बाजरे की तासीर || बाजरा खाने के फायदे और नुकसान

Millet || बाजरे की तासीर || बाजरा खाने के फायदे और नुकसान || Bajre ke Fayde Aur Nuksan

बाजरा भारत के ग्रामीण इलाकों में खाया जाने वाला मुख्य अनाज है | बाजरे की तासीर (Bajra Ki Taseer) गर्म होती है| बाजरे के व्यंजन या बाजरे की रोटी पंजाब, कच्छ, उत्तरी गुजरात, सौराष्ट, राजस्थान से लेकर बिहार तक खूब खाई जाती है और यह कई तरह की बीमारियों से शरीर का बचाव भी करती है | अलग-२ रोगो में बाजरा खाने के फायदे (Bajra Khane Ke Fayde) जान कर आप भी हैरान रह जायेंगे | साथ ही बाजरा खाने के नुकसान (Bajra Khane Ke Nuksan) भी जानना अत्यंत आवश्यक है |

बाजरा खाने के फायदे | Bajra Khane ke Fayde

  1. अच्छे पाचन क्रिया के लिए बाजरा (Millet) के फायदे
  2. अस्थमा की रोकथाम करे बाजरा (Millet)
  3. कोलेस्ट्रॉल कन्ट्रोल करने में सहायक बाजरा (Millet)
  4. डीटॉक्स करने में सहायक बाजरा (Millet)
  5. मधुमेह रोकने में सहायक बाजरा (Millet)
  6. कैंसर की रोकथाम करे बाजरा (Millet)
  7. एनीमिया में बाजरा (Millet) के फायदे
  8. सेलियाक फ्रेंडली (Celiac Friendly) बाजरा (Millet)
  9. बॉडी-टिशू (Body Tissue)को रिपेयर करने में मदद करता है बाजरा (Millet)
  10. पित्ताशय की पथरी को रोकता बाजरा (Millet)
  11. बाजरा सेवन सम्बंधी सावधानियां या बाजरा (Millet) के नुकसान

आइये जानते है बाजरा (Millet) खाने से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में डिटेल में

अच्छे पाचन क्रिया के लिए बाजरे के फायदे (Bajra ke Fayde)

पाचन क्रिया का खराब होने से हमारा शरीर कई बिमारिओ का घर बन सकता है | पाचन क्रिया के खराब होने से हमारा शरीर भोजन में मौजूद पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं कर पाता | बाजरा फाइबर का एक अच्छा स्रोत्र है | बाजरे में मौजूद फाइबर डायरिया और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जैसी बीमारियों को ठीक करने में काफी लाभदायक साबित होता है । नियमित रूप से बाजरे का सेवन करने से पेट को स्वस्थ बनाए रखने और पेप्टिक अल्सर (peptic ulcer)और पेट के कैंसर को रोकने में मदद मिलेगी ।

अस्थमा की रोकथाम करे बाजरा (Millet)

बाजरे में मौजूद पौष्टिक तत्व इसे अस्थमा के रोगियों के लिए फायदेमंद अनाज बनाते है । बाजरा में अस्थमा के प्रभाव को कम करने और इसे रोकने के लिए फायदेमंद हो सकता हैं ।

कोलेस्ट्रॉल कन्ट्रोल करने में सहायक बाजरा (Millet)

बाजरे में मौजूद फाइबर हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मददगार साबित होता है | शरीर में बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल धमनियों को बंद करने का कारण बनता है जिसे रोकने का सबसे अच्छा तरीका बाजरे का सेवन करना । बाजरे में मौजूद फाइबर अक्सर शरीर में सफाई का संचालन करता है और बुरे कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) से छुटकारा पाने में मदद करता है ।

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डीटॉक्स करने में सहायक बाजरा (Millet)

हाल ही में किये गए अध्ययनों से पता चलता है की रक्त में मौजूद विषाक्त पदार्थ यानि विषाक्त रक्त शरीर को बहुत बीमार बना सकता है | शरीर और रक्त को विषाक्त पदार्थो से मुक्त करते रहना चाहिए क्योंकि शरीर में हर दिन भोजन, वायु आदि के जरिये विषाक्त पदार्थ जमा होते रहते है | बाजरा में क्वेरसेटिन (Quercetin) जैसे कैटेचिन (catechins) होते हैं जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर किडनी और लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं ।

