पुदीना के औषधीय उपयोग (Pudina Ka Upyog) – अद्भुत गुणों वाला पुदीना (Pudina) में अनेको औषधीय गुण मौजूद होते है। यह पेट के रोगो, मुख के रोगो, त्वचा के रोगो को दूर करने के लिए गर्मियों में प्रकृति द्वारा प्रदान किया गया औषधीय पौधा है जिसको रोगो को ठीक करने में कैसे उपयोग करना है , इसकी जानकारी इस लेख में दी गई है।
Table of Contents
- पुदीना क्या है ? || What is Pudina
- पुदीना की तासीर || Pudina ki Tasir
- पुदीना का वानस्पतिक नाम | अन्य भारतीय भाषाओं में नाम (Name of Mint in Different Indian Languages)
- पुदीना में पाए जाने वाले पोषक तत्व || Nutrition’s in Pudina in Hindi
- पुदीने के फायदे || Benefits of Pudina in Hindi
- पुदीना के औषधीय उपयोग | पुदीने का विभिन्न रोगों में प्रयोग इस प्रकार है | Uses of Pudina in Hindi
- People Also Ask:-
पुदीना क्या है ? || What is Pudina
अद्भुत गुणों वाला पुदीना (Pudina) एक ऐसा वनस्पतिक होता है, जो गर्मियों में हमारे शरीर के लिए अत्यंत उपयोगी होता है। इसका उपयोग गर्मियों के मौसम में सबसे अधिक किया जाता है। ग्रीष्म काल प्रारंभ होने के साथ ही पुदीना (Mint Leaves) बाजारों में अपनी हरित आभा और खुशबू से जनमानस को उल्हादित करता प्रतीत होता है। पुदीने की उपयोगिता मात्र पदार्थ के रूप में ही बल्कि औषधि के रूप में भी है।
आयुर्वेद के अनुसार, पुदीना (Pudina in Hindi) सुगंधित, रुचिकारक, स्वादिष्ट, भारी, उष्णवीर्य, हृदय को बल देने वाला, रुक्ष तथा मल-मूत्र रोधक होता है। यह तीखा, रुखा, वात नाशक, कफ नाशक, कास तथा मद दूर करने वाला, हैजा, संग्रहणी, अतिसार, जीर्णज्वर, मंदागिनी, विसूचिका तथा कृमियो का नाश करने वाला होता है। इसके प्रयोग से अजीर्ण, अफारा तथा उदरशूल नष्ट होता है।
पुदीना की तासीर || Pudina ki Tasir
आयुर्वेदा के अनुसार पुदीना भारी और उष्णवीर्य होता है यानि पुदीना की तासीर गर्म होती है | इसी कारण यह फेफड़ों में जमे बलगम को पिघला कर उसे शरीर से बाहर निकालने में सहायक होता है।
पुदीना (Mint Leaves) छोटी-छोटी कड़क और खुरदरी हरी पत्तियों वाला खुशनुमा दार तथा तीखे स्वाद का होता है। इसकी एक किस्म “मेंघा पिपरेटा” से पिपरमेंट भी बनाया जाता है। पुदीने के पत्ते से निकला गया रस, अर्क व तेल का उपयोग किया जाता है। पुदीने (Pudina in Hindi) का पौधा बहुवर्षायु होता है।
पुदीना का वानस्पतिक नाम | अन्य भारतीय भाषाओं में नाम (Name of Mint in Different Indian Languages)
इसे संस्कृत में पूतिहा , हिंदी में पुदीना, मराठी में पुदीना, गुजरती में फुदीलो, बांग्ला में पोदीना , तमिल में पुदीना, तेलुगु में पुदीना, तथा अंग्रेजी में मिंट कहते हैं। इसका लेटिन नाम ‘मेंथा स्पाई कोटा’ है।
पुदीना में पाए जाने वाले पोषक तत्व || Nutrition’s in Pudina in Hindi
