लहसुन के फायदे, विभिन्न रोगों में उपयोग की विधि

विभिन्न रोगों में लहसुन का उपयोग की विधि (Lahsun Ka Upyog) आयुर्वेदा के अनुसार लहसुन अमृत के समान गुणकारी होता है। इसमें वे सभी विटामिन और खनिज तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाता है जो शरीर को स्वास्थ्य और शक्ति प्रदान करते है। बहुत से लोग इसके कुछ फायदों के बारे में तो जानते है लेकिन वे अलग-२ रोगो में लहसुन का उपयोग किस तरह से करना चाहिए, इसकी जानकारी उन्हें नहीं होती। आइये जानते है इस बारे में :-

विभिन्न रोगों में लहसुन का उपयोग | Lahsun Ka Upyog

आयुर्वेदा में लहसुन का उपयोग बहुत से रोगो को दूर करने में वर्षो से किया जाता रहा है। यह शरीर की पाचन क्रिया को मजबूत बनाने, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने, वजन घटाने से लेकर पेट के कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर आदि जैसे समस्यो में फायदेमंद होता है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और गैस और कब्ज जैसी समस्याओ में भी एक चमत्कारी औषधि की तरह कार्य करता है।

लहसुन खाने के फायदे

लहसुन किन-२ रोगो में फायदेमंद होता है और अलग-२ रोगो में इसका उपयोग कैसे किया जाता है, इसकी जानकारी आपको इस लेख में मिल जाएगी। साथ ही लहसुन के बारे में कुछ उपयोगी जानकारी भी यहां पर आपके लिए हम ले कर आये है। जिस भी बारे में आपको जानकारी चाहिए आप नीचे दी गई लिस्ट में उस टॉपिक पर क्लिक करके जा सकते है।

Table of Contents

आयुर्वेदा का अनुसार लहसुन क्या है ? | What is Garlic in Hindi

धरती पर अमृततुल्य सिर्फ एक वस्तु है और वह है लहसुन ( Garlic in Hindi )। लहसुन का प्रयोग प्राचीन काल से हो रहा है। पूरी दुनिया में लहसुन का प्रयोग सदियों से सब्जी, मसाले या चटनी के रूप में होता आया है। इसके अंदर एलियम नामक एंटीबायोटिक होता है जो कई लोगों में लाभप्रद है।

आयुर्वेद के अनुसार लहसुन पौष्टिक, वीर्यवर्धक, स्निग्ध, गरम, पाचक, दस्तावर, पाक तथा रस में कटु और मधुर है।

लहसुन के लाभ | Garlic in Hindi

भग्य स्थान को जोड़ने वाला, कंठ शोधक, भारी, पित्त व रुधिर (ब्लड) को बढ़ाने वाला, बल, वर्ण के लिए श्रेष्ट, नेत्रों को सुखदायक, मेघा के लिए हितकारी और एक प्रकार का रसायन है। यह हृदय रोग, जीर्ण ज्वर, पार्श्व शूल, वायु गोला, खांसी, सूजन, बवासीर, कोढ़, मंदाग्नि, कृमि वाट, श्वास और कफ को नष्ट करने वाला होता है। पुरुष में शुक्र और ओज को बढ़ाता है तथा नारी के लिए संतान प्रति और आयु बढ़ाने वाला होता है।

लहसुन की जानकारी | Garlic in Hindi

लहसुन एक द्विवर्षीय पौधा है जिसमें हर दूसरे साल फूल व बीज बनते हैं। प्याज के ही परिवार के सदस्य लहसुन की जड़ रेशेदार, तना बहुत पतला व चपटा तथा पत्तियां गूदे दार होती हैं व इन्ही गूदे दार और चपटी हरी पत्तियों के नीचे लहसुन की गांठ निकलती है, जिसमें करीब 20 से 30 छोटी गांठे या कलियां, सफेद आवरण द्वारा एक दूसरे से बंधी दिखाई पड़ती हैं।

