सोते समय रक्त शर्करा के स्तर का क्या होता है? | क्या होता है शुगर के रोगी के साथ सुबह 3 से 8 के बीच?
Morning Blood Sugar Problem In Hindi – इंसुलिन नामक हार्मोन शरीर में मौजूद रक्त में शर्करा (Glucose) को नियंत्रित करता है। रात को सोते समय, रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है; आम तौर पर, लगभग सुबह 3 बजे से 8 बजे के बीच में। ऐसा क्यों होता है ? एक मधुमेह रोगी के लिए अच्छी नींद इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?, सुबह 3 बजे ब्लड शुगर के साथ क्या और क्यों होता है? और इसे नियंत्रण में रखने के लिए क्या करना चाहिए ? आदि सवालों के जवाब आपको इस लेख में मिल जायँगे।
सुबह 3 से 8 के बीच में ब्लड शुगर में होने वाले इस बदलाव को सँभालने के लिए एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में मौजूद इन्सुलिन अपना कार्य सही से करते हुए रक्त में ग्लूकोस के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए मासपेशियो, लिवर और फैट सेल्स की सहायता से ग्लूकोस को Absorb करके शरीर में शुगर के स्तर पर नियंत्रण बनाये रखता है।
इंसुलिन का कार्य मासपेशियो, लिवर और फैट सेल्स की मदद से रक्त में मौजूद ग्लूकोस को इस्तेमाल करके शरीर के लिए आवश्यक ऊर्जा का उत्पादन करना होता है जिससे रक्त में मौजूद शर्करा का इस्तेमाल होता रहता है और ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रण में रहता है।
लेकिन जब बात मधुमेह के रोगी की आती है तो सुबह के समय रक्त में ग्लूकोस के इस उछाल को संभालने में इंसुलिन असफल रहता है और ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है।
मधुमेह के रोगी को इस तरह की किसी भी समस्या से बचने के लिए जो जानकारी होने चाहिए वो हम यहां पर ले कर आये है।

एक मधुमेह रोगी के लिए अच्छी नींद की रात इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?
रात की नींद मधुमेह की बीमारी को सुधारने या बिगाड़ने के कारण बनती है। नींद की मात्रा में कंजूसी करने और नींद पूरी न करने से आप कई तरह की समस्याओ के शिकार बन सकते है, जिनमें मधुमेह, वजन बढ़ना और मोटापा प्रमुख हैं।
देर तक जागना और अपनी नींद में कटौती करना हानिकारक होता है क्योंकि अधिकांश देर रात तक लेटने या बैठने में ही आपका समय व्यतीत होता है न की किसी शारीरिक कार्य को करने में।
रात में ज्यादा देर तक जागने से आपके शरीर को जिस और जितने समय तक के आराम की आवश्यकता होती है वह पूरी नहीं हो पाती और आपको पूरा आराम न मिलने के कारण आप अपने आप को थका हुआ और कम एक्टिव महसूस करते हैं।
थका हुआ और कम एक्टिव होने और अधिक भोजन खाने पर आपको वजन बढ़ने लगता है जो धीरे-२ आपको मधुमेह समेत अनेक बिमारिओ की और ले जाता है ।
नींद की कमी तनाव का कारण भी बनती है। इससे तनाव हार्मोन – कोर्टिसोल की मात्रा शरीर में बढ़ने लगती है जो भी वजन बढ़ने के कारण बनता है।
कोर्टिसोल को रात में रक्त में शर्करा के स्तर को बढ़ाने का कारण भी माना जाता है, और यह हार्मोन रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखने वाले इंसुलिन के कार्य में बाधा बनता है।
शोध साबित करते हैं कि नींद न पूरी होने वाली सिर्फ एक रात में शरीर में फैटी एसिड में 30% तक की वृद्धि हो सकती है जो मधुमेह रोगी के लिए हानिकारक हैं और रक्त शर्करा के स्तर को लगभग एक चौथाई तक नियंत्रित करने की व्यक्ति की क्षमता को कम कर सकती हैं।
नींद न पूरी होने वाली कई रातें स्तिथि को और अधिक खराब कर सकती हैं।
सुबह 3 बजे ब्लड शुगर लेवल का क्या होता है?