इसकी हरी सुगंधित पत्तियों में विटामिन ‘ए’, विटामिन ‘बी’, ‘सी’, ‘डी’, तथा ‘इ’ रहते हैं । इसके साथ ही कैल्शियम, फास्फोरस और लोहा भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। पुदीने (Pudina in Hindi) में मेंथाल काफी मात्रा में होता है। इसमें विद्यमान विटामिन और खनिज इसके औषधीय गुणों को और भी अधिक बढ़ा देते हैं। पुदीना (Pudina) काफी स्वास्थ्यवर्धक गुणों से भरपूर होता है।
पुदीना शरीर के लिए आवश्यक कई पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत्र हैं जैसे कि ऊर्जा, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, नियासिन, विटामिन ‘ए’, विटामिन ‘सी’, सोडियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम और कैल्शियम आदि | पुदीने (Mint Leaves) में प्रोटीन 4.8 ग्राम, वसा 2.6 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट 5.8 ग्राम, ऊर्जा 48 कैलरी, कैल्शियम 200 मिलीग्राम, फास्फोरस 62 मिलीग्राम, और लौह तत्व 15.6 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम पुदीना में मिलते हैं |
संपूर्ण भारत वर्ष में पुदीने की लगभग 8 जातियां पाई जाती हैं। तुलसी कुल के इस पौधे की लगभग 40 सुगन्धित बारहमासी जातियां मुख्यत यूरोप, चीन, जापान और ब्राजील में फैली हुई है।
पुदीने के फायदे || Benefits of Pudina in Hindi
गर्मी में हरे पुदीने का उपयोग करना अत्यंत लाभकारी रहता है, क्योंकि यह शरीर द्वारा गर्मी का ताप सहने के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होता है। पुदीने का रस पेट की पाचन क्रिया को उत्तेजित करने का काम बड़ी तेजी से करता है। एक तरफ जहां पुदीना (Pudina in Hindi) पाचक है वहीं दूसरी तरफ यह गर्मी में चलने वाली लू व तापघात से भी बचाव करता है। यह हृदय को बलिष्ट बनाता है।
पुदीने का उपयोग विशेष तौर पर चटनी बनाने में किया जाता है। इसके हरे व सूखे दोनों तरह के पत्तों से चटनी बनाई जाती है। इसकी पत्तियां सब्जियों में डाली जाती हैं जिससे सब्जियां सुगंधित व स्वादिष्ट बनती हैं।
बाल झड़ना रोके पुदीना ।। Pudina for Hair Loss in Hindi
पुदीना अपने वातनाशक गुण के कारण बालों को झड़ने से रोकने में फायदेमंद हो सकता है। यह बालो के रूखेपन को कम करता है जिसके कारण बालों की रूसी एवं उनका बेजान होकर झड़ना या टूटना कम हो जाता है और प्राकृतिक रूप से बालों को बढ़ने में मदद मिलती हैं।
कान के दर्द में पुदीना के लाभ ।। Pudina in Hindi
कान दर्द में पुदीना के इस्तेमाल से जल्दी आराम मिलता है। कान में दर्द कभी-कभी ठंड लगने से या कान में पानी चले जाने से होता है । ऐसे में पुदीना का रस की कुछ बुँदे कान में डालने से फायदा मिलता है। पुदीना के पत्ते का रस निकालकर, इसकी 1-2 बूंद कान में डालना फायदेमंद रहता है।
सिरदर्द में फायदेमंद पुदीना
सिरदर्द का एक कारण पेट में गैस बनना भी होता है और पेट में गैस पाचन क्रिया की खराबी का संकेत भी होता है। ऐसे में पुदीने का सेवन फायदेमंद हो सकता है क्योंकि यह अपने दीपन – पाचन गुण के कारण शरीर की पाचन शक्ति को बढ़ाकर खाने को अच्छी प्रकार से हजम करने में सहायता करता है।