हर कली (पुती) के चारों ओर भी सफेद शंख नुमा आवरण मिला है। लहसुन को उगाने के लिए खनिज पदार्थों से युक्त मिट्टी के अतिरिक्त ठंडा मौसम चाहिए।

विभिन्न भाषाओ में लहसुन के नाम | Garlic in Hindi

इसे संस्कृत में रसोन, हिंदी में लहसुन, मराठी में लसुन, गुजराती में लसन, बांग्ला में रशुन, तेलुगु में तल्लुल्ली, तमिल में बेलोइ पुंडु, कन्नड़ में बेलुललि, फारसी में सीर तथा अंग्रेजी में गार्लिक रूट कहते है। इसका लैटिन नाम एलियम सटाईवम है।

लहसुन की तासीर | Lehsun ki Taseer

यह गर्म प्रकृति का होता है, जिसका मतलब है की लहसुन की तासीर गर्म होती है इसलिए गर्मियों के मौसम में इसका अधिक सेवन करने से बचना चाहिए | इतना ही नहीं लहसुन की तासीर गर्म होने के कारण यह नपुसंकता दूर करने की यह एक उत्तम औषधि है।

लहसुन के पौष्टिक तत्व | Nutritional Value of Garlic in Hindi

लहसुन में प्रोटीन 6.3 प्रतिशत, शर्करा 30% व तेल 0.1% होता है | इसके साथ ही लोहा, कैल्शियम, विटामिन ‘बी’, विटामिन ‘सी’ तथा थाइमन, नियासिन, राइबोफ्लेविन आदि तत्व भी पाए जाते हैं |

लहसुन का उपयोग और फायदे | Uses and Health Benefits of Garlic in Hindi

हृदय संबंधी रोगों में लहसुन रामबाण माना जाता है। लहसुन खाने से रक्तदाब कम हो जाता है। इसके सेवन से जुकाम और सर्दी सही होती है। गठिया जैसे रोग में लहसुन ( Garlic in Hindi ) अत्यंत लाभदायक है। लहसुन दुर्बलय को नष्ट करता है, शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करके चर्बी और प्रोटीन को घुलनशील बनाता है।

अपने गुणों के कारण लहसुन विभिन्न प्रकार के रोगों में दवा के रूप में भी लाभकारी है। इसका सेवन शीत ऋतु में अवश्य करना चाहिए। शीत और बसंत ऋतु में कफ का शमन करने के लिए और वर्षा काल में वात का शमन करने के लिए लहसुन का सेवन करना चाहिए। पित्त का शमन करने हेतु मिश्री के साथ, कफ का शमन करने हेतु शहद के साथ तथा वात का शमन करने के लिए देसी घी के साथ इसका सेवन करना चाहिए। इसके अद्भुत गुणों के कारण आयुर्वेदाचार्यो ने इसे यौवन प्रदाता की उपाधि प्रदान की है।

लहसुन Uses and Health Benefits of Garlic in Hindi

आवश्यक सुचना :- विभिन्न रोगों में आराम पाने के लिए आगे बताये गए लहसुन के प्रयोग की विधि और मात्रा के अनुसार चिकित्सक या वैद्य की सलाह से ही समस्या का उपचार करे। चिकित्सक या वैद्य की सलाह के बगैर इन विधिओ का उपयोग करना नुकसानदायक हो सकता है।

विभिन्न रोगों में लहसुन के फायदे और लहसुन उपयोग करने की विधि इस प्रकार है:-

चेहरे व मुख के रोगों में लहसुन के फायदे और लहसुन का उपयोग की विधि || Uses and Benefits of Garlic in Hindi

मुहांसों में लहसुन के फायदे

अगर आप भी उन लोगो में से है जिन्हे कील-मुंहासे की समस्या परेशान किये रहती है और अगर किसी तरह से कील मुहासे ठीक भी हो जाये तो वह अपने दाग आपके चेहरे पर छोड़ जाते है तो आपके लिए लहसुन काफी फायदेमंद सिद्ध हो सकता है।

