पेट में वायु गोला बनना पाचन क्रिया की गड़बड़ी के करण होने वाला एक रोग है। जो अपने साथ अनेको बिमारिओ को ले कर आता है।
आइये जानते है पेट में वायु गोला बनने के कारण, पेट में वायु गोला बनने के लक्षण, पेट में वायु गोला की दवा, वायु गोला की आयुर्वेदिक दवा के बारे में।
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पेट में वायु गोला
पेट में नाभि के थोड़ा सा ऊपर या ह्रदय और नाभि के बीच में एक गोल स्थान होता है जहां पेट में बनने वाली गैस यानि वायु जमा होकर रुक जाती है और पेट में फंस जाती है, जिस के कारण यह स्थान उभर कर पेट में गोला या गांठ की तरह का उभार बना देता है। क्योकि यह पेट में गैस की समस्या के कारण बनता है इसलिए इस तरह पेट में एक स्थान पर वायु के एकत्रित होने पर जो उभार बनता है उसे वायु गोला या गुल्म कहते हैं।
वायु का गोला या गुल्म पेट के 5 हिस्सों में हो सकता है. जैसे- दाहिनी कोख, बाई कोख, ह्रदय, पेडू या मूत्राशय में |
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वायु गोला यानि गुल्म के कारण होने वाले रोग | पेट में गैस बनने से क्या क्या परेशानी होती है ?
वायु गोला या गुल्म शरीर में कई रोगो के होने का कारण बन सकता है। इसके कारण –
- पेट दर्द
- कब्ज
- भोजन की इच्छा न होना
- खाना न पचना
- उल्टी
- डकार
- पेट का फूलना
- हर समय बेचैनी रहना
आदि समस्याएं हो सकती है।
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वायु गोला के कारण | वायु का गोला होने के कारण
पेट में वायु गोला होने का सबसे बढ़ा कारण तो बगैर सोचे समझे कुछ भी खा लेने की आदत है। गलत खान पान और असंतुलित जीवनशैली वायु गोला या गुल्म का कारण बनती है। इसके अलावा –
- मल मूत्र का वेग रोकना
- गलत जगह पर चोट लगना
- ऐसा भोजन अधिक मात्रा में करने से जो पचने में भारी होता है।
- बासी, रुखा- सुखा भोजन करने से।
- हमेशा तनावग्रस्त और दुखी रहने और इसी मनोस्तिथि में भोजन करने से।
- दूषित भोजन का सेवन करने के कारण
यह वे कुछ कारण है जिनकी वजह से पेट में अधिक मात्रा में गैस या वायु बनती है जो दूषित हो कर हृदय से मूत्राशय तक के भाग एकत्रित हो कर उस स्थान को उभार देती है या गांठ की तरह बन जाती है जिसे वायु का गोला या गुल्म नाम से भी जाना जाता है।
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पेट में गोला होने के लक्षण | वायु गोला के लक्षण
पेट में वायु गोला (गैस्ट्रिक समस्या) के कुछ आम लक्षण होते हैं:
- पेट में दर्द: ये दर्द अक्सर तेज़ होता है और भारीपन भी महसूस होता है।
- उदर भरापन (सूजन): पेट में भरापन या सूजन का एहसास होता है।
- अत्यधिक डकार आना ( Excessive Burping ): बार बार और बहुत ज्यादा मात्रा में डकार आना।
- आँतों में गैस ( Flatulence ): शरीर में गैस अधिक मात्रा में बनना , जिस वजह से शरीर में डकार, पचकाशता और गैस की समस्या हो सकती है।
- पेट फूलना ( Abdominal Distention ): पेट की आकृति में बदलाव आने लगता है और पेट फूलने लगता है।
- आंवले की बासी आवाज: पेट से आवाज आती है जो आंवले की तरह होती है।
- पेट दर्द के साथ-साथ उदर भारीपन (ऐंठन): दर्द के साथ-साथ पेट में भारीपन का अनुभव होता है।
- पेट की गति का बदलना ( Changes in Bowel Movements ): कब्ज़ या दस्त होना।
- पेट की जलन (एसिडिटी): आंवला, तेज़ाबियत और जलन का अनुभव होता है।
- अनियमित पाचन ( Irregular Digestion ): खाना पचने में दिक्कत या विलिन होना.