शुगर में बाजरे की रोटी या बाजरे के व्यंजन

बाजरा में अच्छी मात्रा में मैग्नीशियम होता है जो शरीर को इंसुलिन का कुशलता से उपयोग करने में मदद करता है और मधुमेह (diabetes) की बीमारी को रोकने में सहायक होता है | यह पाया गया है कि जो लोग बाजरे के व्यंजन या बाजरे की रोटी को अपने आहार में शामिल करते है, उन्हें शुगर यानि मधुमेह (diabetes) की बीमारी होने की संभावना कम होती है ।

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कैंसर की रोकथाम करे बाजरा (Millet)

बाजरा एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर अनाज है जिसमें शरीर में कैंसर पैदा होने वाली कोशिकाओं से बचाव के के लिए आवश्यक क्वेरसेटिन (quercetin),सेलेनियम (selenium)और पैंटोथेनिक एसिड (pantothenic acid) होता है जो शरीर की कैंसर रक्षा करता है |
कुछ अध्ययनों में पाया गया की जो महिलाएं प्रतिदिन भोजन के माध्यम से 30% से अधिक फाइबर का सेवन करती हैं, उनमे स्तन कैंसर होने की सम्भावना न के बराबर होती है ।

एनीमिया में बाजरा (Millet) के फायदे

एनीमिया यानि शरीर में खून की कमी को को दूर करने या उससे बचाव के लिए बाजरा आश्चर्यजनक रूप से प्रभावशाली है | इसमें मौजूद फोलिक एसिड, फोलेट और आयरन यानि लौह, लाल रक्त कोशिकाओं (Blood Cells) के निर्माण में महत्वपूर्ण घटक हैं और शरीर में हीमोग्लोबिन के पर्याप्त स्तर तक बनाए रखने में मदद करते हैं । बाजरा तांबे (copper)का एक अच्छा स्रोत है जो लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने में सहायक होता है।

सेलियाक फ्रेंडली (Celiac Friendly) बाजरा (Millet)

ज्यादातर अनाजों में ग्लूटेन नामक प्रोटीन होता है और सीलिएक रोग से पीड़ित लोगों ग्लूटेन नामक प्रोटीन से एलर्जी होती है । वे ग्लूटेन नामक प्रोटीन को पचा नहीं पाते हैं जिस कारण वह गेहूं जैसे ग्लूटेन युक्त अनाजों का उपभोग नहीं कर सकते । बाजरा, ग्लूटेन मुक्त विकल्प होने के नाते उनकी आवश्यकताओं को पूरा करता है ।

बॉडी-टिशू (Body Tissue)को रिपेयर करने में मदद करता है बाजरा (Millet)

बाजरा फास्फोरस नामक खनिज से भरपूर होता है | फास्फोरस (Phosphorus) वह खनिज है जो शरीर में कोशिकाओं की संरचना बनाने में मदद करता है, हड्डियों के लिए लाभदायक होता है और अणुओं को जोड़ता है साथ ही शरीर के लिए ऊर्जा का स्रोत हैं । इन सभी कार्यों को करने के लिए शरीर को आवश्यक फास्फोरस की पूर्ति बाजरे के सेवन से आसानी से हो सकती है |

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पित्ताशय की पथरी को रोकता बाजरा (Millet)

बहुत सारे शोध हैं जो दिखाते हैं कि बाजरा और इसी तरह के अन्य फाइबर के सेवन से पित्त पथरी के जोखिम को कम करने में मदद मिली । यह पित्त एसिड (bile acid) के स्राव को भी कम करता है, जिसे पित्त पथरी (gallstones) का कारण माना जाता है।

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बाजरा सेवन सम्बंधी सावधानियां या बाजरा (Millet) खाने के नुकसान | Bajra Khane Ke Nuksan

  1. बाजरे की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका गर्मियों में सेवन नहीं करना चाहिए |
  2. जो लोग गुर्दे और आमवाती (Rheumatic Diseases) के रोग से पीड़ित होते है उन्हें बाजरे के सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए क्योकि बाजरे के ज्यादा सेवन से शरीर में उच्च यूरिक एसिड जमा होने का खतरा हो सकता है |
  3. बाजरा ज्यादा भारी अनाज होता है इसका सेवन करने से पेट की परेशानिया हो सकती है इसलिए उचित मात्रा में ही इसका सेवन करना चाहिए |

बाजरा की तासीर क्या होती है?

बाजरे की तासीर (Bajra Ki Taseer) गर्म होती है | 

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