सिरदर्द || अनेक रोगों का कारण और लक्षण || आसान घरेलू इलाज
सर्दी-जुकाम में फायदेमंद पुदीना
सर्दी-जुकाम की परेशानी कभी भी किसी को भी हो सकती है और इसके कई कारण हो सकते है। इससे आराम पाने में पुदीना (Pudina in Hindi) काफी फायदेमंद सिद्ध हो सकता है। सर्दी-जुकाम को दूर करने में पुदीने का उपयोग किस तरह से किया जाये, इसकी जानकारी इसी लेख में आगे देने जा रहे है।
सर्दी-खांसी और जुकाम से हैं परेशान, अपनाएं ये 11 घरेलू नुस्खे
ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखे पुदीना
शरीर में ब्लड प्रेशर 2 तरह से बिगड़ सकता है और पुदीना (Pudina in Hindi) उन दोनों, उच्च रक्तचाप और निम्न रक्तचाप, परेशानियों को सही करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। यह अनियंत्रित और अनियमित रक्तचाप को नियंत्रण में ला कर नियमित कर सकता है। ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में लेन में पुदीने का उपयोग किस तरह से किया जाये, इसकी जानकारी इसी लेख में आगे देने जा रहे है।
आइये जानते है अर्जुन की छाल और दालचीनी के फायदे
अपच की समस्या में पुदीने के फायदे
अक्सर पाचन क्रिया के गड़बड़ा जाने से अपच की समस्या पैदा हो जाती है। पुदीना (Pudina in Hindi) पाचन क्रिया को सही करके अपच की समस्या को दूर करने में सहायक होता है। अपच की समस्या को दूर करने में पुदीने का उपयोग किस तरह से किया जाये, इसकी जानकारी इसी लेख में आगे देने जा रहे है।
अजवाइन के दाने छोटे और गुण बड़े
भूख बढ़ाये पुदीना ।। Benefits to Treat Loss of Appetite in Hindi
लंबे समय से बीमार रहने और दवाओं के अधिक सेवन के कारण भूख कम लगने लगती है, खाना खाने की इच्छा नहीं होती । ऐसे में पुदीना (Pudina in Hindi) काफी फायदेमंद सिद्ध हो सकता है। पुदीने के इस्तेमाल से भूख ना लगने की परेशानी ठीक हो जाती है। पुदीने के उपयोग का तरीका जानने के लिए पढ़ते रहे।
Triphala Powder || अलग-२ ऋतुओ में त्रिफला चूर्ण लेने का तरीका और उसके फायदे
उल्टी से दिलाये राहत पुदीने का सेवन || Pudina Health Benefit
उल्टी को रोकने के लिए पुदीना का सेवन करना फायदेमंद रहता है। अपच, एसिडिटी, दवा के साइड इफेक्ट, कोई अन्य बीमारी या फिर अन्य कारणों से भी उल्टी की समस्या होने लगती है। ऐसे में पुदीना के पत्तों का रस का इस्तेमाल करना फायदेमंद रहता है। उलटी की समस्या को ठीक करने के लिए पुदीने के उपयोग का तरीका जानने के लिए पढ़ते रहे।
पेट की गड़बड़ी करे दूर पुदीने का सेवन
गैस, उलटी, दस्त, बदहजमी और पाचन तंत्र के विकारो में पुदीने के सेवन से फायदा मिल सकता है। पुदीना (Pudina in Hindi) शरीर के Digestive System को सही रखने में सहायक होता है। अलग-२ पाचन सम्बन्धी समस्या में पुदीने के उपयोग का तरीका जानने के लिए पढ़ते रहे।
अदरक के फायदे || अदरक खाने के फायदे || अदरक के 9 फायदे
दमा , तपेदिक, ब्रॉंकइटिस में फायदेमंद पुदीना ।। Benefits of Mint in Hindi