रक्त में मौजूद ग्लूकोज मानव शरीर को दिन-प्रतिदिन के कार्यों को करने के लिए ऊर्जा प्रदान करने का साधन है। रात में जब हम सो रहे होते हैं तो हमारे शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता नहीं होती या बहुत कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है। जिस कारण शरीर ग्लूकोस को ऊर्जा में बदलने का काम बहुत कम कर देता है।
लेकिन हमारे शरीर को अगली सुबह के लिए ग्लूकोज और ऊर्जा की आवश्यकता होती है। सुबह 3 बजे से 8 बजे के बीच, हमारे जैविक तंत्र (biological systems) ऊर्जा को तैयार करने के लिए हार्मोन और ग्लूकोज छोड़ते हैं, ताकि अगली सुबह के लिए आवश्यक ऊर्जा तैयार की जा सके।
यह ऊर्जा हमें सुबह ऊर्जावान और तरोताजा महसूस करने में मदद करती है। मधुमेह के रोगियों को अक्सर रात में सोने में परेशानी होती है क्योंकि शर्करा के स्तर में इन उतार-चढ़ाव के कारण शरीर को ऊर्जा की आपूर्ति बाधित होती है।
स्वस्थ व्यक्ति जिन्हे मधुमेह की बीमारी नहीं होती उनका शरीर सही से काम कर रहे इंसुलिन द्वारा ऊर्जा आपूर्ति के लिए जिम्मेदार हार्मोन और रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित कर सकता हैं। इसलिए उनके शरीर में सुबह 3 बजे के आसपास शुगर का बढ़ने के कार्य संतुलित रूप से होता है।
वहीँ मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति द्वारा सुबह 3 से 8 के बीच होने वाले इस शुगर के उतार चढ़ाव को संभालने में परेशानी होती है, जिसका कारण होता है शरीर में इन्सुलिन पर नियंत्रण न होना।
इससे मधुमेह के रोगियों में सुबह के समय रक्त शर्करा का स्तर असमान्य रूप से बढ़ जाता है।
सुबह 3 से 8 के बीच ब्लड शुगर, शरीर को २ तरीको से प्रभावित कर सकता है जिन्हे २ अलग-२ नाम दिए गए है :-
पहला – द डॉन फेनोमेनन:
चूंकि शरीर को सुबह की गतिविधियों के लिए खुद को तैयार करने के लिए ऊर्जा का उत्पादन करना पड़ता है, इसलिए शरीर कोर्टिसोल, ग्रोथ हार्मोन और कैटेकोलामाइन जैसे हार्मोन release करता है।
ये हार्मोन्स लिवर द्वारा रक्त में शर्करा को बढ़ाने में सहायक होते है। ब्लड शुगर में इस वृद्धि को नियंत्रित करने का कार्य इन्सुलिन का होता है जो इसे ऊर्जा में बदलने में सहायक होता है।
लेकिन ये हार्मोन्स भी इंसुलिन के उत्पादन में बाधा डालते है और इन्सुलिन के कार्य में प्रतिरोधक बनते है।
मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति का इंसुलिन उत्पादन पर उचित नियंत्रण नहीं होता है। इससे सुबह के समय रक्त शर्करा के स्तर में असामान्य वृद्धि होती है। इसे आमतौर पर भोर की घटना (द डॉन फेनोमेनन:) कहा जाता है।
दूसरा – सोमोगी फेनोमेनन ( सोम्योगी फिनोमिनन ):
सुबह के समय रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि का एक और गंभीर प्रभाव सोमोगी प्रभाव है। इसे रीबाउंड हाइपरग्लेसेमिया के रूप में भी जाना जाता है।
अक्सर, मधुमेह के रोगियों में, रात में नींद के बीच में शरीर में रक्त शर्करा का स्तर काफी कम हो सकता है। यह शरीर पर काफी अधिक हानिकारक प्रभाव डाल सकता है।
ऐसी स्थिति से आपके शरीर को बचाने के लिए कोर्टिसोल, कैटेकोलामाइन, ग्लूकागन, एपिनेफ्रीन और ग्रोथ हार्मोन जैसे हार्मोन शरीर द्वारा रिलीज होते हैं।
ये हार्मोन लिवर को पहले से संग्रहीत ग्लूकोज की मात्रा को सामान्य से अधिक मात्रा में छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं ताकि खतरनाक रूप से कम हो चुकी ब्लड शुगर की भरपाई की जा सके।
एक मधुमेह रोगी में, लिवर रक्त को छोड़ता है, और रक्त शर्करा के स्तर पर नियंत्रण रखने के कार्य इन्सुलिन का होता है जो सही से कार्य नहीं कर रहा होता ।
इसलिए, रक्त में शर्करा की मात्रा अधिक हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप दिन के शुरुआती घंटों में ये सुबह के समय रक्त शर्करा की मात्रा अधिक होती है।
सुबह 3 से 8 के बीच में होने वाले ब्लड शुगर के इस बदलाव को कैसे रोकें या ठीक करें ?
Jagran.com के एक लेख में डॉ बजाज के अनुसार “डॉन फिनोमिनन के अलावा सुबह-सुबह की हाई शुगर सोम्योगी फिनोमिनन के कारण भी हो सकती है जिसमें रात को ज्यादा दवाई की डोज लेने या कम खाना खाने से सुबह 3 बजे के शुगर अचानक कम हो जाती है और इससे लड़ने के लिए शरीर जब प्रतिक्रिया करता है तो सुबह-सुबह शुगर हाई हो जाती है। डॉन फिनोमिनन और सोम्योगी फिनोमिनन में अंतर लाने के लिए 3 बजे की शुगर जांचनी चाहिए। अगर उस समय शुगर हाई है, तो आपका सुबह का शुगर डॉन फिनोमिनन की वजह से ज़्यादा है और 3 बजे शुगर कम है, तो सोम्योगी फिनोमिनन की वजह से शुगर ज़्यादा है।”
आगे बताई गई कुछ बातों का ध्यान रखने पर इस बदलाव के कारण होने वाली स्वास्थ्य सम्बंदि समस्याओ से अपने आप को बचा सकते है
- अपने ब्लड शुगर की नियमित जाँच करे और इसका रिकॉर्ड भी रखे।
- अपनी डायबिटीज की दवा का सही समय और सही मात्रा में सेवन करे।
- डायबिटीज में किये जाने वाले परहेज का सही से पालन करे।
- रात के भोजन में कार्बोहाइड्रेट वाले भोजन का सेवन न करें।
- डायबिटीज के मरीज सुबह 3 से 8 के बीच होने वाले इन दोनों प्रभावों के बारे में जानकारी एकत्रित करे और अपने डॉक्टर से इस बारे में जानकारी ले और उसे शुगर की जाँच के रिकॉर्ड भी दिखाए ताकि वह उनके आधार पर आपकी डायबिटीज की दवा में या उसके समय में आवश्यकता अनुसार बदलाव कर सके |

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