- कब्ज व गैस बनने लगती है |
- मुंह सूखने लगता है |
- भूख नहीं लगती है |
- पेट में दर्द रहता है |
- दस्त साफ नहीं होता है |
- आंतों में गुड़गुड़ाहट होती है |
- शरीर का रंग धीरे-धीरे काला पड़ने लगता है |
- महिलाओं को गुल्म गर्भ गिरने |
- खूनी वायु का ठहरना |
- उदर में जलन और पीड़ा होने जैसे कई लक्षण उत्पन्न होते हैं |
यदि आपके पेट में वायु गोला के किसी भी लक्षण का सामना हो, तो आपको एक चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। ये समस्या आम होती है, लेकिन लंबे समय तक बनी रह सकती है, इसलिए इसका इलाज जरूरी है।
पेट में वायु गोला की दवा
पेट में वायु गोला का इलाज करने और इससे बचाव करने के लिए कुछ प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपचार है जैसे खाना खाने की नियमो का पालन करे, योगासन करे और हरड़, लहसुन, अजवाइन, सौंठ जैसे वातनाशक औषधियों का उपयोग करे। साथ ही कुछ परहेजों का पालन भी करे ताकि पेट में वायु गोला या गुल्म की समस्या जल्द ठीक हो जाये।
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पेट की प्राकृतिक चिकित्सा
पेट की प्राकृतिक चिकित्सा करे जैसे समय पर खाना खाये, खाना खाने के नियमो का पालन करे, खाना चबा-२ कर खाये, भूख से कुछ कम खाये, शरीर के वेगो को न रोके जैसे मूत्र, पाद, डकार, उबासी आदि। इसके अलावा अपने भोजन में बादी यानि गैस बनाने वाली वस्तुओ का सेवन न करे, अधिक मसालेदार वस्तुओ का सेवन न करे, फ़ास्ट फ़ूड और पैक्ड फ़ूड से बचे आदि।
योग आसान – वायु गोला की दवा
योगाभ्यास करने से भी गुल्म यानि वायु गोला का इलाज आप आसानी से घर पर ही केर सकते है। इसके लिए पश्चिमोतानासन, शयन पश्चिमोतानासन और व्रजासन जैसे आसान बहुत ही फायदेमंद होते है।
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वायु गोला की आयुर्वेदिक दवा
पेट में वायु गोला की आयुर्वेदिक दवा के रूप में हरड़, लहसुन, अजवाइन, सौंठ जैसे वातनाशक औषधियों का उपयोग करे।
हरड के सेवन से वायु गोला का इलाज
हरड़ आयुर्वेदा में एक प्रसिद्ध वातनाशक औषधि है। यह वात, पित्त और कफ, तीनो के दोषो को दूर करने में सहायक होती है। अगर आपको वायु गोला की समस्या रहती है तो हरड़ का सेवन आपके लिए फायदेमंद सिद्ध हो सकता है। आप छोटी काली हरड़ को मुँह में रखकर चूसने से या पानी के साथ निगलकर या हरड को गुड में मिलाकर दूध के साथ इसका सेवन कर सकते है।
हल्दी और सैंधा नमक से वायु का गोला का इलाज
पेट में हवा भर जाने पर पीसी हुई हल्दी 1 ग्राम और नमक 1 ग्राम मिलाकर गर्म पानी से लेने भी हवा खारिज हो करपेट हल्का हो जाता है।
लहसुन – वायु गोला का उपचार
लहसुन वात यानि वायु से जुड़े रोगो को दूर करने के एक प्रभावशाली और फायदेमंद औषधि है। प्रतिदिन सुबह खाली पेट 1-2 लहसुन की कली पानी के साथ निगलने से पेट में गैस के कारण होने वाले सभी रोगो में फायदा मिलता है, पेट में गैस बननी बंद होती है और वायु गोला भी ठीक हो जाता है।