पुदीना (Pudina in Hindi) अपने वात -कफ शामक गुण के कारण साँस से सम्बंधित रोगो में भी लाभदायक होता है । इसकी तासीर गर्म होने के कारण यह फेफड़ों में जमे बलगम को पिघला कर उसे शरीर से बाहर निकालने में सहायता कर सकता है । इसके सेवन से इन बीमारी के लक्षणों के कम होने में सहायता मिलती है ।
मूत्र विकार में फायदेमंद पुदीने का प्रयोग
पेशाब करते वक्त दर्द या जलन और अन्य मूत्र विकारो में पुदीने का सेवन करना फायदेमंद होता है। पुदीने के सेवन से मूत्र खुलकर आता है और मूत्र विकार ठीक होते हैं। मूत्र रोग में पुदीने के उपयोग का तरीका जानने के लिए पढ़ते रहे।
त्वचा रोग में पुदीना के फायदे || Benefits of Pudina in Skin Disease in Hindi
रैशेज, दाद, पित्ती उछलना, मुंहासे जैसे त्वचा रोगो में पुदीने का सेवन करने या इन्हे इस्तेमाल करने से फायदा मिलता है। त्वचा संबंधी किसी भी समस्या में पुदीना के फायदे (pudina ke fayde) असरदार तरीके से काम करते हैं। त्वचा रोग में पुदीने के उपयोग का तरीका जानने के लिए पढ़ते रहे।
बुखार में फायदेमंद पुदीने का सेवन || Uses of Mint to Treat Fever in Hindi
मौसम के बदलाव के कारण होने वाला बुखार हो या मलेरिया का बुखार पुदीना के पत्तों का काढ़ा बनाकर, उसका सेवन करना फायदेमंद रहता है। इससे बुखार उतर जाता है। पुदीना (Pudina in Hindi) के औषधीय गुण बुखार से जल्दी आराम दिलाने में सहायक होते हैं। बुखार में पुदीने के उपयोग का तरीका जानने के लिए पढ़ते रहे।
लू लगने में फायदेमंद पुदीना
गर्मियों के मौसम में लू किसी को भी लग सकती है और पुदीना (Pudina in Hindi) लू लगने पर काफी फायदेमंद सिद्ध हो सकता है। गर्मियों में रोजाना पुदीने का सेवन करने से लू लगने की समस्या से बचा जा सकता है। लू लगने पर पुदीने के उपयोग का तरीका जानने के लिए पढ़ते रहे।
Mint || पुदीना के फायदे || पुदीना के घरेलु नुस्खे || Upchar
पुदीना के औषधीय उपयोग | पुदीने का विभिन्न रोगों में प्रयोग इस प्रकार है | Uses of Pudina in Hindi
पुदीने (Pudine) का सबसे बड़ा उपयोग यह है कि इसमें से निकलने वाला उड़नशील तेल पेट की शिकायतों में प्रयोग की जाने वाली दवाइयों, सिरदर्द, गठिया इत्यादि में मल्हमों, खांसी की गोलियां, इनहेलर, मुख शोधक में खुशबू पैदा करने के काम में लाया जाता है। चुइंगम, टूथपेस्ट व मिष्ठान में सुगंध के लिए पुदीने का उपयोग किया जाता है। दवा के रूप में पुदीने की पत्तियों का रस और इस से निर्मित तेल लाभदायक होता है।
चेहरे व मुख के रोग में पुदीना के उपयोग || Uses of Pudina in Hindi
मुहासे
पुदीने के पत्ते पीसकर कुछ दिनों तक चेहरे पर लेप लगाने से मुंहासे और दाग धब्बे दूर हो जाते हैं व चेहरे की गर्मी शांत होती है।
मुख दुर्गंध
- पुदीना (Pudina) पीसकर,जल में घोलकर दिन में तीन बार कुल्ला करने से मुंह की दुर्गंध दूर हो जाती है।
- पुदीने की पत्तियों को उबालकर, ठंडा कर, उस पानी से कुल्ला करने से मुंह की दुर्गंध चली जाएगी और मुंह की ताजगी बढ़ेगी।