लहसुन खाने के फायदों में एक फायदा खून साफ़ करने का भी है जो की मुहासों का एक कारण भी होता है, इसलिए लहसुन खाने से और इसका लेप लगाने से मुंहासे दूर हो जाते हैं व इनका दाग तक नहीं रहता।

दंत रोग में लहसुन फायदे

दांत के रोगो जैसे पायरिया, मसूड़ों में सूजन, दर्द व दातों की दुर्गंध आदि में भी लहसुन फायदेमंद हो सकता है। लहसुन के रस और शहद के इस्तेमाल से आप इन रोगोको अपने से दूर रख सकते है। इसके लिए 10 ग्राम शहद में 15 से 20 बूंदे लहसुन का रस मिलाकर चाटने से पायरिया, मसूड़ों में सूजन, दर्द व दातों की दुर्गंध दूर हो जाती है।

पेट के रोगों में लहसुन के उपयोग की विधि || Uses and Benefits of Garlic in Hindi

पेट की बीमारीओं में लहसुन काफी फायदेमंद सिद्ध हो सकता है। लहसुन खाने के फायदे इसे पाचन क्रिया को स्ट्रांग बनाने में काफी कारगर हो सकते है।

वजन घटाने के लिए लहसुन के फायदे

मोटापा यानि बढ़ते हुए वजन से सभी परेशान रहते है और हो भी क्यों न यह है ही बीमारीओं की जड़। अगर आप भी अपना वजन कम करना चाहते है तो रोजाना खाली पेट लहसुन खाने के फायदे आपकी सहायता कर सकते है। प्रतिदिन खाली पेट लहसुन की 1-2 कलियाँ पानी के साथ सेवन करे, फायदा होगा।

उदर क्रीमी यानी पेट के कीड़े में लहसुन के फायदे

लहसुन में कृमिनाशक गुण भी पाए जाते है जो न सिर्फ पेट के क्रिमीओ (कीड़ो ) को नष्ट करने में सहायक होते है बल्कि आंतो में पैदा होने वाले कृमि को भी नष्ट कर सकते है। अगर सही विधि से लहसुन का उपयोग किया जाये शरीर के क्रिमीओ को नष्ट करने में लहसुन के फायदे हैरान करने वाला असर प्रदान करते है।

  • लहसुन का आधा चम्मच रस, थोड़ी छाछ में मिलाकर पीने से पेट के कीड़े नष्ट होते हैं।
  • लहसुन की 5 से 6 कलियां छीलकर काट ले। 15 से 20 मुनक्के या शहद के साथ दिन में 3 बार खाने से 3 से 4 दिन के अंदर पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं।

आंत्रकृमि में लहसुन के उपयोग (Lahsun Ke Upyog)

आंतों में बस गए कीड़ों को नष्ट करने के लिए लहसुन का टींचर, दूध के साथ 10-20 बूंदे खाली पेट पिलाने से आंत्र के कृमि नष्ट होते हैं।

पेट का कैंसर में लहसुन के फायदे

लहसुन में एंटी-कैंसर गुण पाए जाते है जो कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकते है। अगर किसी को भी पेट में कैंसर की समस्या हो गई हो तो वह लहसुन की कली पानी में पीसकर, रोजाना सुबह खाली पेट पीता रहे तो पेट का कैंसर भी ठीक हो सकता है तथा जलोदर रोग ठीक हो जाता है।

उदर शूल यानि पेट दर्द में लहसुन के फायदे और उपयोग की विधि

लहसुन के फायदे पेट दर्द को दूर करने में भी कारगर होते है। आगे बताये गए २ तरीको से लहसुन का इस्तेमाल करके आप पेट दर्द से छुटकारा पा सकता है।

  • देसी घी के साथ लहसुन पीसकर खाने से उदरशूल यानि पेट का दर्द ठीक हो जाता है।
  • नमक मिला लहसुन का रस पिलाने से भी पेट दर्द में आराम मिलता है।

