त्रिफला चूर्ण एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है जो आयुर्वेदा की तीन प्रमुख जड़ी-बूटियाँ के चूर्ण का मिश्रण है। यह औषधि पाचन क्रिया को दुरुस्त करके कब्ज के सफलतापूर्वक इलाज के लिए जानी जाती हैं। आइये जानते है कि कैसे यह औषधि पाचन संबंधी समस्याओं, खासकर कब्ज (Triphala Dosage for Constipation in Hindi) के लिए एक बेहतरीन घरेलू उपचार है।
कब्ज के लिए त्रिफला (Triphala Dosage for Constipation in Hindi) : पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने, उनका इलाज करने के लिए इस आयुर्वेद के चमत्कार त्रिफला चूर्ण का उपयोग कैसे करें और कितनी मात्रा में करे।
Triphala Dosage for Constipation in Hindi | त्रिफला से कब्ज का इलाज करने की विधि
पाचन तंत्र सही से कार्य करता रहे इसके लिए लोग न जाने क्या-२ करते है। गलत जीवनशैली के कारण सूजन, कब्ज और अन्य समस्याए संकेत देती हैं कि आपका आंत्र पथ ( intestinal tract) नियंत्रण में नहीं है और वह सही से कार्य नहीं कर रहा है ।
कब्ज ( Constipation in Hindi ) एक ऐसी स्थिति है जिसमें आंतों को खाली करने में काफी कठिनाई होती है और बहुत बार तो आंते पूरी तरह से खाली भी नहीं हो पाती । जिस कारण पेट में भारीपन रहता है और जो आगे चलकर बहुत सी अन्य समस्याओ का कारण बनता है। कब्ज के प्रमुख कारणों में कम मात्रा में पानी पीना, अनुचित आहार, तनाव, और कुछ दवाएं आदि शामिल हैं।
पुरानी कब्ज एक ऐसी स्थिति है जो न केवल निराशाजनक है, बल्कि आपके स्वास्थ्य को बिगड़ कर शरीर को रोगों का घर बना देती है।
आयुर्वेद, प्राचीन विज्ञान, कब्ज को दूर करने के लिए त्रिफला पर भरोसा करता है। त्रिफला चूर्ण एक ऐसा चूर्ण है जिसमें तीन प्रमुख जड़ी-बूटियाँ का चूर्ण बनाकर, उनको एक अनुपात में मिलाकर तैयार किया जाता है। यह कब्ज के प्रभावशाली घरेलु इलाज के रूप में जाना जाता हैं।
हम आपको त्रिफला चूर्ण के लाभ बताते हैं और यह मिश्रण पाचन संबंधी समस्याओं, विशेष रूप से कब्ज के लिए एक बेहतरीन घरेलू उपचार क्यों है, इस बात की जानकारी भी देते है।
कब्ज के लिए त्रिफला | त्रिफला से कब्ज का इलाज करने की विधि
त्रिफला चूर्ण एक भूरे रंग का पाउडर है जो तीन महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों, जैसे आमलकी (आंवला), हरीतकी (हरड़) और बिभीतकी (बहेड़ा) का उपयोग करके तैयार किया जाता है। इन सभी जड़ी-बूटियों को आयुर्वेदा में बहुत ऊंचा स्थान प्राप्त है। ये सभी कब्ज को दूर करने में मदद करने के लिए जाने जाते हैं।

इसी कारण से कब्ज के लिए सबसे अच्छा आयुर्वेदिक उपाय त्रिफला चूर्ण ही है। आमलकी पित्त दोष पर, विभीतकी कफ दोष पर और हरीतकी वात दोष पर काम करती है। तीन यौगिक पाचन तंत्र को फिर से जीवंत और मजबूत करने में मदद करते हैं और हल्के रेचक के रूप में कार्य करते हैं। हम आपको बताते हैं कि कैसे तीन जड़ी-बूटियां आपके पाचन तंत्र की मदद करती हैं।
हरीताकि यानि हरड़
हरिताकी या हरड़ 2 प्रकार के होती है
- पीली हरड़,
- काली हरड़।
त्रिफला चूर्ण बनाने के लिए पीली बड़ी हरड़ का उपयोग किया जाता है। त्रिफला में हरड़ एक महत्वपूर्ण यौगिक है। यह एक शक्तिशाली रेचक (पेट के भीतर एक कसैला और स्नेहक) के रूप में जाना जाता है, जो मल को ढीला करने में मदद करता है और मल निकासी के दौरान आने वाली गंभीर जटिलताओं की संभावना को कम करता है।