- पुदीने की ताजा पत्तियों को मुंह में रखकर चबाने से मुंह के हानिकारक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं तथा मुंह की दुर्गंध दूर होती है।
गले के रोग
ताजे पुदीने का रस, नमक और पानी मिलाकर गरारे करने से आवाज ठीक होती है तथा गले की सूजन दूर होती है।
पेट के रोग में पुदीना के उपयोग || Uses of Pudina in Hindi
हैजा
- हैजा के रोगी को पुदीने के रस में नींबू, अदरक का रस तथा शहद मिलाकर पिलाने से उल्टी और दस्त में लाभ होता है।
- प्याज व नींबू के रस में पुदीने का रस मिलाकर रोग की अवस्था के अनुसार जल्दी-जल्दी देने से लाभ होता है।
- अजवाइन का सत्व एवं पुदीने का अर्क देने से हैजा में जल्द लाभ होता है।
- पुदीने का अर्क, कपूर के साथ सेवन करने से फायदा होता है।
गैस, वायु विकार
दो चम्मच पोदीने के रस में आधा चम्मच काला नमक डालकर पीने से लाभ होता है।
अतिसार
एक चम्मच पुदीने का रस, एक कप पानी के साथ लेने से दस्त या अतिसार में लाभ होता है।
उल्टी व दस्त
- पुदीने की पत्तियों का रस प्रयोग करने से लाभ होता है।
- पुदीने के रस में अजवाइन व पिपरामिंट का रस समान मात्रा में मिलाकर, चीनी या बतासे में दो-तीन बूंदे मिलाकर लेने से उल्टी और दस्त रुक जाते हैं।
पाचन तंत्र विकारों में
पुदीने की चाय रोजाना सुबह-शाम पीने से पाचन ठीक रहता है और सारे शरीर में फुर्ती व चेहरे पर रौनक रहती है।
अपच
- पुदीना (Pudina) और मुनक्का शाम को पानी में भिगोकर रख दे और सुबह-२ इन्हे अच्छी तरह उसी पानी में मसल कर, इसे छानकर पीने से अपच, मंदाग्नि और उदर विकार में लाभ होता है। यह प्रयोग बुखार में भी अत्यंत उपयोगी है।
- पुदीने की २० पत्ती, 5 ग्राम जीरा, हींग, १० काली मिर्च व चुटकी भर नमक पीसकर, एक गिलास पानी में उबालें। पानी जब आधा रह जाए तो छानकर पिए। इससे अपच दूर होगी और पेट से संबंधित विकारो में आराम मिलेगा।
पेट के कीड़े
गंदे जल के प्रयोग से पेट में कीड़े पड़ गए हो तो पुदीने के रस का प्रयोग करें।
बदहजमी
6 ग्राम पुदीना (Pudina) और 3 ग्राम इलायची, एक गिलास पानी में उबालकर थोड़ा-थोड़ा करके पिलाने से बदहजमी, मतली व तीर्व प्यास की शिकायत खत्म होती है।
अजीर्ण
पुदीने का रस पानी में मिलाकर पीने से लाभ होता है।
नाक व कान के रोग में पुदीने का उपयोग || Uses of Pudina in Hindi
नकसीर
- ठन्डे पानी में पुदीने का अर्क डालकर पीने से नकसीर में लाभ होता है।
- पुदीने और प्याज का रस मिलाकर, नाक में डालने फायदा होगा। पुदीने के साथ अनार के फूल का स्वरस भी मिला कर इस्तेमाल कर सकते हैं।
कान के कीड़े
पुदीने का रस कान में डालने से कान के कीड़े नष्ट हो जाते हैं।
चर्म रोग यानी स्किन (Skin) के रोग में पुदीने का उपयोग || Uses of Pudina in Hindi
पित्ती उछलना
15 ग्राम पुदीना (Pudina), 25 ग्राम गुड़ या लाल शक्कर, पानी में उबालकर पिलाने से पित्ती निकलना बंद हो जाती।
दाद
पुदीने के रस में नींबू का रस मिलाकर दाद पर लगाने से वह सही हो जाता है।
स्त्री रोग में पुदीने का उपयोग || Uses of Pudina in Hindi