वायु विकार में लहसुन

आयुर्वेदा के अनुसार हमारे शरीर में वायु विकार के कारण ही सबसे अधिक रोग शरीर को जकड़ते है। लहसुन वायु का नाश करने वाली सबसे बढ़िया औषधि है। आगे बताये गए 2 तरीको से लहसुन का उपयोग करके आप वायु विकारो से छुटकारा पा सकते है।

  • ठंडे पानी में 5 बूंदे लहसुन का रस मिलाकर पीने से आराम मिलता है।
  • प्रातः 5 से 6 कलियां पानी के साथ पीने से भी वायु विकार दूर होते हैं।

कान के रोगों में लहसुन के उपयोग की विधि | Uses and Benefits of Garlic in Hindi

कान बहना का इलाज है लहसुन वाला तेल

10 ग्राम लहसुन, 6 ग्राम सिंदूर पीसकर, 2 ग्राम सरसों के तेल में पका लें। तेल आधा रह जाए तो छानकर शीशी में कर रख ले। दो से तीन बूंदे यह दिन में तीन बार कान में डालने से कान बहना रुक जाता है तथा आवाज होना व खुजली आदि रोग दूर होते हैं।

कान के दर्द में लहसुन

लहसुन पीसकर सरसों या तिल के तेल में अच्छे से पका लें। दो बूंद एक कान में डालने से कान का दर्द दूर होता है व कान में अगर कोई घाव हो गया हो तो वह भी ठीक हो जाता है। साथ ही इससे बहरापन भी दूर करने में सहायता मिलती है।

लहसुन

चर्म रोग यानी स्किन रोग में लहसुन के उपयोग की विधि | Uses and Benefits of Garlic in Hindi

स्किन के रोगो जैसे दाद, खाज , खुजली और बालों में रुसी, गंजापन आदि में भी लहसुन के फायदे काफी कारगर होते है। आइये जानते है इन रोगो में लहसुन के उपयोग की विधि :-

लहसुन से दाद खाज खुजली कैसे ठीक करें?

लहसुन से दाद का उपचार
  • पुराने लहसुन का रस, दिन में दो से तीन बार लगाने से दाद में शीघ्र लाभ होता है।
  • लहसुन को जलाकर उसकी भस्म मिलाकर दाद पर लगाने से भी दाद मिट जाते हैं।
खुजली में लहसुन का प्रयोग

लहसुन का लेप लगाने से खुजली नष्ट हो जाती है।

बालों में रूसी

लहसुन की दो से 4 कलियां पीसकर बालों में लगाएं। कुछ ही दिनों में रूसी की समस्या दूर हो जायगी।

गंजापन में लहसुन का प्रयोग

गंजेपन वे जगह पर कुछ दिनों तक दिन में दो बार लहसुन का रस लगाकर, सूखने दें। 2 से 3 महीने तक ऐसा करने से गंजे स्थान पर बाल उग जाएंगे।

स्त्री रोग में लहसुन के प्रयोग की विधि | महिलाओं के लिए लहसुन लाभ | Uses and Benefits of Garlic in Hindi

मासिक धर्म विकार

एक तोला लहसुन व 6 माशे गाजर के बीज, कूटकर 500 ग्राम पानी में चौथाई पानी रहने तक उबालें और 30 ग्राम पुराना गुड़ मिलाकर पिलाएं, मासिक धर्म खुलकर हो जाएगा।


पुरुषों के लिए लहसुन लाभ | Uses and Benefits of Garlic in Hindi

यौन-शक्ति के लिए लहसुन

भागदौड़ भरी जिंदगी और बढ़ते तनाव के कारण लोगो में यौन शक्ति काम होती जा रही है। ऐसे में लहसुन पीसकर खाने के फायदे उनके जीवन में खुशिया और उमंग भर सकते है। लहसुन, लहसुन वाला तेल और लहसुन का रस इस कमजोरी को दूर करने में काफी फायदेमंद सिद्ध हो सकता है। इसके लिए:-

