमें सैंधा नमक के स्थान पर काला नमक का इस्तेमाल भी कर सकते है।
अजवाइन, छांछ और खीरा है बवासीर में फायदेमंद
छांछ और खीरा दोनों की तासीर ठंडी होती है। इनके साथ अजवाइन और सैंधा नमक लेने से बवासीर में आराम मिलता है। इसके लिए खीरे को कद्दूकस कर ले। इस खीरे में अजवाइन का चूर्ण और सैंधा नमक मिलाकर इससे एक गिलास छांछ में मिलाकर, इसका सेवन करने से भी बवासीर की समस्या सही हो जाती है।
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