सौंठ – वायु गोला का उपचार
सौंठ शरीर में वायु के कारण होने वाले रोगो की एक बेहतरीन दवा है। सौंठ 40 ग्राम, सफेद तिल 160 ग्राम और पुराना गुड़ 80 ग्राम को मिलाकर, इन्हे बारीक पीसकर, इनका चूर्ण बना ले और इसे किसी डब्बी में बंद करके रख ले। इस चूर्ण में से 6 से 10 ग्राम की मात्रा में गर्म दूध के साथ सेवन करने से कब्ज, वायु का गोला और शरीर में वायु के कारण होने वाले दर्द दूर होते है।
अजवाइन – वायु गोला का उपचार
अजवाइन कफ और वात से जुड़े रोगो की रामबाण औषधि है। अजवाइन में थोड़ा सा सैंधा नमक मिलाकर, उसका फक्का मारकर या अजवाइन के काढ़े का सेवन करने से कफ के कारण उत्पन्न गुल्म में फायदा होता है।
नींबू – वायु गोला का इलाज
पेट में वायु गोला बनने की स्तिथि में एक नींबू के रस को आधे गिलास हल्के गर्म पानी में मिलाकर पीने से पेट में बना हुआ वायु का गोला समाप्त हो जाता है।
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पेट में वायु गोला होने पर क्या खाये
- बकरी का दूध, गाय का दूध को उबालते समय उसमे छोटी इलाइची जरूर डाले |
- छोटी मूली, बथुआ, सहजन, लहसुन, जमीकंद, परवल, बैगन, करेला, केले का फूल, सफेद कद्दू, कसेरू, बिजोरा निंबू का सेवन किया जा सकता है |
- अनार, आंवला, पका पपीता, कच्चे नारियल का पानी, नारियल, फालसे, खजूर का सेवन किया जा सकता है |
- 1 साल पुराना चावल, दाल- चावल आदि का सेवन करना फायदेमंद होता है।
पेट में वायु गोला होने पर क्या नहीं खाये
- गरिष्ट पदार्थ, बादी करने वाले अनाज, तासीर के विपरीत पदार्थों का सेवन, सूखा मांस, मछली आदि का सेवन नहीं करें।
- शारीरिक संबंध, रात को जागना, अधिक मेहनत करने से बचे।
- आलू, मूली, मीठे फल आदि का प्रयोग करना भी गुल्म रोगी के लिए नुकसानदायक होता है।
- शरीर के वेग जैसे मल, मूत्र, उबासी, छिनक, पाद आदि का वेग रोकने से भी वायु का गोला बनता है इसलिए इन्हे न रोके।
पेट में वायु गोला की दवा
खाना खाने के बाद पेट में गैस बनना घरेलू उपाय
पेट की गैस को जड़ से खत्म करने के उपाय
पेट में गैस का गोला बन जाए तो क्या करें?
पेट में वायु गोला की आयुर्वेदिक दवा के रूप में हरड़, लहसुन, अजवाइन, सौंठ जैसे वातनाशक औषधियों का उपयोग करे।
पेट में गैस बनने से क्या क्या परेशानी होती है?
वायु गोला या गुल्म शरीर में कई रोगो के होने का कारण बन सकता है। इसके कारण पेट दर्द, कब्ज, भोजन की इच्छा न होना, खाना न पचना, उल्टी, डकार, पेट का फूलना, हर समय बेचैनी रहनाआदि समस्याएं हो सकती है।
गैस का गोला क्यों बनता है?
पेट में वायु गोला या गुल्म मल मूत्र का वेग रोकना, गलत जगह पर चोट लगना, ऐसा भोजन अधिक मात्रा में करने से जो पचने में भारी होता है, बासी, रुखा- सुखा भोजन करने से, हमेशा तनावग्रस्त और दुखी रहने और इसी मनोस्तिथि में भोजन करने से, दूषित भोजन का सेवन करने के कारण बनता है
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