दो चम्मच कच्चे आंवले के रस के साथ दो कली लहसुन पीसकर खाने से स्त्री-पुरुष दोनों को लाभ होता है। दोनों की योन शक्ति बढ़ती है |

शरीर की कमजोरी में लहसुन का उपयोग

लहसुन वाला दूध शरीर की कमजोरी को दूर करने के साथ-२ बहुत से रोगो में भी फायदेमंद होता है। एक से दो कली लहसुन पीसकर, आधा पाव दूध में उबालकर पीने से लाभ होता है।

शुक्र दोष में लहसुन

गुनगुने दूध में दो कली पीसा लहसुन लेने से शुक्र तरल नहीं होता।

अन्य रोगों में लहसुन के उपयोग की विधि | Uses and Benefits of Garlic in Hindi

सर्दी-खासी में लहसुन

रोग-प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने के कारण बहुत से लोगो को सर्दी-जुकाम बड़ी आसानी से अपना शिकार बना लेता है। ऐसे में शरीर के अंदर रोगो से लड़ने की क्षमता को बढ़ाकर, आप अपने आप को इस बीमारी से बहुत हद तक बचा सकते है और इस काम में लहसुन आपकी मदद कर सकता है।

लहसुन का नियमित सेवन करे और सर्दी-जुकाम होने पर लहसुन की कलियां काटकर, सरसों के तेल में पकाएं तथा कंठ तथा कनपटी पर लगाएं। दो से तीन बार में ही सर्दी-जुकाम में आराम आ जाएगा।

घाव होने पर लहसुन

एक भाग लहसुन का रस, 3 भाग पानी मिलाकर घाव को धो ले। लहसुन को पीसकर, घाव पर लगाकर बांधे, इससे घाव शीघ्र ठीक हो जाता है और दर्द भी दूर होता है।

काली खांसी में लहसुन

  • 5 से 6 बूंदे लहसुन का रस, दिन में 3 से 4 बार लेने से काफी फायदा होता है।
  • 5 से 6 बादाम रात को पानी में भिगोकर रख दें। सुबह-सुबह छीलकर, लहसुन की एक कली में मिलाकर, इसको खिलाए। कुछ दिनों में भयंकर काली खांसी भी ठीक हो जाती है।

विषैले कीटों के काटने पर लहसुन

विषैले कीड़ो के काटने पर कटे गए स्थान पर जलन पैदा हो सकती है साथ ही शरीर में विष फैलने के खतरा रहता है। स्थिति खतरनाक न हो इसलिए लहसुन के लेप करना फायदेमंद हो सकता है। लहसुन को पीसकर, त्वचा पर लेप करने से, कीड़े के काटने व डंक की जलन ठीक हो जाती है।

बिच्छू दंश में लहसुन

  • काटे हुए स्थान पर आमचूर, लहसुन पीसकर लगाएं।
  • लहसुन को पीसकर लेप लगाने तथा 25 ग्राम लहसुन का रस 25 ग्राम शहद मिलाकर खिलाए। इससे विष का असर नष्ट हो जाएगा।

मिर्गी में लहसुन

लहसुन वाला दूध मिर्गी के रोग को दूर करने में काफी फायदेमंद होता है लेकिन इस रोग के उपचार के लिए इसका प्रयोग अपने चिकित्सक या वैद्य की सलाह से ही करे। लहसुन दूध के लिए लहसुन की कलियां, दूध में उबालकर रोग की दशा के अनुसार लंबे समय तक पिलाने से मिर्गी रोग दूर हो जाता है।

तीर्व ज्वर में लहसुन

लहसुन की कलियां कूट कर, उसमें जरा सा पानी मिलाकर, सूती कपड़े में पोटली बनाकर सुंघाए और रस पिलाएं। ज्वर उतर जाएगा।

