Magnetic Water Benefits || रक्तधमनियों में जमी हुई कोलेस्ट्रॉल को दूर करके ह्रदय की कार्यक्षमता बढ़ाता है चुम्बकीय पानी
पानी को चुंबक से चार्ज करने पर उसमे औषधीय गुण आ जाते हैं | चुम्बकीय पानी (magnetic water benefits in Hindi) औषधीय गुणों से युक्त होता है | स्वस्थ व्यक्ति उसका उपयोग करके पाचन क्रिया को सुधार सकता है और थकान मिटा सकता है |
Magnetic water benefits in Hindi के बारे में जानकर आप भी हैरान रह जायेंगे | आइये आपको बताते है –
- चुम्बकीय पानी रक्तवाहिनियों मैं कोलेस्ट्रॉल को जमा होने से रोकता है तथा जमी हुई कोलेस्ट्रॉल को दूर कर के हृदय की कार्य क्षमता को बढ़ाता है |
- यह पानी मूत्रल होकर मूत्राशय, मूत्र पिंड तथा पित्ताशय की तकलीफ़ों में उपयोगी है |
- चुम्बकीय पानी के द्वारा पथरी निकल जाती है |
- स्त्रियों की मासिक धर्म की अनियमितता दूर होती है एवं गर्भाशय की तकलीफो से भी राहत मिलती है |
- बुखार, दर्द, दमा, सर्दी, खासी आदि में, बालकों के विकास में तथा जहर के असर को मिटाने के लिए भी चुम्बकीय पानी उपयोगी है |
चुंबकीय जल कैसे बनाएं | पानी को चुंबकित करने की विधि
- कांच की बोतल में पानी भरकर डॉट लगाकर फिट करके उसकी एक और उत्तर ध्रुव दूसरी और दक्षिण ध्रुव आए इस प्रकार से चुंबक लगाएं |
- यह चुंबक 2000 से 3000 गोस की शक्ति वाले होने चाहिए |
- इन चुम्बकों का उत्तरी ध्रुव उत्तर दिशा की और, दक्षिणी ध्रुव दक्षिण दिशा की और आए, इस प्रकार से जमाए |
- सामान्यता 24 घंटो में चुम्बकीय पानी तैयार हो जाता है | फिर भी यदि जल्दी उपयोग में लेना हो तो 12 से 14 घंटे तक प्रभावित जल भी लिया जा सकता है |
यदि संक्रामक रोग का उपचार चल रहा हो तब उबाले हुए पानी को लोह चुम्बकांकित ( चुम्बकीय पानी ) करके उपयोग में लाया जाए तो रोग का सामना आसानी से किया जा सकता है |
चुम्बकीय पानी प्रयोग करने की विधि
चुम्बकीय पानी दिन में चार बार, लगभग आधा-आधा गिलास जितना ले | बुखार में ज्यादा बार न ले | छोटे बच्चों को केवल पाव गिलास पानी दे | ध्यान रखने योग्ये बातें :-
- इस पानी का उपयोग सादे पानी की तरह ना करें |
- इस पानी को न गर्म करें और ना ही फ्रिज में रखें |
- पीने के अलावा इस पानी का उपयोग आंखें धोने, जख्म साफ करने तथा जलने पर भी किया जा सकता है |
- इसके अतिरिक्त अलग-अलग अंगो की चिकित्सा के लिए अलग-अलग शक्ति वाले चुंबक के बनाए गए साधन, पट्टे आदि मिलते हैं | उनके द्वारा भी दिन में दो-तीन बार चिकित्सा करने से शरीर के अंग क्रियाशील होकर स्वस्थ होने में मदद करते हैं |
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