दालचीनी का तेल (Daalchini Ka Tel ) – दालचीनी का उपयोग भोजन में सुगंध व स्वाद लाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, इसका उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है क्योंकि इसे स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता है। वहीं, दालचीनी की तरह ही कई शारीरिक समस्याओं में इससे बनने वाले तेल यानी दालचीनी के तेल का उपयोग भी फायदेमंद माना जाता है।
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दालचीनी का तेल | Daalchini Ka Tel | Dalchini Ka Tel
दालचीनी के पेड़ की छाल, पत्ते और जड़ तीनो से 3 किस्म का तेल निकलता है। इनमे दालचीनी की छाल का तेल उत्तम माना जाता है। दालचीनी के तेल को cinnamon oil भी कहता है। यह तेल आपको किसी भी आयुर्वेदिक मेडिसिन वाले के यहां से आसानी से मिल जायगा।
दालचीनी का तेल नया होने पर पीलापन लिए हुए और पुराना होने पर लालिमा लिए हुए पीला हो जाता है। दालचीनी का तेल भारी (गरिष्ठ ) होता है और पानी में डूब जाता है। यह वेदनास्थापक, व्रणशोधक तथा व्रणरोपण है। औषधि के रूप में इसका बहुत उपयोग होता है।
दालचीनी की तासीर | Dalchini Ki Tasir
दालचीनी की तासीर गर्म होती है ।
दालचीनी के तेल के फायदे | Dalchini Ke Tel Ke Fayde
दालचीनी के तेल का प्रयोग अनेको रोगो में फायदेमंद होता है जैसे :-
- दर्द दूर करने,
- घाव और सूजन को समाप्त करने,
- त्वचा की खुजली को भी खत्म करने के साथ,
- दांतों के दर्द को दूर करने के लिए,
- दालचीनी मुखशुद्धि और कण्ठशुद्धि करती है इसलिए मुंह से बदबू आने की समस्या में दालचीनी को मुंह में रखकर चूसना काफी फायदेमंद सिद्ध होता है |
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दालचीनी के नुकसान
- दालचीनी की तासीर गर्म होती है इसलिए गर्म प्रकृति वाले इसका उपयोग खूब सावधानी से कर
- दालचीनी के तेल की अत्यधिक मात्रा विषतुल्य होती है।
- दालचीनी का तेल या अर्क अत्यंत उग्र होता है इसलिए इसे आँखों पर नहीं लगने देना चाहिए।
- संवेदनशील त्वचा पर दालचीनी के तेल का इस्तेमाल जलन और रैशेज का कारण भी बन सकता है।
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दालचीनी के तेल के प्रयोग और दालचीनी के नुकसान जानने के बाद अब नीचे जानिए दालचीनी का तेल किस प्रकार और किस-२ बीमारी में इस्तेमाल किया जा सकता है
दालचीनी के तेल के औषधीय उपयोग
- दालचीनी का तेल २-३ बुँदे एक कप पानी में मिला कर देने से इन्फ्लुएंजा, जिहवास्तंभन, ग्रहणी, अंतर्षुल, हिचकी, उलटी वगेहरा में लाभ होता है।
- दालचीनी का तेल या अर्क लेने से उदरशूल मिटता है।
- दालचीनी तेल या काढ़ा लेने से कष्टत्व में लाभ होता है।
- दालचीनी पानी में पीसकर, गर्म करके कनपटी पर लेप करने से अथवा दालचीनी का तेल या अर्क लगाने से सर्दी के कारण होने वाला सिरदर्द मिटता है।
- दालचीनी का तेल वातविकार पर मलने से फायदा करता है।
- दालचीनी के तेल या अर्क वाला रुई का फाहा दुखती दाढ़ पर रखने से राहत मिलती है।
- दालचीनी के तेल को तिल के तेल के साथ मिलाकर हैजे में या अन्य प्रकार के बेहोशी में ( शरीर क्षीण हो जाने या शीतल (ठंडा) हो जाने पर ) मलने से गर्मी आती है और बेहोशी दूर होती है।
- त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए दालचीनी के तेल का इस्तेमाल हर्बल साबुन और क्रीम में किया जाता है।
- अरोमाथेरेपी ( एक प्राकृतिक उपचार पद्धति है जिसमे प्राकृतिक पौधों के अर्क या तेल का उपयोग करते है।) के लिए दालचीनी के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- एक गिलास गुनगुने पानी में इसके तेल की कुछ बूंदों का इस्तेमाल कर कुल्ला (Mouthwash) करने से मुँह की दुर्गन्ध दूर करने में को दूर करने में काफी फायदेमंद होता है |
- दालचीनी के तेल का इस्तेमाल कई परफ्यूम में भी किया जाता है।
- दालचीनी तेल जोड़ों में दर्द के कारण होने वाली परेशानी को दूर करने में काफी फायदेमंद होता है।
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सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। हम इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करते |
हम उम्मीद करते है की इस लेख में दालचीनी का तेल (Daalchini Ka Tel ), दालचीनी का तेल किस प्रकार और किस-2 बीमारी में इस्तेमाल किया जा सकता है, आदि विषयो पर दी गई यह जानकारी आपके लिए उपयोगी रहेगी।
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