हार्ट अटैक में लहसुन का उपयोग

लहसुन दिल की बीमारी जैसे हार्ट अटैक, नसों का सख्त होना आदि में काफी फायदेमंद होता है। इसके सेवन से रक्त संचरण में सुधार लाने और खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायता मिलती है। इसके नियमित सेवन से दिल का दौरा यानि हार्ट अटैक पड़ने की संभावना बहुत कम हो जाती है।

इतना ही नहीं जैसे ही दिल का दौरा पड़ने लगे, 5-6 कलिया चबा कर खा जाए। इससे दिल के दौरे का प्रभाव खत्म हो जाएगा। बाद में दूध में लहसुन उबालकर दे, जिससे दिल पर वायु का दबाव कम हो जाता है।

लकवा में लहसुन का उपयोग

25 ग्राम लहसुन की कलियां पीसकर 500 ग्राम गाय के दूध में पकाएं और स्वाद के अनुसार मिश्री मिलाकर, थोड़ा गाढ़ा करें। ठंडा होने पर रोगी को खिलाएं। 40 दिनों तक इसका सेवन करने से लकवा रोग ठीक हो जाता है।

आधे हिस्से का लकवा में लहसुन

100 ग्राम लहसुन का रस, आधा लीटर सरसों के तेल में पकाएं। जब लहसुन का रस जल जाए, तब तेल को ठंडा करके शीशी में भरकर रख लें। बंद कमरे में सुबह-शाम इस तेल की मालिश करें।

सुबह शाम बिना दूध की चाय बनाकर, उसमें 3 ग्राम लहसुन का रस और चीनी व शहद मिलाकर पिए। 5 से 6 दिनों के सेवन से ही शरीर के आधे हिस्से का लकवा सही हो जाता है।

नाख़ून मजबूत और चमकदार बनाये लहसुन

कमजोर व फीके नाख़ून आपके हाथो का सौंदर्य तो बिगाड़ते ही है, साथ ही वे आपके अस्वस्थ होने को भी दर्शाते है। ऐसे में लहसुन का उपयोग किस तरह से फायदेमंद हो सकता है आइये बताते है:-

कमजोर नाखून पर लहसुन रगड़ने से नाखून मजबूत और चमकदार बनते हैं।

रक्त विकार में लहसुन का उपयोग

लहसुन हमारे खून से टॉक्सिन्स को निकलने में भी सहायक होता है। भोजन के बाद लहसुन की चार कलियां नियमित प्रयोग करने से खून साफ रहता है। लहसुन रक्त में से अवांछित तत्वों (Toxins) को निकालकर शरीर को नई शक्ति प्रदान करता है।

सिर दर्द में लहसुन का उपयोग

सिरदर्द के कई कारण होते है और यदि वायु के कारण से सिर में दर्द हो रहा हो तो एक से दो बूंदे लहसुन का रस नाक में डालकर खींचने से सिर दर्द में आराम मिलता है।

स्मरण शक्ति में वृद्धि के लिए लहसुन का उपयोग

1-2 कली लहसुन चबाकर खाने के पश्चात दूध पीने से रतौंधी, खुजली, पथरी, शारीरिक कमजोरी व याददाश्त कमजोर होने जैसी बिमारिओ के इलाज में फायदा होता है।

बच्चों की खांसी

क्या आप जानत है की आज भी गांव में छोटे बच्चो को लहसुन की माला क्यों पहनाई जाती है? इसका एक खास कारण है और वह यह है की लहसुन के इस्तेमाल से बच्चो को खांसी, कफ और साँस सम्बन्धी रोगों से बचाने का यह बहुत पुराना घरेलु नुस्खा है। इसके लिए:-

  • छोटे बच्चों को लहसुन की कलियों की माला बनाकर गले में पहनाने व छाती, गले व पीठ पर लहसुन को सरसों के तेल में उबालकर, मालिश करने से खांसी ठीक होती है ।
  • श्वास कष्ट व कफ प्रकोप में लहसुन के रस की 5-6 बूंदे शहद में मिलाकर, दिन में तीन-चार बार चाटने से फायदा होता है।