गर्भनिरोधक
संभोग से पूर्व यदि स्त्री 10 ग्राम पुदीने का चूर्ण खा ले तो गर्भ नहीं ठहरता। पुदीने को छाया में सुखाकर उसका चूर्ण बनाएं।
प्रसव के समय
पुदीने का रस पिलाने से प्रसव आसान होता है।
अन्य रोग में पुदीने का उपयोग || Uses of Pudina in Hindi
श्वास विकार
पुदीने का रस व सिरका १:2 अनुपात में गाजर का रस मिलाकर, शहद के साथ, दिन में तीन बार प्रयोग करने से दमा, तपेदिक तथा ब्रॉंकइटिस में लाभ होता है। श्वास विकारो में पुदीने का अर्क विशेष लाभकारी होता है।
सर्दी- जुकाम
- पानी में पुदीने की पत्तियों को उबालकर,भाप सूंघने से सर्दी जुकाम में लाभ होता है।
- पुदीने का रस, काली मिर्च और काले नमक के साथ उबालकर प्रतिदिन पीने से सर्दी जुकाम में शीघ्र लाभ होता है और फ्लू के जीवाणु खत्म हो जाते हैं।
प्यास
बुखार में यदि बार-बार प्यास लग रही हो तो पुदीने का रस रोगी को पिलाएं।
लू लगना
- गर्मियों में पुदीने की चटनी तथा प्याज का नियमित सेवन करने से लू लगने का भय नहीं रहता।
- पुदीने के साथ कच्चे आम और प्याज को मिलाकर बनाई गई चटनी, लू के प्रभाव को निष्प्रभावी करती है।
अनियमित रक्तचाप
- उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति को बिना चीनी व नमक डालें पुदीने के रस का प्रयोग करने से लाभ होता है।
- निम्न रक्तचाप के रोगी को पुदीना की चटनी या रस में सैंधा नमक, काली मिर्च व किशमिश डालकर प्रयोग करने से लाभ होता है।
भूख खोलना
पुदीने में इमली, सौंफ, काली मिर्च, गुलाब के पुष्प व किशमिश मिलाकर बनाई गई चटनी खाने से भूख खुलकर लगती है।
गर्मी से होने वाले विकारों में
- पानी के मटके में थोड़ा सा पुदीने का रस मिलाकर वह पानी पीते रहने से गर्मी से होने वाले रोगों में लाभ होता है।
- पुदीने का शरबत या शिकंजी पीने से लाभ होता है।
- गर्मी में अजीर्ण, अरुचि अथवा कब्ज हो गई हो तो एक चम्मच पुदीने का रस, एक चम्मच नींबू का रस, दो चम्मच शहद मिलाकर शर्बत बनाकर पीने से लाभ होता है।
- गर्मी में उल्टी, दस्त, वमन, अतिसार, हैजा, लू लग जाने पर पुदीने का ताजा रस अथवा रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से लाभ होता है।
सीने में जमा कफ
अंजीर के साथ पुदीने के पत्ते खाने से सीने में जमा कफ निकल जाता है व हिचकी बंद हो जाती है।
चूहे के काटने पर
चूहे के काटे हुए स्थान पर पुदीने की पुल्टिस बांध देने से विष का शमन होता है।
कैंसर
दही के साथ पुदीना मिलाकर खाने से कैंसर जैसी भयानक रोग में फायदा मिलता है।
पथरी
बथुआ की सब्जी में पुदीना डालकर 1 महीने तक खाएं अथवा पथरी अपने आप निकल ना जाए तब तक यह प्रयोग जारी रखें।
वमन
- पुदीने, तुलसी के पांच-पांच पत्ते मिलाकर, पानी के साथ निगल ले, जी मचलाना कम हो जाएगा।
- पुदीने की पत्तियों को नींबू और काले नमक के साथ पीसकर, चाटने से लाभ होता है।
- पुदीने का रस एक चम्मच, नींबू का रस एक चम्मच, सेंधा नमक चुटकी भर और 2 कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर पीने से उल्टी बंद हो जाती है।
