मोटापा (Motapa) – मोटापा आज एक वैश्विक समस्या बन चूका है जिसका इलाज शायद हर कोई जनता है लेकिन वक्त बचाने और आसान तरीको की खोज में लोग शारीरक श्रम और खानपान में कंट्रोल को भूलकर दवाइयों की और भागते है जिससे उनके हाथ निराशा ही लगती है ।
मोटापा (Motapa)
मोटापा (Obesity In English) किसी व्यक्ति की ऐसी स्थिति होती है, जिसमे अत्यधिक शारीरिक वसा शरीर पर बहुत अधिक मात्रा में एकत्रित हो जाती है जिसके कारण स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है और समय के साथ व्यक्ति अनेक बीमारीओं का शिकार बनता जाता है ।
मोटापा अधिक खान-पान से नहीं बल्कि व्यायाम (Exercise) व शारीरिक श्रम (Physical Effort) ना करने से बढ़ता है:-
दोस्तों, ज्यादातर लोग यह सोचते है की मोटे व्यक्ति सामान्य व्यक्तियों की अपेक्षा अधिक भोजन करते हैं, यद्यपि मोटे व्यक्ति यही कहते हैं कि वह कम भोजन खाते हैं |
मोटे व्यक्ति अधिक भोजन करते है या नहीं?, यह जानने के लिए कई अनुसंधानिक अध्ययन (Research studies) हुए जिनमे अधिकतर मोटे व्यक्तियों ने यही कहा कि वे सामान्य व्यक्तियों की तरह ही भोजन करते हैं | फिर भी वैज्ञानिकों ने यह जानने के लिए इन व्यक्तियों का कथन (Statement) कहां तक सही है, सामान्य और मोटे व्यक्तियों द्वारा खाये जाने वाले आहार (Food) का आंकलन (Assessment) किया जिससे यह ज्ञात (Known) हुआ कि अधिकांश मोटे व्यक्ति अधिक भोजन नहीं करते |
इस अध्ययन (Study) से इस बात की पुष्टि हुई कि मोटापा शारीरिक श्रम व व्यायाम की कमी के कारण होता है और इस बात पर निर्भर होता है कि मनुष्य कितनी ऊर्जा (kelory) की खपत (Consumption) व्यायाम, श्रम द्वारा कर सकता है |
वसा के सेवन से वसा (Fat) का जमाव शरीर में होता है:-
अभी तक चिकित्सक मोटापा कम करने के लिए ऐसे भोजन की वकालत करते थे जिसमें शरीर को ऊर्जा यानी केलेरी कम मिले ताकि शरीर भंडारित वसा (Stored Fat) का भंजन (Break) कर ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति कर सके, पर अब पोषक विशेषज्ञों (Nutritionists) का यह मत है कि केवल कम कैलोरी वाला भोजन का सेवन करने से मोटापा नहीं घट सकता जब तक कि वसा (Fat) के सेवन को इस सीमा तक सीमित न कर दिया जाए कि अधिक से अधिक दैनिक ऊर्जा (Daily Kelero) की आवश्यकता का 30% ही भोजन में मौजूद वसा (Fat) से प्राप्त हो सके |
मध्य आयु वर्ग के लोगों का वसा के सेवन और मोटापे से गहरा संबंध है यद्यपि केवल भोजन मोटापे की समस्या का समाधान नहीं कर सकता पर भारतीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान के अनुसार आहार में पोषकीय संतुलन (Nutritional balance) बनाए रखने व कम वसा के सेवन से मोटापे के नियंत्रण में सहायता मिलती है |
शारीरिक भार घटाने के लिए खूब जल (Water) का सेवन करना चाहिए :-
साधारणतया शारीरिक भार को घटाने में आहार और व्यायाम को अधिक महत्व दिया जाता है यद्यपि इस योजना के दौरान ऐसी भी स्थिति उत्पन्न हो जाती है जब शरीर का भार (Weight) घटने के स्थान पर बढ़ने लगता है | ऐसा क्यों कर होता है? इस समस्या पर न्यू जर्सी विश्वविद्यालय के चिकित्सालय देवालय (Clinic) के शोधकर्ताओं ने शोध के पश्चात यह चेतावनी दी कि यदि व्यक्ति विशेष जल का पर्याप्त मात्रा में सेवन नहीं करता तो शरीर इस स्थिति का सामना करने के लिए द्रव्य (Liquid) का निष्कासन (Expulsion) बंद कर देता है जिससे वजन घटने के स्थान पर बढ़ने लगता है |
जल की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति (Supply) होने से सोडियम का शरीर में रुकना बंद हो जाता है, हारमोंस सुचारू रूप से स्रावित (Secretion) होने लगते हैं, यकृत (Liver) वसा का भंजन (Break) करना आरंभ कर देता है जिससे भंडारित वसा का उपयोग होने लगता है और शारीरिक भार कम होने लगता है |
सेब के सेवन से मोटापा घटता है:-
दक्षिणी कैलिफोर्निया के विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने प्रयोगात्मक परीक्षण (Experimental test) द्वारा यह निष्कर्ष निकाला कि सेब का नियमित सेवन करते रहने से मोटापा कम करने में सहायता मिलती है | इस फल में जल में घुलनशील रेशे (Fiber) होते हैं जो पाचन क्रिया को धीमा कर देते हैं जिससे भूख देर से लगती है और मनुष्य कम भोजन कर पाता है जिसके फलस्वरूप एक से डेढ़ माह में 2 किलोग्राम भार (Weight) तक कम हो सकता है |
मोटापा कम करना चाहते है तो इन बातों का ध्यान रखे
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