हाई बीपी में लहसुन के फायदे

  • लहसुन की कलियां धुप में सुखा कर शीशी में भर ले। 15 दिन बाद 2-2 कली खाकर, एक चम्मच शहद खाकर, ऊपर से ठंडा दूध पीने से रक्तचाप यानि ब्लड प्रेशर सामान्य जाता है, कफ का शमन होता है और श्वास कष्ट में सुकून मिलता है।
  • प्रतिदिन दो से तीन कलियां लहसुन खाने से उच्च रक्तचाप सामान्य हो जाता है।
  • लहसुन, पोदीना, जीरा, धनिया, काली मिर्च व सेंधा नमक की चटनी बनाकर रोजाना खाने से रक्तचाप सामान्य हो जाता है।

लहसुन से गठिया का इलाज | गार्लिक इन हिंदी

गठिया जैसे रोग में लहसुन से बढ़िया और कोई औषधि है ही नहीं। लहसुन, लहसुन वाला तेल और लहसुन का रस इस रोग में आराम पाने में काफी सहायक होते है |

  • सरसों के तेल में लहसुन भूनकर, मालिश करने से गठिया दर्द में आराम मिलता है।
  • गठिया के कारण मांसपेशियों में दर्द होने पर घी के साथ दो कली लहसुन पीसकर या 5 बूंदे लहसुन का रस मिलाकर प्रयोग करें।
  • 6 ग्राम लहसुन का रस, 5 ग्राम गाय के दूध में डालकर कुछ दिनों तक पीने से गठिया ठीक हो जाता है।

बेहोशी के दौरे में लहसुन का उपयोग

लहसुन व हींग एक कपड़े में बांधकर बच्चे के गले में बांधने से बेहोशी के दौरे नहीं पड़ते।

टी बी में लहसुन का उपयोग

टी बी जैसे रोग में बहुत ही लाभकारी होता है लहसुन। लहसुन वाला दूध और लहसुन का रस को टी बी का उपचार करने में इस्तेमाल में लाया जाता है। इसके लिए:-

  • लहसुन की कली, दूध में उबालकर पिलाएं।
  • लहसुर के रस में रुई की बत्ती बनाकर सूंघते रहने से फेफड़ों में जमा टीवी के रोगाणु समाप्त हो जाते हैं।

जुए दूर करे लहसुन

लहसुन पीस कर, नींबू के रस में मिलाकर, रात को सोते समय सिर पर मलकर, प्रातः सिर धोये। एक सप्ताह के प्रयोग से रोग से मुक्ति मिल जाएगी।

पीलिया में लहसुन का उपयोग

सौ ग्राम गर्म दूध में 4 से 5 कली लहसुन पीसकर मिला लें। इस दूध को पी ले। कुछ दिनों तक यह प्रयोग करने से पीलिया दूर हो जाता है।

जोड़ों का दर्द में लहसुन का उपयोग

लहसुन में मौजूद एंटी-इंफ्लामेन्ट्री और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण लहसुन को जोड़ो के दर्द को दूर करने की एक चमत्कारी औषधि बनाते है। इसके लिए:-

  • 5 कली कच्चा लहसुन प्रतिदिन खाने से जोड़ों का दर्द व सूजन खत्म हो जाती है।
  • लहसुन की कलियों को पीसकर, सरसों या तिल के तेल में पकाकर लगाने से बहुत आराम मिलता है।

अनियमित दिल की धड़कन ठीक करे लहसुन

यदि दिल की धड़कन अनियमित हो जाए या जी मिचलाने लगे तो लहसुन की चार कलियां चबाकर खा जाए, शीघ्र आराम मिलता है।

अस्थि भंग में लहसुन का उपयोग

घी में लहसुन भूनकर, हल्दी मिलाकर, दूध से सेवन करें। तेल में निवाया गर्म करके, हड्डी बिठाकर ऊपर से बाँध दे।