अमलाकिक यानि आंवला
आंवला में रेचक और शीतलन गुण (ठंडी तासीर) वाला होता हैं जो पेट की अंदरूनी परत को ठंडा करने में मदद करता हैं और सूजन को कम करता हैं। यह पेट में जलन पैदा होने से रोकने में मदद करता है। आंवला आम तौर पर एक ऐसा फल है जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को सुधारकर, आपको स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है।
बिभीतकी यानि बहेड़ा
बिभीतकी एक प्राकृतिक रेचक है और इसमें आहार फाइबर होते हैं, जो पाचन एजेंट होते हैं और कब्ज को दूर करने में सहायक होता है।
Triphala Dosage for Constipation in Hindi | कब्ज के लिए त्रिफला का उपयोग कैसे करें
त्रिफला का सेवन आप कैसे भी करे, ये आपकी कब्ज की परेशानी को दूर करने का कार्य तो करेगा ही। फिर भी आगे हम आपको त्रिफला के सेवन की विधियों की जानकारी दे रहे है जिनसे आपको कब्ज दूर करने के लिए त्रिफला की कितनी मात्रा (Triphala Dosage for Constipation in Hindi) इस्तेमाल करनी है की जानकारी भी मिल जायगी |
- रात में सोने से पहले आधा से एक चम्मच त्रिफला चूर्ण मुँह में डालकर, ऊपर से 1 ग्लॉस हल्का गर्म पानी पी ले।
- रात को सोने से कुछ समय पूर्व 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से सुबह शौच खुलकर आती है और कब्ज में आराम मिलता है।
- त्रिफला के मूत्रवर्धक गुणों के कारण, ऊपर बताई गयी विधिओ से त्रिफला चूर्ण लेने पर कुछ लोगो को पेशाब करने के लिए कई बार जागना पड़ सकता हैं, जिससे उनकी रात में नींद में खलल पड़ता है। इससे बचने के लिए त्रिफला चूर्ण को रात में एक कप गर्म पानी में भिगोकर रख दे और सुबह बासी मुँह सबसे पहले पी ले। त्रिफला का पानी पीने का सबसे अच्छा समय सुबह 4-5 बजे के आसपास है।
- त्रिफला से कायाकल्प की विधि के अनुसार अगर-२ ऋतुओ में त्रिफला का अलग-२ वस्तुओ के साथ मिलाकर सेवन करने से कब्ज का तो नाश होता ही है। साथ ही शरीर का सम्पूर्ण स्वास्थ्य भी सुधरता है।
- कब्ज में आराम पाने के लिए इसबगोल दो चम्मच के साथ त्रिफला चूर्ण मिलाकर गुनगुने पानी से लेने से फायदा होता है।
अगर आपको सिर्फ त्रिफला और पानी का स्वाद पसंद नहीं है, तो आप इसमें कुछ मिठास जोड़ने के लिए शहद को भी पानी में मिलाकर ले सकते हैं।

त्रिफला चूर्ण से कब्ज (Triphala Dosage for Constipation in Hindi) का प्रबंधन करें और यदि आपको आराम नहीं मिलता है, तो चीजें जटिल होने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
त्रिफला चूर्ण कितने दिन तक खाना चाहिए?
त्रिफला को कैसे खाना चाहिए?
रात में सोने से पहले आधा से एक चम्मच त्रिफला चूर्ण मुँह में डालकर, ऊपर से 1 ग्लॉस हल्का गर्म पानी पी ले।
त्रिफला चूर्ण खाने से क्या नुकसान होता है?
त्रिफला चूर्ण लेने पर कुछ लोगो को पेशाब करने के लिए कई बार जागना पड़ सकता हैं, जिससे उनकी रात में नींद में खलल पड़ता है। इससे बचने के लिए त्रिफला चूर्ण को रात में एक कप गर्म पानी में भिगोकर रख दे और सुबह बासी मुँह सबसे पहले पी ले। त्रिफला का पानी पीने का सबसे अच्छा समय सुबह 4-5 बजे के आसपास है।
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