बिच्छू दंश
- मधुमक्खी, बिच्छू या अन्य विषैले कीड़ों के काटने पर पुदीने की पत्तियों को पीसकर लेप करने या दंश वाले स्थान पर, पुदीने का रस लगाने, और रस में मिश्री मिलाकर पिलाने से फायदा होता है।
- पुदीना, जल में पीसकर पिलाने से बिच्छू का जहर उतर जाता है।
ज्वर
पुदीने को पानी में उबालकर, चीनी मिलाकर, उसे गर्म चाय की तरह पिए। इससे ज्वर ठीक होगा व निर्बलता नहीं होगी।
मलेरिया ज्वर
पुदीना व तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर, सुबह-शाम लेने से फायदा होता है।
बेहोशी
पुदीना सूंघने से बेहोशी दूर होती है।
हृदय रोग
पुदीने का सेवन करने से हृदय शक्तिशाली बनता है।
सिर दर्द
पुदीने (Mint Leaves) को पीसकर, इसकी लुगदी गर्म करके, माथे पर लगाने से सिर दर्द में सुकून मिलता है।
मूत्र रोग
मूत्र रोग में पुदीने का सेवन लाभकारी रहता है। इससे पेशाब खुलकर आता है तथा स्त्रियों का मासिक धर्म भी नियमित व सुगम बना रहता है।
ताजगी
इसकी सूखी पत्तियों को पानी में डालकर नहाने से ताजगी का अनुभव होता है।
People Also Ask:-
पुदीना का पत्ता खाने से क्या होता है?
गर्मी में हरे पुदीने का उपयोग करना अत्यंत लाभकारी रहता है, क्योंकि यह शरीर द्वारा गर्मी का ताप सहने के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होता है। पुदीने का रस पेट की पाचन क्रिया को उत्तेजित करने का काम बड़ी तेजी से करता है। एक तरफ जहां पुदीना पाचक है वहीं दूसरी तरफ यह गर्मी में चलने वाली लू व तापघात से भी बचाव करता है। यह हृदय को बलिष्ट बनाता है।
पुदीना कैसे खाना चाहिए?
पुदीने का उपयोग विशेष तौर पर चटनी बनाने में किया जाता है। अनेक रोगो में पुदीने के रस का उपयोग करना भी फायदेमंद सिद्ध होता है। इसकी पत्तियां सब्जियों में डाली जाती हैं जिससे सब्जियां सुगंधित व स्वादिष्ट बनती हैं।
पुदीना खाने से क्या फायदा?
अद्भुत गुणों वाला पुदीना (Pudina) एक ऐसा वनस्पतिक होता है, जो गर्मियों में हमारे शरीर के लिए अत्यंत उपयोगी होता है। अपने गुणों के कारण पुदीना एक नहीं अनेक रोगो से आपके शरीर को बचाने में सहायक होता है। इस लेख में इसके फायदे और उपयोग की जानकारी दी गई है |
पुदीना की तासीर क्या है?
आयुर्वेदा के अनुसार पुदीना भारी और उष्णवीर्य होता है यानि पुदीना की तासीर गर्म होती है | इसी कारण यह फेफड़ों में जमे बलगम को पिघला कर उसे शरीर से बाहर निकालने में सहायक होता है।
पुदीना का चटनी खाने से क्या होता है?
पुदीने का उपयोग किसी भी तरह से क्यों न किया जाये वो फायदा ही करता है। पुदीने की चटनी खाने से न सिर्फ गर्मियों में चलने वाली लू से बचाव होता है बल्कि यह शरीर की पाचन क्रिया को भी मजबूत बनाती है जिससे गैस, एसिडिटी और पाचन सम्बन्धी समस्याएं शरीर से दूर रहती है।
हम () उम्मीद करते है की इस लेख में पुदीना के औषधीय उपयोग, पुदीना के फायदे, पुदीना की तासीर, pudina ka upyog आदि विषयो पर दी गई जानकारी आपके लिए फायदेमंद सिद्ध होगी।