कुत्ते के काटने पर लहसुन का उपयोग

लहसुन पीसकर, काटे हुए स्थान पर लेप लगाएं तथा लहसुन का काढ़ा 7 दिनों तक पिलाएं। विष का प्रभाव समाप्त हो जाएगा।

आधासीसी का दर्द में लाभ दे लहसुन

  • 15 ग्राम लहसुन के रस में 500 मिलीग्राम हींग घोटकर, कपड़े में छानकर, शीशी में भर लें। दर्द उठने पर दो से तीन बूंदे उसी तरफ की नाक में डालें। 5 मिनट में दर्द मिट जाएगा।
  • दर्द के स्थान पर पीसे हुए लहसुन का लेप करें। दर्द की ओर की नाक में दो बूंदे लहसुन का रस डाले। कुछ देर बाद लेप को धो ले, क्योंकि लहसुन जलन पैदा करना शुरू कर देता है।

बवासीर में लहसुन के फायदे

लहसुन और नीम की निम्बोली दोनों को लगभग 20-20 Gram लेना है। इन्हे पीसकर 80 ग्राम गुड़ मिलाकर इसकी छोटी -2 गोलिया बना ले । आपको इस गोली को आपको सुबह और शाम रोज लेना है। इसके सेवन से मल भी आसानी से पास हो जायगा और बिलकुल दिक्कत भी नहीं आएगी।

आवश्यक सुचना :- विभिन्न रोगों में आराम पाने के लिए आगे बताये गए लहसुन (Garlic in Hindi) के प्रयोग की विधि और मात्रा के अनुसार चिकित्सक या वैद्य की सलाह से ही समस्या का उपचार करे। चिकित्सक या वैद्य की सलाह के बगैर इन विधिओ का उपयोग करना नुकसानदायक हो सकता है।

Disclaimer

हम उम्मीद करते है की विभिन्न रोगों में लहसुन का उपयोग की विधि (Lahsun Ka Upyog), आयुर्वेदा का अनुसार लहसुन क्या है (What is Garlic in Hindi), लहसुन के लाभ (Garlic in Hindi),
लहसुन की जानकारी, विभिन्न भाषाओ में लहसुन के नाम, लहसुन की तासीर (Lehsun ki Taseer), लहसुन के पौष्टिक तत्व (Nutritional Value of Garlic in Hindi), लहसुन का उपयोग और फायदे (Uses and Health Benefits of Garlic in Hindi), विषयो पर दी गई यह जानकारी आपके लिए फायदेमंद रहेगी।

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हल्दी के फायदे (Haldi Ke Fayde) - प्रत्येक व्यंजन में पीला रंग लाने वाली हल्दी को आयुर्वेदिक चिकित्सा में औषधि ...
त्रिफला चूर्ण की तासीर कैसी होती है
त्रिफला चूर्ण की तासीर कैसी होती है
आयुर्वेदा की सबसे प्रसिद्ध औषधि है त्रिफला चूर्ण (Triphala Churan)। यह अनेको रोगो को दूर करने वाली चमत्कारी औषधि है। ...
साफी सिरप के फायदे और नुकसान
साफी सिरप के फायदे और नुकसान
साफी सिरप के फायदे और नुकसान (Safi Syrup Ke Fayde Or Nuksan) - साफी सिरप का उपयोग हमारे रक्त की ...
शुगर में अजवाइन के फायदे बताइये
शुगर में अजवाइन
डायबिटीज यानि शुगर में अजवाइन के फायदे बताइये (Sugar me ajwain ke fayde) - डायबिटीज यानि शुगर के मरीज की ...

पेट की गैस को जड़ से खत्म करने के उपाय

कमर दर्द का इलाज

आम || Aam ke fayde || Uses and Benefits of Mango in Hindi

अनार के फायदे और विभिन्न रोगो में प्रयोग की विधि की जानकारी

पुदीना के औषधीय उपयोग || Pudina

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